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दरक ना जाए बांध, इसलिए पाकिस्तान में छोड़ रहे पानी

locationहनुमानगढ़Published: May 25, 2020 07:51:13 am

Submitted by:

Purushottam Jha

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हनुमानगढ़. पानी का मुद्दा राजस्थान के लिए हमेशा काफी गर्म रहा है। नहरी पानी के लिए रावला-घड़साना किसान आंदोलन को भुलाया नहीं जा सकता। शायद इसे सियासी गलियारे के लोग भी बखूबी समझते हैं। इसलिए चुनाव के वक्त नहरी पानी के मुद्दे को खूब उछालते हैं। बीते लोकसभा और विधानसभा चुनाव की बात करें तो पीएम और सीएम सभी ने मिलकर पाकिस्तान जा रहे पानी को रोकने को लेकर दावे किए थे। परंतु सत्ता हाथ लगते ही यह दावे अब हवा हो गए हैं।
 

दरक ना जाए बांध, इसलिए पाकिस्तान में छोड़ रहे पानी

दरक ना जाए बांध, इसलिए पाकिस्तान में छोड़ रहे पानी

दरक ना जाए बांध, इसलिए पाकिस्तान में छोड़ रहे पानी
हनुमानगढ़. पानी का मुद्दा राजस्थान के लिए हमेशा काफी गर्म रहा है। नहरी पानी के लिए रावला-घड़साना किसान आंदोलन को भुलाया नहीं जा सकता। शायद इसे सियासी गलियारे के लोग भी बखूबी समझते हैं। इसलिए चुनाव के वक्त नहरी पानी के मुद्दे को खूब उछालते हैं। बीते लोकसभा और विधानसभा चुनाव की बात करें तो पीएम और सीएम सभी ने मिलकर पाकिस्तान जा रहे पानी को रोकने को लेकर दावे किए थे। परंतु सत्ता हाथ लगते ही यह दावे अब हवा हो गए हैं।
जमीनी हकीकत यह है कि मानसून से पहले ही बांधों में भंडारित पानी को अब पाकिस्तान भेजा जाने लगा है। पिछले एक पखवाड़े की बात करें तो अब तक दो लाख क्यूसेक से अधिक पानी हरिके डाउन स्ट्रीम के जरिए पाकिस्तान क्षेत्र के लिए छोड़ा जा चुका है। जल संसाधन विभाग के अधिकारी बताते हैं कि इस वक्त औसतन १५ से १८ हजार क्यूसेक पानी रोज पाक में प्रवाहित किया जा रहा है।
क्योंकि इस वक्त भाखड़ा व पौंग बांध का जल स्तर काफी अच्छा है। इसलिए सुरक्षा दृष्टि से बांधों को खाली करना बहुत जरूरी है। वहीं इस पानी को सहेजने के लिए अब तक कोई प्लान क्यों नहीं बनाया गया, इस सवाल पर सभी चुप्पी साधे हुए हैं। वहीं इस समय भाखड़ा, पौंग सहित अन्य बांधों की स्थिति भी खतरे में है। इसलिए इनके जल स्तर की साप्ताहिक समीक्षा भी की जा रही है। सोमवार को होने वाली विशेष वीडियो कान्फ्रेसिंग में बांधों के सुरक्षा संबंधी मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। इसमें शामिल होने के लिए जल संसाधन विभाग उत्तर संभाग कार्यालय हनुमानगढ़ के मुख्य अभियंता को भी सूचित किया गया है।
चल सकती थी कई नहरें
गत एक पखवाड़े से लगातार पाकिस्तान क्षेत्र में हजारों क्यसूेक पानी प्रवाहित किया जा रहा है। विडम्बना यह है कि बांधों के जल स्तर को मेनटेन करने को लेकर तो सरकार गंभीर है लेकिन नहरों का रेग्यूलेशन मेनटेन करने के प्रति उदासीन ही रही है। इसके कारण हमारे मुल्क के किसानों को हक के पानी से वंचित होना पड़ रहा है। जितना पानी पाक क्षेत्र में प्रवाहित कर रहे हैं, उतने पानी से राजस्थान की कई छोटी बड़ी नहरें चलाई जा सकती थी।
….फैक्ट फाइल…..
-इस सीजन में २४ जून २०२० तक ०२ लाख क्यूसेक से अधिक पानी पाकिस्तान क्षेत्र में प्रवाहित किया जा चुका है।
-अबकी बार सतलुज नदी के कैचमेंट एरिया में 450 व व्यास नदी के जल ग्रहण क्षेत्रों में 580 एमएम की मोटाई तक ऐतिहासिक बर्फबारी हुई है। इससे जून के प्रथम सप्ताह में बांधों में पानी की अच्छी आवक होने की उम्मीद है।
-अंतरराज्यीय जल समझौते के तहत रावी व्यास के शेयर में राजस्थान का हिस्सा ८.६ एमएफ निर्धारित है।
-नहरी क्षेत्रों से राज्य में ४००० से ५००० करोड़ का उत्पादन हो रहा है।
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