कृषि विभाग कार्यालय परिसर में कृषि संबंधी वैज्ञानिक तकनीक विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। खेती बाड़ी महकमें के अफसरों ने मौजूद किसानों को ड्रोन विमान से कृषि संबंधित वैज्ञानिक तकनीक की जानकारी दी। सहायक निदेशक कृषि बीआर बाकोलिया ने खेती में ड्रोन तकनीक के इस्तेमाल व इसके फायदे बताए। वक्ताओं ने कहा कि वैज्ञानिक तकनीक फसलों की बिजाई समय से लेकर फसल पकाई तक हर कार्य में सहयोग कर सकता है। जैसे खेत में कितने प्रतिशत बीज ऊगा है। कहां पर पौधों की कमी है और दोबारा बिजाई करनी होगी। सिंचाई संबंधी जानकारी कब और कितने पानी की आवश्यकता है। खेत कहां पर ऊंचा या नीचा है, जमीन समतलीकरण कार्य को आसान बनाया जा सकता है। कीटनाशक दवाई का हवाई छिड़काव कर सकते हैं। जो बहुत ही कम समय में ओर अच्छे तरीके से कर सकते हैं।
प्रशिक्षण के दौरान कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि ड्रोन तकनीक से खेती करने पर पानी भी बहुत कम लगता है। कीटनाशक दवाई की भी बचत होती है। समय भी कम लगता है। फसलों की विभिन्न रोगों ओर बीमारियों का पता लगाया जा सकता है। ड्रोन विमान तकनीक को विभिन्न सरकारी योजनाओं से जोडऩे की तैयारी चल रही है। ताकि फसल बीमा योजना में संबंधित फसलों का नुकसान होने पर सही जानकारी प्राप्त हो सके। कृषि विभाग के उप निदेशक दानाराम गोदारा, सहायक निदेशक बीआर बाकोलिया, कृषि अधिकारी बलकरण सिंह सहित प्रगतिशील किसान मौजूद रहे।