बीजेपी ले रही फर्जी वोट का सहारा
इस संबंध में सोमवार को यहां सोनी धर्मशाला में आयोजित प्रेस वार्ता में पूर्व विधायक सुचित्रा आर्य, ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष धर्मपाल गोदारा ने कहा कि उपचुनावों में लगातार हार का स्वाद चख रही भाजपा अब राज्य के प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में फर्जी वोट का सहारा लेने का षड्यंत्र रच रही है। जिसके चलते नोहर विधानसभा क्षेत्र में भी 1 लाख 68 हजार वोट संदिग्ध रूप से बनाए गए हैं। जिनमें मतदाता का एपिक नम्बर, नाम, लिंग, संबंध आदि सभी समान हैं।
निर्वाचन विभाग की साईट पर हैं तथ्य
वक्ताओं ने कहा कि ये सभी तथ्य मनगढ़ंत या स्वरचित न होकर निर्वाचन विभाग की साईट पर दर्शाए गए हैं। जिससे स्पष्ट होता है कि भाजपा अब चुनाव जीतने के लिए ओछे हथकंडे अपना रही है। उन्होंने बताया कि दो मतदाता का एपिक नम्बर कभी एक हो ही नहीं सकता। यह स्वत: जनरेट होता है। लेकिन 257 बूथ पर 715 मतदाताओं को एक ही एपिक नम्बर अलॉट कर दिया गया है।
वक्ताओं ने कहा कि ये सभी तथ्य मनगढ़ंत या स्वरचित न होकर निर्वाचन विभाग की साईट पर दर्शाए गए हैं। जिससे स्पष्ट होता है कि भाजपा अब चुनाव जीतने के लिए ओछे हथकंडे अपना रही है। उन्होंने बताया कि दो मतदाता का एपिक नम्बर कभी एक हो ही नहीं सकता। यह स्वत: जनरेट होता है। लेकिन 257 बूथ पर 715 मतदाताओं को एक ही एपिक नम्बर अलॉट कर दिया गया है।
प्रदेश में कई फर्जी मतदाता आपको बता दें कि प्रदेश कांग्रेस बार बार दोहरा रही है कि प्रदेश में 42.08 लाख मतदाता फर्जी हैं। ये वे मतदाता हैं, जिनके एक से अधिक स्थानों पर मतदाता सूची में नाम दर्ज हैं। भारत निर्वाचन आयोग को शिकायत कर चुकी कांग्रेस अब नाम हटाने के लिए अब जिला व ब्लॉक स्तर पर भी निर्वाचन अधिकारियों को शिकायत दर्ज कराएगी। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट व एआइसीसी विधि मानवाधिकार एवं आरटीआइ विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष विवेक तनखा ने प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में पत्रकारों को बताया कि राज्य में आबादी के अनुपात में मतदाताओं की संख्या तेजी से बढ़ रही है। राजस्थान में 2013-2018 के बीच लगभग 70-80 लाख मतदाताओं में वृद्धि हुई है, जो जनसंख्या के अनुपात में कई गुना ज्यादा है। इतने बड़े अनुपात में मतदाताओं के बढऩे से स्पष्ट होता है कि लाखों नाम गलत तरीके से जुड़ गए हैं, जबकि इसके विपरीत अनेकों लोग मतदाता सूची में नाम जुड़वाने से वंचित रह गए हैं।