scriptहनुमानगढ़ जिला अस्पताल में चिकित्सकों एवं स्टाफ से मारपीट, कुर्सियां तोड़ी, लगाया धरना | Doctors and staff were beaten up in the Hanumangarh distric hospital, | Patrika News
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हनुमानगढ़ जिला अस्पताल में चिकित्सकों एवं स्टाफ से मारपीट, कुर्सियां तोड़ी, लगाया धरना

हनुमानगढ़. राजकीय जिला अस्पताल में रविवार रात रोगी की मौत के बाद परिजनों ने हंगामा कर दिया। ट्रोमा सेंटर में ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक एवं नर्सिंग स्टाफ से मारपीट की तथा कुर्सियां तोड़ डाली।

हनुमानगढ़May 09, 2021 / 11:19 pm

adrish khan

हनुमानगढ़ जिला अस्पताल में चिकित्सकों एवं स्टाफ से मारपीट, कुर्सियां तोड़ी, लगाया धरना

हनुमानगढ़ जिला अस्पताल में चिकित्सकों एवं स्टाफ से मारपीट, कुर्सियां तोड़ी, लगाया धरना

हनुमानगढ़ जिला अस्पताल में चिकित्सकों एवं स्टाफ से मारपीट, कुर्सियां तोड़ी, लगाया धरना
– एसडीएम व डीएसपी पहुंचे मौके पर, कलक्टर से वार्ता पर अड़े चिकित्सक
– ऑक्सीजन सप्लाई का मुद्दा भी उठा, पीएमओ ने जताई नाराजगी
हनुमानगढ़. राजकीय जिला अस्पताल में रविवार रात रोगी की मौत के बाद परिजनों ने हंगामा कर दिया। ट्रोमा सेंटर में ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक एवं नर्सिंग स्टाफ से मारपीट की तथा कुर्सियां तोड़ डाली। नर्सिंगकर्मी जब अस्पताल परिसर में ट्रोमा सेंटर के पास ही स्थित पुलिस चौकी गए तो वहां कोई पुलिसकर्मी नहीं मिला। इस बीच हंगामा करने वाले लोग मृतक का शव लेकर भाग गए। मारपीट की घटना से आक्रोशित जिला अस्पताल के चिकित्सकों एवं नर्सिंगकर्मियों ने ट्रोमा सेंटर के बाहर धरना लगा दिया। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष निशांत बतरा के नेतृत्व में निजी अस्पतालों के कई चिकित्सक भी धरने में शामिल हो गए। सूचना मिलने पर एसडीएम कपिल यादव व डीएसपी प्रशांत कौशिक मय जाब्ता जिला अस्पताल पहुंचे। धरने पर बैठे चिकित्सकों से वार्ता की। मगर चिकित्सकों ने बात करने से इनकार कर दिया। जिला कलक्टर एवं एसपी को मौके पर बुलाकर उनसे ही बातचीत करने तथा चिकित्सकों एवं नर्सिंगकर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की। समाचार लिखे जाने तक एसपी एवं कलक्टर जिला अस्पताल नहीं पहुंचे थे। ऐसे में चिकित्सकों का धरना जारी था। हालांकि पुलिस ने हंगामा करने के आरोप में कई जनों को राउंडअप कर लिया था।
क्या था मामला
जानकारी के अनुसार जिला अस्पताल के ट्रोमा सेंटर में रात करीब साढ़े नौ बजे सुरेशिया निवासी कई लोग मुकेश सिंधी नामक रोगी को लेकर आए। उसे हर्ट अटैक आया बताया गया। ट्रोमा सेंटर में तैनात डॉ. भाल सिंह तथा नर्सिंग स्टाफ ने रोगी को इंजेक्शन लगाकर उपचार दिया। मगर उसकी मौत हो गई। इससे नाराज होकर रोगी के साथ आए एक दर्जन से अधिक जनों ने ट्रोमा सेंटर में उत्पात मचाना शुरू कर दिया। चिकित्सक एवं नर्सिंग स्टाफ से मारपीट की तथा कुर्सियां यहां-वहां फेंककर तोड़ डाली। अस्पतालकर्मी पुलिस को बुलाने चौकी गए। वापस आए तो मृतक का शव लेकर परिजन वहां से चले गए। घटना से गुस्साए चिकित्सकों ने धरना शुरू कर दिया।
यह उठाई मांग
धरने पर बैठे चिकित्सकों ने मारपीट के आरोपियों की शीघ्र गिरफ्तारी के अलावा तीन और मांग उठाई। इनमें जिला अस्पताल के ट्रोमा सेंटर में अलग से 24 घंटे पुलिसकर्मी तैनात करने एवं जिला अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन की सप्लाई करने की मांग शामिल थी। इसके अलावा चौथी मांग यह थी कि आइसोलेशन वार्ड में दस रोगी बेड के इंतजार में हैं। उनका क्या करना है, इस संबंध में जिला प्रशासन मार्गदर्शन करे। क्योंकि किसी रोगी की मौत होने पर जो हंगामा होगा, उसके लिए कौन जिम्मेदार होगा।
पटाखा बोल गया तो
पुलिस एवं प्रशासन के अधिकारियों से वार्ता के दौरान एक चिकित्सा अधिकारी ने यहां तक कहा कि आइसोलेशन वार्ड में आज रात ऑक्सीजन के सिर्फ 15 सिलेंडर ही हैं तथा सवा सौ से ज्यादा रोगी ऑक्सीजन पर हैं। अगर रात को ऑक्सीजन की कमी से किसी का पटाखा बोल गया तो कौन जिम्मेदार होगा।
एएसपी से बोले कम्प्यूटर ऑपरेटर से करो बात
धरना स्थल पर एएसपी जस्साराम बोस वार्ता के लिए पहुंचे। उन्होंने चिकित्सकों से कहा कि वह एसपी के प्रतिनिधि के तौर पर यहां आए हैं। इस पर चिकित्सकों ने कम्प्यूटर ऑपरेटर व एक अन्य कर्मचारी को बुलाया। एएसपी से कहा कि यह हमारे प्रतिनिधि हैं, आप इनसे ही बात करिए। हम तो एसपी व कलक्टर से ही वार्ता करेंगे। इसके बाद एएसपी वहां से चले गए।
भय में काम नहीं
भय के माहौल में चिकित्सक काम नहीं कर सकते। कोरोना संक्रमण संकट में हालात विकट हैं। इसलिए चिकित्सकों एवं नर्सिंग स्टाफ की सुरक्षा के लिए पुख्ता प्रबंध किए जाए। – डॉ. निशांत बतरा, जिलाध्यक्ष, आईएमए।
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