जिस दिन कत्ल का सौदा किया गया, उसी दिन आरोपितों ने यह भी तय किया आगे से मोबाइल फोन पर बात करने की बजाय केवल व्हॉटसप पर ही प्लानिंग करेंगे। हालांकि कत्ल की साजिश करीब दो वर्ष से चल रही थी। हत्यारे लगातार हरवीर की रैकी कर रहे थे। इस दौरान 24 सितम्बर 2018 को मौका पाकर हिस्ट्रीशीटर रामनिवास महला ने गोली मारकर हरवीर की हत्या कर दी। हत्या मामले में मुख्य आरोपित रामनिवास महला को पुलिस ने मंगलवार रात को शेखावटी क्षेत्र से गिरफ्तार किया था।
उसके बयान और हत्या मामले में मिले सुबूतों के आधार पर पुलिस ने मामले में आरोपित केंद्रीय सहकारी बैंक बैंक हनुमानगढ़ के चैयरमेन महेंद्र पूनियां, अमनदीप पुत्र कुलदीप जाट निवासी रावतसर, रमेश कुमार पुत्र शीशपाल जाति सुथार, अशोक कुमार पुत्र बृजलाल जाति रैगर निवासी वार्ड नंबर नौ रावतसर को भी गिरफ्तार किया है। इनसे पुलिस लगातार पूछताछ करने में जुटी हुई है। पुलिस के अनुसार वर्ष 2015 में धरना-प्रदर्शन के दौरान मृतक हरवीर सहारण ने बैंक के चैयरमेन महेंद्र पूनियां को सरेआम थप्पड़ मारा था। इसके बाद से महेंद्र पूनियां और हरवीर सहारण के बीच रंजिश रहने लगी और महेंद्र हरवीर की हत्या करवाने की साजिश रचने लगा।
उल्लेखनीय है कि 24 सितम्बर 2018 को सुबह करीब साढ़े ग्यारह बजे रावतसर एसडीएम कार्यालय परिसर में पार्षद हरवीर सहारण पर चार जनों ने हमला कर दिया था। उनको गंभीर हालत में जिला अस्पताल लाया गया। यहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। इस संबंध में मृतक के पुत्र हनुमंत सहारण ने रामनिवास महला तथा तीन अन्य के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कराया था। उनका आरोप था कि रामनिवास महला पुत्र हाकमाराम निवासी चाईया व तीन अन्य आए।
रामनिवास ने पिता को धमकाते हुए कहा कि तुम महेन्द्र पूनियां की खिलाफत करते हो। नोहर से चुनाव लडऩा चाहते हो, तुझे अभी सबक सिखाते हैंइसके बाद पिस्तौल से कई गोली मारी। परिवादी व अन्य ने शोर मचाया तो आरोपित अपने वाहन से फरार हो गए। पिता की 30 सितम्बर को नोहर की जाट धर्मशाला में सभा व रैली प्रस्तावित थी। इसे विफल करने तथा उनको चुनाव लडऩे से रोकने के लिए उनकी हत्या की गई।