scriptऑनलाइन के फेर में पढ़े-लिखे गंवा रहे जमा पूंजी | Educated and educated people are losing their deposits due to online | Patrika News

ऑनलाइन के फेर में पढ़े-लिखे गंवा रहे जमा पूंजी

locationहनुमानगढ़Published: Jan 20, 2022 10:26:12 pm

Submitted by:

adrish khan

अदरीस खान @ हनुमानगढ़. डिजिटल युग में डाका भी डिजिटल ढंग से ही मारा जा रहा है। रोचक यह कि इसका शिकार निरक्षर या कम पढ़े-लिखे लोगों की बजाय अच्छे-खासे शिक्षित लोग ज्यादा हो रहे हैं। कहीं लोगों को ऑनलाइन लोन के चक्कर में फांसा जा रहा है तो कहीं ऑनलाइन बिजनेस के फेर में पड़कर जमा पूंजी गंवा रहे हैं।

ऑनलाइन के फेर में पढ़े-लिखे गंवा रहे जमा पूंजी

ऑनलाइन के फेर में पढ़े-लिखे गंवा रहे जमा पूंजी

ऑनलाइन के फेर में पढ़े-लिखे गंवा रहे जमा पूंजी
– ऑनलाइन लोन, बिजनेस आदि के चक्कर में लाखों रुपए गंवाने के निरंतर बढ़ रहे मामले
– पुलिस कर्मियों को भी ऑनलाइन बिजनेस के चक्कर में फांसा
– ऑनलाइन ठगी के अधिकांश मामलों में नहीं हो पाती बरामदगी
अदरीस खान @ हनुमानगढ़. डिजिटल युग में डाका भी डिजिटल ढंग से ही मारा जा रहा है। रोचक यह कि इसका शिकार निरक्षर या कम पढ़े-लिखे लोगों की बजाय अच्छे-खासे शिक्षित लोग ज्यादा हो रहे हैं। कहीं लोगों को ऑनलाइन लोन के चक्कर में फांसा जा रहा है तो कहीं ऑनलाइन बिजनेस के फेर में पड़कर जमा पूंजी गंवा रहे हैं। जिले में बीते एक बरस में इस तरह से ठगी के एक दर्जन से भी अधिक मामले सामने आ चुके हैं। लोगों को ओटीपी नम्बर पूछकर ठगी करने के मामले तो इनसे इतर हैं।
महत्वपूर्ण यह कि ऑनलाइन बिजनेस के चक्कर में फंसाकर ठगी की घटना तो पुलिसकर्मी के साथ भी हो चुकी है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि शातिर ठग किसी को भी शीशे में उतार कर चूना लगा सकते हैं। जानकारों की माने तो लोगों को इस संबंध में जागरूक करने की बहुत जरूरत है। क्योंकि आमजन तकनीक के फायदे तो जानते हैं। मगर यह उनके लिए किस कदर नुकसानदेह साबित हो सकती है, इससे वह अनजान हैं। इसी का फायदा उठाकर ऑनलाइन ठगी की वारदात को अंजाम दिया जाता है। ठगी का शिकार होने वाले कुछ लोग लालच, आसान तरीके से पैसे प्राप्त करने आदि के चलते ठगों के जाल में फंस जाते हैं।
ऑनलाइन बिजनेस का झांसा देकर फांसा
ताजा मामलों की बात करें तो 15 जनवरी को जंक्शन थाने में ऑनलाइन बिजनेस के नाम पर लाखों रुपए की ठगी का मामला दर्ज किया गया। इसमें महिला कांस्टेबल व उसके पति सहित कई जनों पर ठगी का आरोप लगाया गया। ठगी का शिकार भी महिला कांस्टेबल व उसका पति हुआ मतलब पुलिस वालों ने ही पुलिस वालों को ठग लिया। इसमें ऑनलाइन बिजनेस का झांसा देकर रुपए जमा करवा लिए गए। बाद में ओटीपी पूछकर पैसों को कर्ई खातों में ट्रांसफर कर दिया गया। जब लाभ देने की बात आई तब परिवादी व उसकी कांस्टेबल पत्नी को ठगी का पता लगा।
टोल फ्री नम्बर से चूना
टोल फ्री नम्बर से आई फर्जी कॉल के जरिए ओटीपी नम्बर पूछकर महिला कर्मचारी के खाते से 98 हजार रुपए निकालने का मामला 17 जनवरी को संगरिया थाने में दर्ज किया गया। महिला कर्मचारी ने क्रेडिट कार्ड लिया था। आठ जनवरी को उसके पास क्रेडिट कार्ड चालू करने के संबंध में फोन आया। महिला कर्मचारी ने उस नम्बर पर ओटीपी नम्बर बता दिए। उसके खाते से रुपए कट गए। इसका पता उसे एक सप्ताह बाद चला। उसने किसी दूसरे नंबर पर ओटीपी शेयर भी नहीं किया था।
पढ़े-लिखे भी शिकार
बड़ी बात यह कि ना केवल कम पढ़े-लिखे या निरक्षर बल्कि शिक्षित लोग भी ऑनलाइन ठगी का शिकार हो रहे हैं। इसका बड़ा कारण यह है कि लोगों में ऑनलाइन लेनदेन, एप, ओटीपी आदि को लेकर पर्याप्त जागरुकता की कमी है। इसी का फायदा ठग उठा रहे हैं।
लोन के फेर में चपत
लोन देने के नाम पर पीलीबंगा निवासी युवक से 25 हजार रुपए की ठगी कर ली गई। इस संबंध में पांच जनवरी को मामला दर्ज हुआ। चौक पर लगे विज्ञापन को देखकर युवक ने 24 घंटे के भीतर 50 हजार से 5 लाख रुपए के लोन के चक्कर में दिए गए नम्बर पर फोन किया। उसे लोन का झांसा देकर प्रोसेसिंग फीस के नाम पर कुल 25 हजार रुपए ऐंठ लिए। इसके बाद ना लोन मिला और ना प्रोसेसिंग फीस के नाम पर दी गई राशि।
विज्ञापन में हिडन लिंक
सभी सोशल मीडिया पर विभिन्न प्रकार के विज्ञापन प्रदर्शित हो रहे हैं। इनमें एक हिडन लिंक जनरेशन होता है जिसके माध्यम से आपके फोन को कंट्रोल किया जाता है। ऐसे में इन विज्ञापनों पर किसी भी प्रकार का क्लिक नहीं करें अन्यथा आपका खाता खाली हो सकता है। ओटीपी नम्बर तो कभी किसी को नहीं बताएं। इस संबंध में जागरुकता बेहद जरूरी है। – डॉ. केन्द्र प्रताप, सायबर सुरक्षा विशेषज्ञ।
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