रची थी झूठी कहानी
राजेश बिजारणिया ने तीन सितम्बर को टाउन पुलिस को पर्चा बयान दिया कि वह दोपहर को गांव मटोरियांवाली ढाणी के बस स्टैंड पर बस का इंतजार कर रहा था। तभी बुलेट बाइक पर सवार दो नकाबपोश आए। एक ने पिस्तौल निकाल उस पर तीन फायर किए। दो फायर पास से निकल गए। जबकि एक गोली उसके पेट के दाईं साइड में पसलियों में लग गई। फायर करने के बाद बाइक सवार नकाबपोश रावतसर की तरफ भाग गए। पुलिस ने दो अज्ञात नकाबपोशों के खिलाफ आईपीसी की धारा 307, 341, 34 व 27 आम्र्स एक्ट के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू की। जांच में हत्या के प्रयास का मामला मनगढ़त निकला। पुलिस ने राजेश बिजारणिया से सख्ती से पूछताछ की तो उसने बताया कि वह अपने दोस्त रोहिताश व सोनू के साथ गाड़ी में सवार होकर नौरंगदेसर जा रहा था। सोनू के पास पिस्तौल थी। वह पिस्तौल को चैक कर रहा था। इतने में गलती से फायर हो गया। गोली चलने से वह डर गया। अपने दोस्त को बचाने के लिए उसने नकाबपोशों की ओर से फायर कर जान से मारने के प्रयास की झूठी कहानी गढ़ी।