script

300 रुपए प्रति क्विंटल होना चाहिए कमीशन

locationहनुमानगढ़Published: Jan 12, 2021 11:35:47 pm

Submitted by:

adrish khan

300 रुपए प्रति क्विंटल होना चाहिए कमीशन डिपो होल्डर ने जिला कलक्टर को सौंपा ज्ञापनहनुमानगढ़. जिला हनुमानगढ़ अधिकृत राशन विक्रता समिति की ओर से विभिन्न मांगों के निस्तारण की मांग को लेकर मुख्यमंत्री के नाम जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपा।

300 रुपए प्रति क्विंटल होना चाहिए कमीशन

300 रुपए प्रति क्विंटल होना चाहिए कमीशन


300 रुपए प्रति क्विंटल होना चाहिए कमीशन
डिपो होल्डर ने जिला कलक्टर को सौंपा ज्ञापन
हनुमानगढ़. जिला हनुमानगढ़ अधिकृत राशन विक्रता समिति की ओर से विभिन्न मांगों के निस्तारण की मांग को लेकर मुख्यमंत्री के नाम जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन जिलाध्यक्ष सुरेंद्र भीड़ासरा के नेतृत्व में दिया गया। ज्ञापन में राशन विक्रेता का गेहूं का कमीशन प्रति क्विंटल 300 रूपए करने बाबत, कोविड-19 की अवधि 28 मार्च 2020 से कार्यरत राशन डीलर जिनकी इस अवधि में किसी भी कारण मृत्यु हो गई है उसके आश्रित को अनुकम्पा नियुक्ति में मृतक डीलर की आयु सीमा व आश्रित की आयु सीमा व योग्यता के प्रावधानों में छूट देने की मांग, खाद्यान पर 2 प्रतिशत छीजत दिए जाने, खाद्य विभाग की ओर से 5:21 रूपए पोश मशीन मेंटिनेंस के काटे जाने के विरोध में ज्ञापन सौंपा। जिलाध्यक्ष सुरेंद्र भीड़ासरा ने जिला कलक्टर को बताया कि बताया कि इस मंहगाई के दौर में राशन विक्रेता को 10 रूपए प्रति क्विवंटल गेहूं के कमीशन में अपना परिवार का पालन पोषण करना संभव नहीं हो रहा है। जबकि पड़ोसी राज्य दिल्ली में प्रति क्विंटल गेहूं का कमीशन 200 रूपए व हरियाणा में 150 रूपए दिया जा रहा है। राजस्थान प्रदेश में डीलर की सेवाओं को देखते हुए कमीशन 300 रुपए प्रति क्विंटल किया जाना चाहिए। जिससे डिपो होल्डर सुचारू रूप से अपने परिवार का पालन पोषण कर सकें। कोविड-19 की अवधि में कई विक्रेता कोरोना संक्रमित हुए हैं। इनमें कई जनों की मृत्यु भी हो गई। ऐसे डीलर जो किसी कारण से जांच नहीं करवा पाए और उनकी भी इस अवधि में किसी अन्य कारण से मृत्यु हो गई तो उनके परिवार को अनुकम्पा की नियुक्ति का लाभ दिया जाना चाहिए, कोविड-19 की आपदा में रोजगार शून्य हो चुका है और ऐसी स्थिति में जिस राशन विक्रेता की मृत्यु हो गई है उसके आश्रित को अनुकम्पा नियुक्ति नहीं दी जाएगी तो उसका परिवार भूखे मरने की स्थिति में आ जाएगा। मृतक राशन विक्रेता की आयु सीमा असीमित व अनिश्चित व आश्रित की आयु 55 वर्ष तथा आश्रित की शैक्षणिक योग्यता 8वीं पास निर्धारित की जाए चाहे राशन डीलर का किसी भी कारण से इस कोविद काल में मृत्यु हो गई हो। खाद्यान्नों पर सरकार की ओर से एक प्रतिशत छीजत देय थी परन्तु जब से एनएफएसए कानून लागू हुआ है यह छीजत का प्रावधान विलुप्त कर दिया गया है जिसको पुन: कानून के अन्तर्गत लाया जाए और राशन विक्रेता को खाद्यान्न पर दो प्रतिशत की छीजत दिया जाना न्याय हित में होगा। राशन विक्रेता ने जब से पोस मशीन के माध्यम से वितरण हुआ है तब से ही अपने खर्चे पर मशीनों का रख रखाव करने में व मरम्मत कराने में निजी तौर पर खर्चा वहन किया है इस विषय में कई बार खाद्य विभाग को पत्रों के माध्यम से व चर्चा के माध्यम से अवगत कराया जा चुका है और इस विषय को लेकर जो पोस मशीन सप्लायर थे उनका भुगतान भी रोका गया था। इस मौके पर राजकुमार छाबड़ा, मोहन शर्मा, ऋषि खदरिया, सुरेंद्र बुकर, सुभाष सियाग, हबीब रहमान कुरेशी, बंटी भूतना, रणवीर सिहाग, विजय सुथार, ओमप्रकाश ढाका, विनोद कुमार, पवन कुमार, भवानी शंकर, रमजान खान, रमेश मिढ्ढा, हंसराज आदि मौजूद रहे।
*******************************

ट्रेंडिंग वीडियो