सैनिक के मौत के कारणों पर असमंजस के चलते दोबारा पोस्टमार्टम पर अड़े, पुन:परीक्षण पर बनी सहमति
नोहर. भारतीय थल सेना की जम्मू कश्मीर लाइट इन्फेंटरी सेंटर श्रीनगर में लिपिक पद पर तैनात लांस नायक आकाश डूडी की पार्थिव देह के यहां पहुंचने के बाद छह घंटे देरी से अंतिम संस्कार हो पाया। मृत्यु के कारणों को लेकर परिजन व ग्रामीण लगातार सेना के अधिकारियों से सवाल-जवाब करते रहे।
हनुमानगढ़
Published: April 17, 2022 10:03:14 am
सैनिक के मौत के कारणों पर असमंजस के चलते दोबारा पोस्टमार्टम पर अड़े, पुन:परीक्षण पर बनी सहमति
- छह घंटे देरी से दिवंगत सैनिक दाह संस्कार
- ललानियां के सैनिक के सम्मान व मृत्यु के कारणों को लेकर उपजा आक्रोश
नोहर. भारतीय थल सेना की जम्मू कश्मीर लाइट इन्फेंटरी सेंटर श्रीनगर में लिपिक पद पर तैनात लांस नायक आकाश डूडी की पार्थिव देह के यहां पहुंचने के बाद छह घंटे देरी से अंतिम संस्कार हो पाया। जवान की पार्थिव देह के यहां पहुंचने के बाद कई घंटों तक कस्बे से बाहर मेगा हाइवे पर रोके रखा गया। मृत्यु के कारणों को लेकर परिजन व ग्रामीण लगातार सेना के अधिकारियों से सवाल-जवाब करते रहे। इसके बाद दोनों पक्षों में सहमति बनने में करीब पांच घंटे लग गए। ऐसे में दोपहर बाद करीब चार बजे दिवंगत जवान के पैतृक गांव ललानिया में नम आंखों से विदाई दी गई।
इससे पहले शनिवार सुबह करीब साढ़े नौ बजे ललानिया निवासी हनुमान डूडी के बीस वर्षीय पुत्र आकाश डूडी की पार्थिव देह यहां पहुंची। इस दौरान पार्थिव देह रखे आपातकालीन वाहन को यहां अपाला स्कूल के पास मेगा हाइवे पर रोक लिया गया। परिजनों व ग्रामीणों ने जवान आकाश डूडी को राजकीय सम्मान के साथ दाह संस्कार की मांग करते हुए मृत्यु के कारणों में विरोधाभास होने पर कड़ा ऐतराज जताया। परिजनों का कहना था कि आकाश की मौत को लेकर अलग-अलग कारण बताए गए। ऐसे में पार्थिव देह का यहां राजकीय चिकित्सालय में मेडिकल बोर्ड से पुन: पोस्टमार्टम करवाने की मांग रख दी गई। मौके पर पहुंचे विधायक अमित चाचाण, पूर्व विधायक अभिषेक मटोरिया, प्रधान सोहन ढिल, काशीराम गोदारा, मंगेज चौधरी, अमरङ्क्षसह पूनिया आदि ने पार्थिव देह लेकर यहां पहुंचे सुबेदार लालचंद व हवलदार सुनील कुमार से कई दौर की वार्ता की। कई घंटों की जद्दोजहद के बाद पार्थिव देह को यहां राजकीय चिकित्सालय के मोर्चरी रूम लाया गया। जहां राजकीय चिकित्साधिकारियों के साथ मृतक जवान के परिजन, पूर्व सैनिक प्रतिनिधियों व शव लेकर पहुंचे सेना के अधिकारियों की उपस्थिति में शव का पुन: परीक्षण किया गया। इसके बाद करीब तीन बजे आकाश का शव पैतृक गांव ललानिया पहुंचा। यहां युवाओं व ग्रामीणों ने देशभक्ति गीतों की धुनों पर आकाश डूडी को अंतिम विदाई दी।
ग्रामीणों ने किया हाइवे जाम
बीस वर्षीय आकाश डूडी ने तीन साल पहले ही भारतीय थल सेना में भर्ती हुआ था। दिवंगत आकाश व उसके बड़े भाई 23 वर्षीय मनीष डूडी का चयन एक साथ ही भारतीय सेना में हुआ। मनीष डूडी इस समय महाराष्ट्र के पूणे में कार्यरत है। शनिवार को दिवंगत आकाश का शव यहां पहुंचने के बाद सेना की ओर से उपलब्ध करवाए गए दस्तावेजों में मौत का कारण लटककर जान देना बताया गया। वहीं एक सोशल साइट पर सर्विस राइफल से खुद को गोली मारना बताया गया। इसके अलावा सोशल मीडिया पर चली खबरों में वाहन दुर्घटना का शिकार होने जैसी बातें कहीं गई। इसी ऊहापोह की स्थिति के चलते परिजन दिवंगत आकाश के पुन: पोस्टमार्टम पर अड़ गए। इस मांग को लेकर आक्रोशित ग्रामीणों ने कुछ देर के लिए मेगा हाइवे जाम कर प्रदर्शन भी किया। जिसके बाद जनप्रतिनिधियों से हुई वार्ता में शव के परीक्षण पर सहमति बन गई। सके बाद शाम करीब चार बजे ललानिया गांव में राजकीय बालिका विद्यालय के खेल ग्राउंड में दिवंगत जवान की नम आंखों से अत्येंष्ठि कर दी गई।

सैनिक के मौत के कारणों पर असमंजस के चलते दोबारा पोस्टमार्टम पर अड़े, पुन:परीक्षण पर बनी सहमति
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