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घग्घर में बाढ़ का खतरा टलने के बाद आपदा प्रबंधन फौज की मौज

locationहनुमानगढ़Published: Sep 08, 2023 12:41:00 pm

Submitted by:

adrish khan

आपदा में परेशानी के साथ अवसर भी छिपे होते हैं। घग्घर में बीते दिनों बाढ़ की आशंका से उपजे संकट ने आपदा प्रबंधन एवं नागरिक सुरक्षा विभाग के लिए साधन-संसाधनों से लैस होने का अवसर पैदा किया है।

घग्घर में बाढ़ का खतरा टलने के बाद आपदा प्रबंधन फौज की मौज
घग्घर में बाढ़ का खतरा टलने के बाद आपदा प्रबंधन फौज की मौज
घग्घर में बाढ़ का खतरा टलने के बाद आपदा प्रबंधन फौज की मौज
- घग्घर में बीते दिनों बाढ़ की आशंका ने आपदा प्रबंधन विभाग के महत्व से कराया रूबरू
- हनुमानगढ़ आपदा प्रबंधन को साधन-संसाधनों से लैस करने का प्रयास, उपकरण संबंधी भेजा प्रस्ताव
हनुमानगढ़. आपदा में परेशानी के साथ अवसर भी छिपे होते हैं। घग्घर में बीते दिनों बाढ़ की आशंका से उपजे संकट ने आपदा प्रबंधन एवं नागरिक सुरक्षा विभाग के लिए साधन-संसाधनों से लैस होने का अवसर पैदा किया है। जिला प्रशासन ने आपदा प्रबंधन विभाग को और ज्यादा मजबूत करने की मंशा से कई तरह के साधन-संसाधन मुहैया कराने को लेकर मुख्यालय को प्रस्ताव भेजा है। अगर सब सही रहा और सरकार ने मांग के अनुरूप उपकरण व साधन-संसाधनों की पूर्ति कर दी तो आपदा प्रबंधन विभाग और सुदृढ़ हो जाएगा।
दरअसल, घग्घर में बाढ़ की आशंका ने हम सबको आपदा प्रबंधन एवं नागरिक सुरक्षा विभाग के महत्व से रूबरू कराया है। जिला प्रशासन के बेहतर नेतृत्व में आपदा प्रबंधन विभाग ने अच्छा कार्य किया। इस दौरान आपदा प्रबंधन विभाग के पास कई उपकरणों आदि की कमी बहुत खटकी। यद्यपि बाढ़ की आशंका के बीच उस समय तो काम चला लिया गया। मगर भविष्य में इस तरह का संकट आए तो आपदा प्रबंधन विभाग पूर्णत: साधन-संसाधनों से लैस रहे, इसके लिए उपकरणों की उपलब्धता को लेकर मुख्यालय को प्रस्ताव भेजा गया है।
इन उपकरणों की मांग
जिला स्तर पर आपदा प्रबंधन एवं नागरिक सुरक्षा विभाग को डेढ़ दर्जन के करीब उपकरण उपलब्ध कराने की डिमांड भेजी गई है। इनमें बॉडी फुल फेस मास्क ऑक्सीजन, बड़ा जाल, स्वीमिंग सूट, वाटर गोगल्स व कैप, बड़ी पांच ट्यूब, चेन कटर बड़ा व छोटा पेट्रोल वाला, गरेंडर, लैंस गोगल्स, सकुवा नाइफ, चार ऑक्सीजन सिलेंडर, वाटर कैमरा, छोटी दमकल, मिनी बस रेसक्यू, वाटर टार्च आदि उपकरण शामिल हैं।
तो चलेगी कश्ती
मुख्य मांग दोनों तरह की बोट की है, इंजिन और बिना इंजिन वाली। क्योंकि अभी तक आपदा प्रबंधन विभाग के पास जिला स्तर पर कश्ती वगैरह नहीं है। जबकि बाढ़ संभावित हनुमानगढ़ में आपदा प्रबंधन के पास कश्ती आदि होना बेहद जरूरी है। इसके अलावा छोटी दमकल व मिनी बस रेसक्यू की मांग भी बड़ी है।
अभी यह स्थिति
जिले में आपदा प्रबंधन एवं नागरिक सुरक्षा विभाग में अभी 85 कर्मचारी नियुक्त हैं। इनमें से अधिकांश जिला मुख्यालय पर तैनात है। इसके अलावा उपखंड मुख्यालयों पर भी कार्मिक तैनात किए गए हैं।
तो पड़ जाए कम
जिले में आपदा प्रबंधन विभाग के पास 85 कर्मचारी हैं तथा लाइफ जैकेट 11 है। बाढ़ अथवा नहरों में अलग स्थान पर रेसक्यू करना पड़े तो जाहिर है कि उपलब्ध लाइफ जैकेट कम पड़ेगी। वैसे भी जिले में ज्यादातर आपदा प्रबंधन विभाग की टीम नहरों में शव वगैरह तलाश करने में जुटी रहती है।
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