पत्रिका ने बयां किया दर्द तो सोशल मीडिया पर चली मुहिम, प्रदेश स्तर पर मिला होनहार बेटियों को आर्थिक सम्बल
हनुमानगढ़Published: Jun 09, 2019 12:57:21 pm
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पत्रिका ने बयां किया दर्द तो सोशल मीडिया पर चली मुहिम, प्रदेश स्तर पर मिला होनहार बेटियों को आर्थिक सम्बल
पत्रिका ने बयां किया दर्द तो सोशल मीडिया पर चली मुहिम, प्रदेश स्तर पर मिला होनहार बेटियों को आर्थिक सम्बल
– बाड़मेर के युवा ने सोशल मीडिया के जरिए जुटाई सहायता राशि
– पत्रिका के जरिए निरंतर मिल रहा खेल परियों को प्रोत्साहन
हनुमानगढ़/बाड़मेर. राजस्थान पत्रिका की मुहिम से हनुमानगढ़ की होनहार बेटियों को अब प्रदेश स्तर पर भी आर्थिक सम्बल मिल रहा है। पहले पत्रिका ने दोनों खिलाड़ी बहनों को जिले से सहायता राशि दिलाकर मार्च में थाइलैंड में खेलने भिजवाया। वहां हनुमानगढ़ जंक्शन के हाउसिंग बोर्ड निवासी बहनें शाहिना व शिमनान ने विभिन्न वर्ग में स्वर्ण सहित कई पदक जीते। अब फिर वे जुलाई में ताइक्वांडो की थाईलैंड में होने वाली अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में अपनी प्रतिभा दिखाएंगी। इस दफा यह मुमकिन होगा बाड़मेर के सहयोग से। आर्थिक दिक्कतों के चलते अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में बेटियों को खिलवाने, उनके प्रशिक्षण आदि का खर्च जुटाना पिता अकरम खान के लिए बहुत मुश्किल साबित हो रहा है। बच्चियों की प्रतिभा कहीं आर्थिक परेशानियों के नीचे दब नहीं जाए, यहीं चिंता पिता को निरंतर खा रही थी। इसके बाद राजस्थान पत्रिका में 4 फरवरी 2019 को ‘खेल परियों की परवाज, थाम रहे तंगी, रस्मो रिवाजÓ शीर्षक से समाचार प्रकाशित कर पीड़ा उजागर की। हनुमानगढ़ के संवेदनशील लोग आगे आए तथा परिवार की मदद की। इससे वे मार्च 2019 में थाईलैंड खेलने जा सकी।
पत्रिका में प्रकाशित समाचारों का असर बाड़मेर में भी हुआ। बाड़मेर के खोखसर निवासी दिने खान मंगलिया ने सोशल मीडिया पर ग्रुप बनाया तो बेटियों के खाते में 1 लाख रुपए की मदद पहुंच गई। इसके अलावा 50 हजार रुपए और बेटियों के खाते में शीघ्र जमा होंगे। ग्रुप में बाड़मेर, जैसलमेर, जोधपुर, फलौदी आदि के लोगों ने राशि जुटाई है। पिता अकरम खान ने बताया कि दोनों बहने अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं। इस साल जुलाई में बैंकाक में होने वाली ताइक्वांडो की इंटरनेशनल प्रतियोगिता के लिए दोनों तैयारी में जुटी है। आर्थिक मदद मिलने से दोनों खूब उत्साहित हैं।
दिखाई खूब प्रतिभा
जीत कुने डो मार्शल आट्र्स फेडरेशन इंडिया की ओर से भारतीय टीम में शामिल होकर शाइना व शिमनान दोनों पुत्री मोहम्मद अकरम ने चौथी अंतरराष्ट्रीय थाई मार्शल आट्र्स खेल एवं महोत्सव में हिस्सा लिया। यह प्रतियोगिता बैंकॉक में 8 से 17 मार्च के बीच खेली गई। शाईना ने मुए थाई स्पर्धा सीनियर महिला 60 किलो भार वर्ग में कांस्य पदक जीता। जबकि एशियन जीत कुने डो अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में अपने भार वर्ग में स्वर्ण पदक जीता। इसी तरह शाईना की छोटी बहन शिमनान ने मुए थाई खेल सीनियर महिला 55 किलो भार वर्ग में कांस्य पदक तथा एशियन जीत कुने डो प्रतियोगिता में अपने भार वर्ग में स्वर्ण पदक जीत देश व जिले का नाम रोशन किया।
पत्रिका की मुहिम से प्रोत्साहन
हाऊसिंग बोर्ड निवासी दोनों बहनों को इस प्रतियोगिता के लिए बैंकॉक जाने में दिक्कत आ रही थी। इसकी वजह आर्थिक व सामाजिक समस्याएं थी। राजस्थान पत्रिका ने समाचार प्रकाशित कर होनहार बालिकाओं की पीड़ा बयां की। जिला कलक्टर जाकिर हुसैन व पीआरओ सुरेश बिश्नोई ने संवेदनशीलता दिखाते हुए बच्चियों को आर्थिक सहायता दिलाने का प्रयास शुरू किया। समाज के पांच जिम्मेदार नागरिकों ने प्रतिभाशाली बालिकाओं को प्रोत्साहन देने का जिम्मा उठाया। भामाशाह श्योनारायण पूनिया के पुत्र शेरेकां निवासी कुलदीप बिश्नोई व व्यापार मंडल शिक्षण समिति के अध्यक्ष बालकृष्ण गोल्याण, गोगामेड़ी स्थित गौरक्ष धाम के महंत रूपनाथ, हनुमानगढ़ के उद्योगपति शिवशंकर खडग़ावत तथा भादरा के रियल एस्टेट कारोबारी व पार्षद अनवर कुरेशी ने मिलकर सवा लाख रुपए की आर्थिक सहायता देकर बेटियों को सपने पूरे करने का मौका दिया। दोनों बहनों ने जनवरी में चंडीगढ़ में सम्पन्न नेशनल चैम्पियनशिप में भी स्वर्ण पदक जीते थे। वे अब तक दर्जनों पदक जीत चुकी हैं। इनकी छोटी बहन नाजनीन ताईक्वांडो व स्केटिंग दोनों में जौहर दिखा रही है। शाईना व शिमनान ने पिछले साल कैंडी, श्रीलंका में साउथ एशियन ताईक्वांडो चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीते थे।
ग्रुप बनाकर जुटाई राशि
पत्रिका में समाचार पढऩे के बाद बेटियों की मदद का प्रयास शुरू किया। सोशल मीडिया पर ग्रुप बनाकर लोगों को जोड़ा तो मदद मिलनी शुरू हो गई। अब तक एक लाख रुपए बेटियों के खाते में जमा हो गए हैं। मदद का सिलसिला बना हुआ है। – दिने खां मंगलिया, सामाजिक कार्यकर्ता, बाड़मेर।