scriptचिल्लर सा जुर्माना चिढ़ा रहा कानून का मुंह | Due to minor punishment and penalty, gambling and slip betting are not | Patrika News

चिल्लर सा जुर्माना चिढ़ा रहा कानून का मुंह

locationहनुमानगढ़Published: Sep 16, 2019 11:36:44 am

Submitted by:

adrish khan

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हनुमानगढ़. यातायात नियमों की अवहेलना पर हाल ही जुर्माने की राशि में भारी बढ़ोतरी की गई है। कुछ सौ रुपए का अर्थदंड कई हजार तक जा पहुंचा है। मगर यातायात नियमों के उल्लंघन पर बढ़ाए गए जुर्माने के शोर के बीच जुए-सट्टे का मामूली सा जुर्माना कानून व्यवस्था का मुंह चिढ़ाता सा नजर आ रहा है।

चिल्लर सा जुर्माना चिढ़ा रहा कानून का मुंह

चिल्लर सा जुर्माना चिढ़ा रहा कानून का मुंह

चिल्लर सा जुर्माना चिढ़ा रहा कानून का मुंह
– यातायात नियमों की अवहेलना पर सैकड़ों से कई हजार तक पहुंचा जुर्माना
– जुए व पर्ची सट्टे का जुर्माना नहीं याद, महज सौ व दो सौ रुपए के जुर्माने का प्रावधान
– सजा व जुर्माना मामूली होने के कारण जुए व पर्ची सट्टे पर नहीं लग पा रही रोक
हनुमानगढ़. यातायात नियमों की अवहेलना पर हाल ही जुर्माने की राशि में भारी बढ़ोतरी की गई है। कुछ सौ रुपए का अर्थदंड कई हजार तक जा पहुंचा है। मगर यातायात नियमों के उल्लंघन पर बढ़ाए गए जुर्माने के शोर के बीच जुए-सट्टे का मामूली सा जुर्माना कानून व्यवस्था का मुंह चिढ़ाता सा नजर आ रहा है। बरसों पहले तय किया गया अर्थदंड अब चिल्लर सा हो गया है।
विधि विशेषज्ञों की माने तो पर्ची सट्टे व जुए को लेकर कानून व्यवस्था भ्रम का शिकार है। एक ओर पर्ची सट्टे व जुए को अपराध समझा जाता है, वहीं दूसरी ओर इसकी सजा बहुत ही मामूली है जो मजाक सी लगती है। ऐसे में सख्त कानून व्यवस्था के अभाव में इस पर रोक नहीं लग पा रही। जुए व पर्ची सट्टे पर प्रभावी लगाम लगाने के लिए पहले सजा व अर्थदंड बढ़ाना होगा। इसके बाद जागरुकता कार्यक्रम प्रभावी सिद्ध होंगे। स्थिति यह है कि खानापूर्ति के लिए कई बार खाईवाल खुद ही अपने आदमियों को पर्ची सट्टे के आरोप में पकड़वा देते हैं ताकि पुलिस का रिकॉर्ड ‘मैंटेनÓ रहे। ऐसे में यह सामाजिक समस्या दिनोंदिन अपना जाल फैलाती जा रही है। पुलिस प्रशासन जुए व सट्टे पर लगाम कसने के लिए सख्त रवैया अपनाने का दावा करता है। मगर कड़े कानून के अभाव में दावों की हवा निकल जाती है।
महज सौ रुपए जुर्माना
जानकारी के अनुसार घर के बाहर जुआ खेलते या पर्ची सट्टा के आरोप में पकड़े गए व्यक्ति पर महज 100 रुपए जुर्माना व एक माह की सजा का प्रावधान है। यदि आरोपी मौके पर ही जुर्माना राशि अदा करता है तो पुलिस को उसे तत्काल जमानत पर छोडऩा पड़ता है। अगर आरोपी मौके पर जुर्माना नहीं भरता है तो थाने लाकर उससे राशि वसूल कर जमानत पर रिहा कर दिया जाता है। इसके बाद चालान पेश किया जाता है। इन मामलों को 13 आरपीजीओ के तहत दर्ज किया जाता है।
घर के भीतर दो सौ
अगर घर के भीतर जुआ खेलते या बुकी चलाते या सट्टा लगाते किसी को गिरफ्तार किया जाए तो उस पर 200 रुपए जुर्माना लगाने का प्रावधान है। सजा एक माह की ही हो सकती है। इन मामलों को तीन/चार आरपीजीओ के तहत दर्ज किया जाता है। ऐसे मामलों में आरोपी की थाने में ही जमानत हो जाती है। लेकिन इसमें पेच यह है कि थाना प्रभारी या कोई पुलिसकर्मी यूं ही किसी के घर में जाकर जुआ-सट्टा खेलते किसी को नहीं पकड़ सकते। इसके लिए सर्च वारंट लेना पड़ता है।
सख्त कानून जरूरी
सट्टे व जुए पर रोक लगाने के लिए सख्त कानून की जरूरत है। अगर कड़ी सजा व भारी जुर्माने का प्रावधान कर दिया जाए तो निश्चित रूप से इस धंधे में लगे लोगों में भय पैदा होगा। इससे उन पर लगाम लगाने में पुलिस को भी मदद मिलेगी। सख्त कानून बनाने के बाद जागरुकता कार्यक्रमों के बेहतर परिणाम मिल सकते हैं। – नरेन्द्र कुमार, अपर लोक अभियोजक, हनुमानगढ़।
हो गैर जमानती
जुआ व पर्ची सट्टा गंभीर सामाजिक समस्या बन चुका है। युवा इनमें फंसकर अपराधों की तरफ बढ़ रहे हैं। अत: इस अधिनियम के प्रावधान गैर जमानती व कठोर होने चाहिए। – कालूराम रावत, जिला पुलिस अधीक्षक।
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