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फर्जी हस्ताक्षर प्रकरण में न्यायालय के आदेश की अवहेलना

locationहनुमानगढ़Published: Apr 01, 2019 12:26:52 pm

Submitted by:

adrish khan

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फर्जी हस्ताक्षर प्रकरण में न्यायालय के आदेश की अवहेलना

फर्जी हस्ताक्षर प्रकरण में न्यायालय के आदेश की अवहेलना
– एसपी को सौंपे ज्ञापन में लगाया आरोप
हनुमानगढ़. न्यायालय की आदेशिका में फर्जी हस्ताक्षर प्रकरण में उच्च न्यायालय के आदेशों की अवहेलना कर पुलिस पर आरोपियों को लाभ देने का आरोप लगाया गया है। इस संबंध में एसपी कालूराम रावत को ज्ञापन दिया गया है। इसमें प्रार्थिया रीटा सोनी ने जंक्शन थाना पुलिस को सभी आरोपियों को नामजद करने तथा एफएसएल को एफआईआर में अंकित कराने का निर्देश देने की मांग की गई। ज्ञापन में बताया कि स्टेट बनाम महेन्द्रपाल फौजदारी में अनिल सोनी पुत्र सुभाष सोनी ने न्यायालय की आदेशिका में मुल्जिम नरेश कुमार के स्थान पर उसके फर्जी हस्ताक्षर कर अपराध कारित किया। इसमें नरेश कुमार, महेन्द्र पाल, रमेश कुमार, चन्द्रपाल, देवपाल के साथ अधिवक्ता व अभियोजन अधिकारी का सहयोग रहा। एफएसएल जांच में हस्ताक्षर फर्जी पाए गए। इसके बाद प्रार्थना पत्र मय एफएसएल रिपोर्ट न्यायालय के समक्ष पेश कर आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज करने का निवेदन किया गया। न्यायालय ने टाउन पुलिस को जांच का आदेश दिया। पुलिस ने प्रार्थिया के प्रस्तुत प्रार्थना पत्र व उसके साथ संलग्न एफएसएल का जिक्र नहीं करते हुए केवल नरेश कुमार व अनिल सोनी को ही नामजद किया। अन्य को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से जानबूझकर नामजद नहीं किया। पुलिस ने जांच कर रिपोर्ट न्यायालय में प्रस्तुत कर दी। न्यायालय से एफआईआर दुरुस्त कराने, थानाधिकारी के विरुद्ध कार्यवाही आदि का निवेदन किया गया। स्थानीय न्यायालय के आदेश से संतुष्ट नहीं होने पर उच्च न्यायालय को उपरोक्त तथ्यों से अवगत कराया गया। पिछले दिनों उच्च न्यायालय ने फर्जी हस्ताक्षर प्रकरण में मामला दर्ज कर जांच का आदेश दिया। मगर इस बार हनुमानगढ़ जंक्शन पुलिस ने मामला दर्ज करते समय उच्च न्यायालय के आदेशों की परवाह नहीं कर आरोपियों को लाभ देने के लिए वही किया जो पूर्व में टाउन थाना पुलिस ने किया। एसपी से मांग की गई है कि उच्च न्यायालय के आदेशों के अनुरूप एफआईआर दर्ज कर एफएसएल को उसमें अंकित कराया जाए। यदि ऐसा नहीं कराया गया तो प्रार्थियां इसके खिलाफ जो आगामी कार्यवाही करेगी, उसके लिए जिला पुलिस अधीक्षक जिम्मेदार होंगे।
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