हनुमानगढ़

फटे कुर्ते की चर्चा, जिनकी जान गई उनका जिक्र तक नहीं

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हनुमानगढ़. संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े किसान तीनों कृषि कानून के रद्द होने तक आंदोलन जारी रखेंगे। इसी क्रम में मोदी गद्दी छोड़ो मुहिम चलाने का निर्णय किया गया है। इसकी शुरुआत नौ अगस्त से होगी। यह बात संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य रामेश्वर वर्मा ने बुधवार को प्रेसवार्ता में कही।
 

हनुमानगढ़Aug 04, 2021 / 09:51 pm

Purushottam Jha

फटे कुर्ते की चर्चा, जिनकी जान गई उनका जिक्र तक नहीं

फटे कुर्ते की चर्चा, जिनकी जान गई उनका जिक्र तक नहीं
-संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े पदाधिकारियों ने भाजपा नेताओं पर लगाया आंदोलन को बदनाम करने का आरोप
-नौ अगस्त से शुरू करेंगे मोदी गद्दी छोड़ो मुहिम
हनुमानगढ़. संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े किसान तीनों कृषि कानून के रद्द होने तक आंदोलन जारी रखेंगे। इसी क्रम में मोदी गद्दी छोड़ो मुहिम चलाने का निर्णय किया गया है। इसकी शुरुआत नौ अगस्त से होगी। यह बात संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य रामेश्वर वर्मा ने बुधवार को प्रेसवार्ता में कही। जंक्शन भगत सिंह चौक के पास स्थित गुरुद्वारा सिंह सभा में मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि श्रीगंगानगर में एक भाजपा नेता के कुर्ता फटने की चर्चा जोरों पर है। मगर दिल्ली में इसी किसान आंदोलन में अब तक कई किसान अपनी जान गवां चुके हैं। इसका जिक्र तक नहीं है। श्रीगंगानगर में जिस घटना में नेता का कुर्ता फटा, उसी जगह कई किसानों का खून भी बहा। अफसोस इसकी फिक्र किसी को नहीं है। उन्होंने मीडियाकर्मियों से कहा कि यह ऐसा वक्त है, जब मीडिया को भी काफी सावचेत होकर काम करने की जरूरत है। क्योंकि भाजपा के लोग आंदोलन को जाति और धर्म का रंग देकर इसे बदनाम करने की साजिश में लगे हैं।
मोर्चा से जुड़े रघुवीर वर्मा ने कहा कि श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ में आंदोलन शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा था। मगर भाजपा ने इसे जाति का रंग दे दिया। इतने से बात नहीं बनी तो एक नेता का कुर्ता फड़वाकर आंदोलन को खराब करने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में हनुमानगढ़ भाजपा के निशाने पर होगा। श्रीगंगानगर जैसी घटना यहां भी करवाने का प्रयास करेंगे। क्योंकि भाजपा का चाल-चरित्र कुछ भी नहीं है। किसान नेताओं से आह्वान किया, वह सतर्क होकर कार्य करें। आगे कहा कि हमारा हिंसा में विश्वास नहीं है। इसलिए शांतिपूर्ण तरीके से आठ महीने से आंदोलन कर रहे हैं। इस मौके पर कुछ वक्ताओं ने कहा कि तीनों कृषि कानून किसानों की मौत का वारंट है। इसे किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। एमएसपी पर खरीद की गारंटी देने तथा तीनों कृषि कानून को रद्द करने तक आंदोलन को जारी रखने की बात कही। इसी क्रम में नौ अगस्त को किसान संसद का आयोजन किया जाएगा। हनुमानगढ़ जंक्शन मंडी में नौ अगस्त को सभा होगी। इसके बाद सभी कलक्ट्रेट पहुंचकर मांगों का ज्ञापन कलक्टर के माध्यम से राष्ट्रपति को भेजेंगे। रेशम मानुका ने कहा कि केंद्र सरकार उद्योगपतियों के हाथ में पॉवर देना चाहती है। इसलिए हम किसानों की आवाज को बुलंद कर रहे हैं। मांगे मानने तक आंदोलन जारी रखेंगे। गांवों में किसान संसद का आयोजन कर रहे हैं। इससे केंद्र सरकार की गलत कृषि नीति को ज्यादा से ज्यादा लोग समझ सकेंगे। सौरभ राठौड़ ने कहा कि फसल और किसानों की नस्ल बचाने को लेकर यह आंदोलन कर रहे हैं। अभी तक कई किसान आंदोलन स्थल पर जान भी गवां चुके हैं। मगर केंद्र सरकार मांगे मानने को तैयार नहीं हो रही। भाजपा नेताओं को आगाह किया कि वह अनर्गल बयानबाजी से बचें। क्योंकि यह हनुमानगढ़ की संस्कृति नहीं रही है। बहादुर सिंह चौहान, अवतार सिंह, विक्रम नैण, सुरेंद्र शर्मा आदि मौजूद रहे।
कलक्टर से भी शिकवा
संयुक्त किसान मोर्चा की प्रेसवार्ता में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ स्थानीय कलक्टर भी निशाने पर रहे। माकपा नेता रामेश्वर वर्मा व आत्मा सिंह ने कहा कि किसानों व मजदूरों में काफी गुस्सा है। कलक्ट्रेट में बीजेपी नेताओं को कोई रोकटोक नहीं है। लेकिन जब महिलाएं और मजदूर कलक्टर से मिलने जाते हैं तो उन्हें बाहर बैठाकर रखा जाता है। वक्ताओं ने कहा कि कलक्टर से भी हमें शिकवा है। मजदूर व किसान की कलक्टर अनदेखी करेंगे तो इसे सहन नहीं किया जाएगा।
तो बताएंगे कानून में क्या-क्या काला
संयुक्त किसान मोर्चा की प्रेसवार्ता में वक्ताओं ने तीनों कृषि कानून की खिलाफत करते हुए कहा कि भाजपा नेता इसके फायदे बता रहे हैं। यदि कानून सच में इतना फायदेमंद है तो भाजपा नेता हमारे साथ बैठकर चर्चा क्यों नहीं करते। वक्ताओं ने कहा कि सामने बैठकर चर्चा करेंगे तो हम उन्हें बताएंगे कि कानून में क्या-क्या काला है।

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