मंगलवार रात बारिश के दौरान करीब 10.30 बजे पड़ौसी पशुपालक मिट्ठू सिंह ने बकरियों के रोने की आवाज सुनी। देखा तो पास की हड्डारोड़ी से आए करीब 15-20 कुत्ते बाड़े की बकरियों को नोच रहे थे। बकरियां बचने के लिए छटपटा रहीं थी।
मंदर सिंह अपने बेटे रणजीत सिंह व जीतू सिंह के साथ लाठियां लेकर भागे। पर कुछ कुत्ते रणजीत सिंह (30) के पीछे पड़ गए उसने घर में घुसकर बड़ी मुश्किल से जान बचाई। अन्य लोगों की मदद से कुत्तों को खदेड़ा। गनीमत रही कि युवक व पड़ौसी के बाड़े में पशुधन बच गया। कुत्ते घर की करीब चार फुट ऊंची दीवार फांदकर घुसे थे। मौके पर सूचना पाकर सरपंच मक्खन सिंह व पूर्व सरपंच बलवीर सिंह ने सुबह आकर जानकारी ली।
प्रशासन को बताने पर भी कोई नहीं पहुंचा। ग्रामीणों ने अपने स्तर पर मृत बकरियों को दफनाया। उन्होंने परिवार को आर्थिक सहायता दिलाने की गुहार लगाई है। कहा कि परिवार के पास महज 12 पशु थे अब 5 के मरने से परिवार को आधा पेट सोना गुजारा करना पड़ेगा।
उधर, कस्बे के वार्ड 8 स्थित बीडी अग्रवाल धर्मशाला पास बिजली ट्रांसफॉर्मर की चपेट में आए सांड की मौत हो गई। सांड को लोगों ने हटवाया। नरेशकुमार ने बताया कि लोगों ने बिजली विभाग की लापरवाही पर आक्रोश जताया। नीचे लटकती तारें हर वक्त हादसे का सबब बनी रहती हैं।