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मुसीबत में ना डाल दे पैसों का फेर

locationहनुमानगढ़Published: Jul 25, 2019 02:52:31 pm

Submitted by:

Purushottam Jha

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पैसों का फेर घग्घर क्षेत्र के लोगों को मुसीबत में ना डाल दे। हालात ऐसे हैं कि बाढ़ नियंत्रण को लेकर जल संसाधन विभाग ने मई में आवश्यक वस्तुओं की खरीद को लेकर टेंडर जारी किए थे। लेकिन बजट अभाव में अभी तक उक्त सामान की आपूर्ति नहीं हो पाई है। बताया जा रहा है कि विभाग ने बाढ़ नियंत्रण को लेकर करीब चार करोड़ रुपए की मांग सरकार से की थी।
 
 

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मुसीबत में ना डाल दे पैसों का फेर

मुसीबत में ना डाल दे पैसों का फेर
-घग्घर बाढ़ नियंत्रण के लिए सरकार ने अभी तक नहीं किया बजट जारी
-पानी की आवक शुरू होने के बावजूद बाढ़ नियंत्रण के इंतजाम नाकाफी
हनुमानगढ़. पैसों का फेर घग्घर क्षेत्र के लोगों को मुसीबत में ना डाल दे। हालात ऐसे हैं कि बाढ़ नियंत्रण को लेकर जल संसाधन विभाग ने मई में आवश्यक वस्तुओं की खरीद को लेकर टेंडर जारी किए थे। लेकिन बजट अभाव में अभी तक उक्त सामान की आपूर्ति नहीं हो पाई है। बताया जा रहा है कि विभाग ने बाढ़ नियंत्रण को लेकर करीब चार करोड़ रुपए की मांग सरकार से की थी। लेकिन अभी तक एक करोड़ से भी कम बजट की स्वीकृति जारी होने से घग्घर बाढ़ नियंत्रण के इंतजाम नाकाफी हो रहे हैं। उचित प्रबंधन नहीं होने के कारण वर्ष १९९५ में शहर बाढ़ की चपेट में आ चुका है। बावजूद पानी की आवक बढऩे के बाद भी अभी तक बाढ़ नियंत्रण को लेकर बजट जारी नहीं करने से आगे विभागीय दल को परेशानी आ सकती है।
ओटू हैड से लगातार राजस्थान क्षेत्र में प्रवाहित पानी की मात्रा में बढ़ोतरी होने से स्थानीय अधिकारियों के होश उड़ रहे हैं। सोमवार को राजस्थान क्षेत्र के लिए करीब २३ हजार क्यूसेक पानी प्रवाहित किया गया। अब इस पानी के पहुंचने पर इसके प्रबंधन को लेकर अधिकारी माथा पच्ची करने में जुटे हुए हैं। अधिकारियों का कहना है कि नाली बेड के बंधे इतने कमजोर हो चुके हैं कि इसमें पांच हजार क्यूसेक से अधिक पानी चलाने पर खतरा रहेगा। इसलिए पानी को जीडीसी के जरिए आगे बढ़ाएंगे। वहीं केळी की मात्रा बढऩे के कारण जीडीसी में पानी प्रवाहित करने में भी दिक्कत आ सकती है।
इसलिए बजट जरूरी
बाढ़ बचाव के लिए जल संसाधन विभाग ने आवश्यक सामग्री की खरीद के लिए मई में बजट की मांग भिजवाई थी। इसमें खाली सीमेंट बैग्स, बांस , बल्लियां, नारियल रस्सी, पॉलीथिन, टॉर्च, पेट्रोमैक्स, तिरपाल, वायरलैस सैट व ट्रक आदि की मांग भिजवाई थी। इसके लिए करीब चार करोड़ की बजट की मांग की गई थी। लेकिन सरकार स्तर पर अभी तक बजट स्वीकृति जारी नहीं किया गया है।
पानी पर नजर
२२ जुलाई को घग्घर ओटू हैड पर २२९५० क्यूसेक पानी प्रवाहित हो रहा था। जबकि घग्घर साइफन में ९१००, नाली बेड में ५०००, आरडी ४२ जीडीसी पर ४००० क्यूसेक पानी चल रहा था। जबकि २१ जुलाई को ओटू हैड से १८२२५ क्यूसेक पानी चलाया गया था। घग्घर प्रवाह क्षेत्र में केळी की मात्रा बढऩे से जल संसाधन विभाग के अधिकारियों में बेचैनी बढ़ रही है।
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