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कुछ लोग फैलाते हैं गलतफहमी, मीडिया का काम सही सूचना लोगों तक पहुंचाना

जिले में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर)-2025 की गतिविधियां प्रारंभ कर दी गई है। इसी क्रम में कलक्ट्रेट सभागार में जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ. खुशाल यादव तथा उप जिला

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कुछ लोग फैलाते हैं गलतफहमी, मीडिया का काम सही सूचना लोगों तक पहुंचाना

कुछ लोग फैलाते हैं गलतफहमी, मीडिया का काम सही सूचना लोगों तक पहुंचाना

-विशेष गहन पुनरीक्षण-2025 को लेकर जिला निर्वाचन अधिकारी व अतिरिक्त जिला निर्वाचन अधिकारी ने दी जानकारी
-क्लीन वोटर लिस्ट तैयार करने को चार नवम्बर से मैदान में उतरेगी निर्वाचन विभाग की टीम, जिले में 70.14 प्रतिशत मतदाताओं की एसआईआर पूरी
हनुमानगढ़. जिले में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर)-2025 की गतिविधियां प्रारंभ कर दी गई है। इसी क्रम में कलक्ट्रेट सभागार में जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ. खुशाल यादव तथा उप जिला निर्वाचन अधिकारी उम्मेदीलाल मीना ने मीडिया ब्रीफिंग करते हुए कार्यक्रम को लेकर विस्तृत जानकारी दी। इस दौरान उप जिला निर्वाचन अधिकारी उम्मेदीलाल मीणा ने बिहार चुनाव का जिक्र करते हुए कहा कि वोटर लिस्ट को लेकर वहां कई तरह के सवाल उठाए गए। कुछ लोगों ने गलतफहमी भी फैलाई। मामला कोर्ट में जाने पर वस्तुस्थिति भी स्पष्ट हुई। इस बीच एसआईआर प्रक्रिया के दौरान अब मीडिया का अहम रोल रहेगा। सही जानकारी आम लोगों तक पहुंचाने का दायित्व मीडिया पर है। हर कोई मीडिया पर भरोसा भी करता है। ऐसे में एसआईआर प्रक्रिया को पूर्ण करने में सही जानकारी लोगों तक पहुंचे, इसका सबको ध्यान रखना चाहिए। जिला कलक्टर डॉ. खुशाल यादव ने कहा कि विशेष गहन पुनरीक्षण 2025 का उद्देश्य हर पात्र मतदाता को मतदाता सूची में जोडऩा और सूची को पूरी तरह त्रुटिरहित, पारदर्शी एवं समावेशी बनाना है। जिला कलक्टर ने बताया कि 27 अक्टूबर 2025 तक जिले में कुल 14 लाख 47 हजार 472 पंजीकृत मतदाता हैं। इनमें से 70.14 प्रतिशत मतदाताओं की एसआईआर-2025 के तहत भौतिक मैपिंग और 59 प्रतिशत मतदाताओं की ईसीआईनेट पर मैपिंग हो चुकी है। जिले में सर्वाधिक मतदाता हनुमानगढ़ विधानसभा क्षेत्र में 3,10,012 हैं, इसके बाद पीलीबंगा 3,07,955, नोहर 2,93,162, भादरा 2,82,897 और सबसे कम मतदाता संगरिया विधानसभा 2,53,446 में पंजीकृत हैं। विशेष गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम के तहत 28 अक्टूबर से 3 नवंबर तक प्रशिक्षण एवं प्रिंटिंग का कार्य किया जाएगा। इसके बाद 4 नवंबर से 4 दिसंबर तक गणना चरण चलेगा। 9 दिसंबर को प्रारूप मतदाता सूची का प्रकाशन किया जाएगा, जिसके उपरांत एक माह तक दावे एवं आपत्तियों का निस्तारण किया जाएगा। नौ दिसंबर 2025 से 31 जनवरी 2026 तक शेष रहे मतदाताओं को नोटिस जारी कर सुनवाई एवं सत्यापन किया जाएगा। अंतत: सात फरवरी 2026 को अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन किया जाएगा। इस दौरान प्रपत्र भरने में कुछ स्वयंसेवक भी मतदाताओं की मदद करेंगे। विशेष रूप से वृद्ध, बीमार, दिव्यांग, गरीब और कमजोर वर्ग के मतदाताओं की सहायता के लिए जिले में 344 हेल्प डेस्क स्थापित की गई हैं तथा 4756 स्वयंसेवक नियुक्त किए गए हैं। ये स्वयंसेवक घर-घर जाकर जरूरतमंद मतदाताओं को फॉर्म भरने और सत्यापन में सहयोग करेंगे। अतिरिक्त जिला निर्वाचन अधिकारी उम्मेदीलाल मीना, एपीआरओ राजपाल लंबोरिया, निर्वाचन शाखा से पवन कुमार आदि मौजूद रहे।

1549 मतदान केंद्रों पर चलेगा अभियान
जिले में वर्तमान में 1294 मतदान केंद्र पंजीकृत हैं, 255 नवीन वृद्धि मतदान केंद्र हैं। इस प्रकार जिले के 1549 मतदान केंद्रों के अनुसार मतदाता सूचियों का प्रारूप प्रकाशित किया जाएगा। राजनीतिक दलों द्वारा बीएलए-2 की नियुक्तियां भी की जा रही है। भारतीय जनता पार्टी द्वारा 1023, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा 1294 और सीपीआई (एम) द्वारा 284 बीएलए-2 नियुक्त किए गए हैं। इसमें बूथ लेवल अधिकारी (बीएलओ) प्रत्येक मतदाता के घर तीन बार जाएंगे। वे परिगणना प्रपत्र घर-घर वितरित करेंगे और वहीं से संग्रह भी करेंगे। गणना चरण के दौरान किसी भी अतिरिक्त दस्तावेज की आवश्यकता नहीं होगी। जिन मतदाताओं से परिगणना प्रपत्र प्राप्त होंगे, उन्हें ही ड्राफ्ट रोल में शामिल किया जाएगा। सिर्फ वे मतदाता जिनका डेटा पिछले एसआईआर से मेल नहीं खाता या लिंक नहीं है, उन्हें नोटिस जारी किया जाएगा और पात्रता के अनुसार सुनवाई के बाद नाम जोड़े जाएंगे।

पारदर्शिता पर रहेगा जोर
कलेक्टर डॉ. यादव ने कहा कि इस प्रक्रिया का मुख्य उद्देश्य है—कोई भी पात्र नागरिक मतदाता सूची से छूटे नहीं और कोई भी अपात्र व्यक्ति शामिल न हो। ईआरओ के निर्णय के विरुद्ध जिला निर्वाचन अधिकारी प्रथम अपील की सुनवाई करेंगे, जबकि द्वितीय अपील मुख्य निर्वाचन अधिकारी के समक्ष की जा सकेगी। बीएलए भी मतदाताओं से भरे हुए परिगणना प्रपत्र एकत्रित कर सकेंगे, लेकिन वे एक दिन में अधिकतम 50 प्रपत्र ही जमा कर सकेंगे, जिनका बीएलओ द्वारा सत्यापन किया जाएगा। इन सम्पूर्ण परिगणना प्रपत्र का उत्तरदायित्व बीएलए का रहेगा। जिन वोटरों का नाम वर्ष 2002 की मतदाता सूची में शामिल है, उनका ऑनलाइन वेरिफिकेशन होगा और उन्हें कोई दस्तावेज दिखाने की जरूरत नहीं होगी। बीएलओ अपनी मर्जी से किसी वोटर का नाम नहीं हटा सकेगा।

आवश्यकता पडऩे पर पहचान और पात्रता के यह रहेंगे दस्तावेज
जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि नोटिस प्राप्त होने पर मतदाता पात्रता साबित करने के लिए दस्तावेजों की सूची में से कोई भी प्रस्तुत कर सकते हैं। सरकारी कर्मचारी / पेंशनभोगी का पहचान पत्र या पेंशन आदेश, 1 जुलाई, 1987 से पूर्व जारी सरकारी/ बैंक / डाकघर / एलआईसी आदि का पहचान प्रमाण, जन्म प्रमाणपत्र, पासपोर्ट या शैक्षिक प्रमाणपत्र, स्थाई निवास प्रमाणपत्र, भूमि/ गृह आवंटन पत्र। जाति प्रमाणपत्र, वन अधिकार पत्र या परिवार रजिस्ट्रर सहित अनेक दस्तावेजों को शामिल किया गया है।