scriptEat curd and cheese carefully, 88 percent sample failed in Hanumangar | जरा संभल कर खाइए बाजार का दही व पनीर, हनुमानगढ़ में 88 प्रतिशत सैंपल फेल | Patrika News

जरा संभल कर खाइए बाजार का दही व पनीर, हनुमानगढ़ में 88 प्रतिशत सैंपल फेल

locationहनुमानगढ़Published: Aug 19, 2023 11:15:28 am

Submitted by:

adrish khan

बाजार से दही व पनीर खरीद कर खा रहे हैं तो जरा संभल जाइए। जिले में दही और पनीर के सैंपल लगातार थोक में फेल हो रहे हैं। इस साल दही और पनीर के करीब 88 प्रतिशत सैंपल निर्धारित मापदंडों के अनुरूप नहीं पाए गए हैं मतलब सैंपल फेल हुए हैं।

जरा संभल कर खाइए बाजार का दही व पनीर, हनुमानगढ़ में 88 प्रतिशत सैंपल फेल
जरा संभल कर खाइए बाजार का दही व पनीर, हनुमानगढ़ में 88 प्रतिशत सैंपल फेल
जरा संभल कर खाइए बाजार का दही व पनीर, हनुमानगढ़ में 88 प्रतिशत सैंपल फेल
- औसतन तीस-पैंतीस प्रतिशत सैंपल ही होते हैं फेल
- इस साल दही व पनीर के 88 प्रतिशत सैंपल खरे नहीं उतरे मापदंडों पर
हनुमानगढ़. बाजार से दही व पनीर खरीद कर खा रहे हैं तो जरा संभल जाइए। जिले में दही और पनीर के सैंपल लगातार थोक में फेल हो रहे हैं। इस साल दही और पनीर के करीब 88 प्रतिशत सैंपल निर्धारित मापदंडों के अनुरूप नहीं पाए गए हैं मतलब सैंपल फेल हुए हैं। रोचक यह कि साल भर में तमाम खाद्य एवं पेय पदार्थ के जो सैंपल लिए जाते हैं, उसमें से औसतन 30 से 35 प्रतिशत सैंपल ही फेल होते हैं।
दही और पनीर के 88 प्रतिशत सैंपल का फेल होना चिंताजनक है। इससे पता लगता है कि जिले में दूध और इससे निर्मित उत्पाद की गुणवत्ता खराब हो रही है। जिले के रावतसर, पल्लू और नोहर क्षेत्र में तो कई दफा मिलावटी व नकली दूध पकडऩे के मामले सामने आ चुके हैं। चिकित्सा विभाग को भी उपरोक्त क्षेत्र में दूध में मिलावट की शिकायतें मिलती रहती हैं। इसके आधार पर कार्रवाई भी की जाती रही है। जिले में शुद्ध के लिए युद्ध अभियान के तहत निरंतर कार्रवाई की जा रही है।
ऐसी मिली स्थिति
चिकित्सा विभाग के आंकड़ों के अनुसार इस साल एक जनवरी से 31 जुलाई तक जिले भर से दही और पनीर के कुल 33 नमूने एकत्रित किए गए। इसमें से केवल चार सैंपल ही मानक के अनुरूप पाए गए मतलब कि पास हुए। जबकि 29 नमूने सब स्टैण्डर्ड पाए गए यानि कि फेल हो गए। इस तरह 88 प्रतिशत सैंपल फेल हुए हैं।
अधिकारी बढ़े तो सैंपल भी बढ़े
जिले में अभी तीन खाद्य सुरक्षा अधिकारी कार्यरत हैं। जबकि पूर्व में अधिकांशत: एक या कभी-कभार दो खाद्य सुरक्षा अधिकारी कार्यरत रहते थे। अधिकारी बढऩे से सैंपल संग्रहण भी बढ़ गया है। आंकड़ों पर नजर डालें तो इस साल अब तक 470 सैंपल एकत्रित किए किए गए। वर्ष 2022 में 351 सैंपल लिए गए थे। इससे पहले वर्ष 2021 और 2020 में क्रमश: 217 और 174 सैंपल ही लिए गए थे।
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