बीते बरसों में सफेद मक्खी सहित अन्य कीटों के प्रकोप से हनुमानगढ़ जिले में भी कपास की फसल को काफी नुकसान हो चुका है। इसे देखते हुए अफसर अब समय पर सर्तकता बरत रहे हैं। वर्ष २०१५-१६ में सफेद मक्खी का प्रकोप आने के कारण बीते एक दशक में सबसे कम उत्पादन हुआ था। उस वक्त प्रति हेक्टेयर महज १४.७५ क्विंटल उत्पादन हुआ था। जबकि २०१८-१९ में समय पर प्रबंधन करने के कारण औसत उत्पादन २४ क्विंटल प्रति हेक्टेयर के करीब हुआ। इस बार भी अफसर रसायनों की उचित निगरानी कर फसलों को बीमारियों से बचाने में कामयाब हो जाते हैं तो निश्चित तौर पर बम्पर पैदावार होगी।