scriptकाम में सुस्ती पड़ी भारी, जब्त की जाएगी साहब की सवारी | Due to the heavy work, the ride of the sahib will be seized | Patrika News

काम में सुस्ती पड़ी भारी, जब्त की जाएगी साहब की सवारी

locationहनुमानगढ़Published: Jan 19, 2019 09:28:29 pm

Submitted by:

adrish khan

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court hanumangarh ka faisla

काम में सुस्ती पड़ी भारी, जब्त की जाएगी साहब की सवारी

काम में सुस्ती पड़ी भारी, जब्त की जाएगी साहब की सवारी
– मोटरयान दुर्घटना दावा अधिकरण का आदेश
– दुकान में टक्कर मारकर नुकसान पहुंचाने का मामला
हनुमानगढ़. क्षतिपूर्ति दावा क्लेम के मामले में कुर्क वाहन की नीलामी करवा परिवादी को भुगतान संबंधी न्यायालय के आदेश की पालना नहीं होने पर जिम्मेदार अधिकारी तहसीलदार (राजस्व) हनुमानगढ़ की जीप कुर्क करने का आदेश दिया गया है। इस संबंध में न्यायाधीश, मोटरयान दुर्घटना दावा अधिकरण, हनुमानगढ़ ने शुक्रवार को आदेश जारी किया। इसमें तहसीलदार को 28 जनवरी से आदेश की पालना करवा कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया। परिवादी की ओर से पैरवी वरिष्ठ अधिवक्ता प्रद्युम्नसिंह परमार ने की।
प्रकरण के अनुसार दर्शन कौर पत्नी रविन्द्र सैनी निवासी सेक्टर 12, जंक्शन ने मोटरयान दुर्घटना दावा अधिकरण में क्षतिपूर्ति के लिए दावा पेश किया। इसमें बताया कि परिवादिया के पति 14 नवम्बर 2007 को दुकान बंद कर घर के लिए रवाना हुए। तभी दर्शन सिंह पुत्र बच्चन सिंह रामगढिय़ा ने टैंकर को लापरवाही से चलाकर उनकी दुकान में टक्कर मारी। इससे दुकान क्षतिग्रस्त हो गई तथा उसमें रखा सामान आदि भी नष्ट हो गया। इस संबंध में दर्शन सिंह के खिलाफ स्थानीय थाने में मामला दर्ज कराया गया। क्लेम पेश होने पर नोटिस जारी किए गए। इसके जवाब में दर्शन सिंह ने खुद को दुकान में टक्कर मारने वाले वाहन का स्वामी बताया। परिवाद में इंश्योरेंस कंपनी सहित एक अन्य को भी पक्षकार बनाया गया।
सुनवाई के बाद न्यायाधीश ने दर्शन सिंह को 98,145 रुपए तथा इस राशि पर 27 जनवरी 2009 से वसूली तक छह प्रतिशत वार्षिक ब्याज का भुगतान परिवादी दर्शन कौर को करने का आदेश दिया। बीमा कंपनी को पांच हजार रुपए भुगतान का आदेश दिया गया। इस आदेश की पालना कराने के लिए न्यायालय ने जिला कलक्टर को लिखा। कलक्टर ने तहसीलदार राजस्व हनुमानगढ़ को आदेश दिया। इसकी पालना में दर्शन सिंह का वाहन कुर्क कर लिया गया। मगर तय अवधि बीत जाने के बावजूद कुर्क वाहन की नीलामी करवा कर परिवादी को न्यायालय के आदेश की पालना के अनुसार भुगतान नहीं कराया गया। ऐसे में परिवादी के अधिवक्ता प्रद्युम्नसिंह परमार ने न्यायालय में प्रार्थना पत्र लगाया। इस पर सुनवाई के बाद न्यायालय ने तहसीलदार की जीप कुर्क कर परिवारी को भुगतान का आदेश दिया।
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