नगर परिषद की डिस्पेंसरी में प्रतिदिन ओपीडी की संख्या २०० के करीब थी। २०१४ से पूर्व ओपीडी की संख्या ३०० से अधिक होती थी यानि कि रोजाना दो से तीन सौ मरीजों के स्वास्थ्य की जांच कर निशुल्क दवा का वितरण किया जाता था। इसके अलावा १० रोगियों के अस्थाई भर्ती करने की भी व्यवस्था थी। नगर परिषद की ओर से २०१४ से पूर्व प्रतिवर्ष दस लाख रुपए की दवा की खरीद की जाती थी और गत वर्षों में ६ से ७ लाख रुपए की दवा की खरीद प्रतिवर्ष की जा रही थी। चिकित्सक नहीं मिलने के कारण नगर परिषद इस भवन को जनता क्लिनिक स्थापित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग को हैंडओवर करने पर विचार कर रही है। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार की बजट घोषणा के दौरान शहरी क्षेत्र में पांच जनता क्लिनिक खोले जाने हैं। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने नप से भवन की भी मांग की है।