scriptराजस्थान में चुनाव लड़ने से रोकने के लिए नेता का मर्डर, नज़दीक से गोलियां दागकर छलनी कर डाला शरीर, अब गैंगवार की आशंका | Election 2018: Political leader murder in Hanumangarh Rajasthan | Patrika News

राजस्थान में चुनाव लड़ने से रोकने के लिए नेता का मर्डर, नज़दीक से गोलियां दागकर छलनी कर डाला शरीर, अब गैंगवार की आशंका

locationहनुमानगढ़Published: Sep 25, 2018 08:38:42 am

Submitted by:

Nakul Devarshi

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hanumangarh firing
हनुमानगढ़/रावतसर।

राजस्थान में चुनाव लड़ने से रोकने के लिए नेता की हत्या करने का सनसनीखेज़ मामला सामने आया है। चुनाव लड़ने की कवायद में जुटे नेता की अज्ञात बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी। गोलियां इतने करीब से मारी गईं की पूरा शरीर छलनी-छलनी होकर लहूलुहान हो गया। हालांकि फायर करने वालों की तलाश पुलिस कर रही है लेकिन इस घटना के बाद क्षेत्र में गैंगवार की आशंका भी जताई जा रही है।
पार्षद हरवीर सहारण सोमवार को उपखंड अधिकारी के पास पेयजल संबंधी मामला निपटाने गए थे। मगर एसडीएम कार्यालय परिसर में उनका खून बह गया। नगर पालिका अध्यक्ष के पति व पार्षद की हत्या की इस सनसनीखेज वारदात के बाद जिले में सियासी पारा चढऩे की आशंका बढ़ गई है। दिन-दहाड़े उपखंड अधिकारी कार्यालय जैसी जगह पर गोलियों से छलनी करने की घटना कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है।
इधर, पुलिस व प्रशासन के अधिकारी गैंगवार छिडऩे की चिंता भी दबी जुबान में जता रहे हैं। विधानसभा चुनावी दंगल नजदीक होने के कारण यह मामला राजनीति से अछूता नहीं रहेगा। अज्ञात हमलावरों की शीघ्र पहचान व गिरफ्तारी नहीं होने से मसला दिनों दिन ज्यादा उलझेगा।
हत्या के दो मामलों में आरोपित हरवीर सहारण जब पिछले माह जमानत पर छूटकर जयपुर से रावतसर आए थे तो उनके समर्थकों ने कई किलोमीटर लम्बी वाहन रैली निकाल कर उनका स्वागत किया था। ऐसे में उनकी हत्या के कई राजनीतिक मायने भी निकाले जा रहे हैं। हरवीर समर्थकों के गुस्से को देखते हुए कानून व्यवस्था के लिए भारी संख्या में पुलिस जाब्ता जिला अस्पताल तथा रावतसर क्षेत्र में तैनात किया गया है।
उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों पार्षद हरवीर सहारण व उनकी पत्नी नगर पालिका अध्यक्ष नीलम सहारण ने नोहर से चुनाव लडऩे की हुंकार भरी थी।

गिरते ही मारी गोली प्राप्त जानकारी के अनुसार अज्ञात हमलावरों ने सहारण पर छह फायर किए। कई गोली हरवीर सहारण के पेट व सीने में लगी। जबकि एक गोली पास से निकल कर अन्य व्यक्ति की अंगुली छूती निकल गई। गोलियां लगने से सहारण जमीन पर गिर गया। इसके बाद अज्ञात हमलावरों ने काफी नजदीक से सिर में गोली मारी।
चुनाव लडऩे से रोकने के लिए हत्या
मृतक हरवीर सहारण के पुत्र हनुमंतसिंह सहारण ने पुलिस को रिपोर्ट दी कि उसके पिता सोमवार को जब एसडीएम कार्यालय में थे तो रामनिवास महला पुत्र हाकमाराम निवासी चाईया व तीन अन्य आए। रामनिवास ने पिता को धमकाते हुए कहा कि तुम महेन्द्र पूनिया की खिलाफत करते हो। नोहर से चुनाव लडऩा चाहते हो, तुझे अभी सबक सिखाते हैं। इसके बाद पिस्तौल से कई गोली मारी। परिवादी व अन्य ने शोर मचाया तो आरोपित अपने वाहन से फरार हो गए।
आरोप है कि हरवीर सहारण की 30 सितम्बर को नोहर की जाट धर्मशाला में सभा व रैली प्रस्तावित थी। इसे विफल करने तथा पिता को चुनाव लडऩे से रोकने के लिए उनकी हत्या की गई।
कौन है आरोपित रामनिवास महला
हरवीर सहारण व उसकी हत्या के आरोपित रामनिवास महला में पुरानी रंजिश है। रामनिवास रावतसर थाने का हिस्ट्रीशीटर है। पांच अगस्त 2018 को रामनिवास महला पर हमला हुआ। इस संबंध में हरवीर सहारण के भतीजे व सहित कई जनों पर मामला दर्ज कराया गया था। आरोप था कि जीवननगर के पास जीप सवार सुशील डारा, पांचूराम तथा पवन बिश्रोई व एक दो अन्य ने पिस्तोल से कार के शीशे पर गोली मारी। इसके बाद हवाई फायर करते हुए पांचूराम ने धमकाया कि तुमने मेरे पापा ओम गोदारा व हरवीर अंकल को जेल पहुंचा दिया। अब हम तुम्हें मारेंगे। पांचूराम हरवीर सहारण के सहयोगी ओम गोदारा का पुत्र है।
हरियाणा में नाकाबंदी
अज्ञात कार सवार हमलावरों के हरियाणा की तरफ भागने की सूचना होने के कारण प्रदेश के साथ-साथ पुलिस ने हरियाणा व पंजाब के सीमावर्ती थाना क्षेत्रों में नाकाबंदी करवाई। जिले में विभिन्न जगहों पर नाकाबंदी की गई। साथ ही हरियाणा के ऐलनाबाद आदि इलाकों में भी पुलिस ने नाकाबंदी की। मगर सोमवार देर शाम तक अज्ञात हमलावरों का कोई सुराग नहीं लग सका।
बनाया था मोर्चा
हरवीर सहारण का परिवार 2006 में राजनीति में आया। उनकी माता शान्ति देवी कृषि उपज मंडी समिति की चैयरमेन बनी। 2008 में जब अभिषेक मटोरिया नोहर से विधायक चुने गए तो हरवीर सहारण की पत्नी नीलम सहारण डेढ़ वर्ष तक चैयरमेन रही। इसके बाद 2015 नगर पालिका चुनाव में हरवीर सहारण ने निर्दलीय नागरिक मोर्चे का गठन किया। इसके तहत सभी 25 वार्डों में प्रत्याशी खड़े किए।
हरवीर सहारण व उनकी पत्नी सहित कुल 13 पार्षद जीते तथा नगरपालिका में नागरिक मोर्चे का बोर्ड बना। नीलम सहारण को पालिका अध्यक्ष चुना गया।

प्रेम कालीरावण मर्डर केस
नौ नवम्बर 2001 को रावतसर निवासी प्रेम कालीरावण गायब हो गया था। उसके भाई राजाराम ने गुमशुदगी दर्ज कराई। बाद में 2003 में प्रेम कालीरावण की माता नोरा देवी ने हरवीर सहारण, पप्पू पुत्र नन्दराम, वजीर खां पुत्र हाजी व भीम बेनीवाल पुत्र चानणराम के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कराया। पुलिस ने साक्ष्य के अभाव में एफआर लगा दी। इसके बाद चार बार फाइल को रिओपन किया गया। लेकिन हर बार पुलिस ने एफआर लगा दी। फिर परिजनों की मांग पर जांच एसओजी को सौंप दी गई।
एसओजी की टीम हरवीर सहारण व भीम बेनीवाल को 13 मई को रावतसर से गिरफ्तार कर जयपुर ले गई। लीलाधर सोनी मर्डर केस प्रेम कालीरावण हत्या मामले में हरवीर सहारण, भीम बेनीवाल, पोहड़का निवासी रणजीत मेघवाल आदि से रिमांड के दौरान एसओजी ने कड़ी पूछताछ की तो आरोपितों ने लीलाधर सोनी की हत्या करना भी स्वीकारा।
एसओजी के अनुसार आरोपितों ने स्वीकारा कि लीलाधर सोनी के पिता बद्रीप्रसाद से उसने 36 बीघा जमीन पोहड़का में खरीदी थी। इसके पेटे वर्ष 2002 में पचास हजार रुपए बकाया थे। रुपए लेने लीलाधर सोनी 30 अप्रेल 2002 को हरवीर सहारण के पास गया। रुपए नहीं देने पर लीलाधर धमकी दे रहा था कि पैसे नहीं दिए तो वह सबको बता देगा कि हरवीर सहारण ने ही प्रेम कालीरावण की हत्या की है। इससे घबराकर साथियों के साथ मिल आरोपित ने लीलाधर सोनी का अपहरण करवा लिया व गर्दन मरोड़ कर हत्या कर दी। इसके बाद आरोपितों ने मिलकर लीलाधर सोनी का शव खेतांवाली ढाणी के पास इन्दिरा गांधी नहर में फेंक दिया।
हत्या का खुलासा होने के बाद एसओजी ने पोहड़का के पूर्व सरपंच ओम गोदारा को भी गिरफ्तार कर लिया था। लीलाधर सोनी हत्याकाण्ड में उसकी माता विमला देवी पत्नी बद्रीप्रसाद ने धारा 365 के तहत मामला दर्ज करवाया था। लेकिन पुलिस ने सुबूत के अभाव में एफआर लगा फाइल बंद कर दी थी।
यूं खुला था राज
जनवरी 2017 में सरदारशहर थाने में 45 लाख रुपए की लूट मामले में पुलिस ने वजीर खां को गिरफ्तार किया। उसने पुलिस पूछताछ में 17 साल पुराना हत्या का राज उगल दिया। वजीर ने पुलिस को बताया कि वर्ष 2001 में उसके गांव पोहड़का में हरवीर सहारण व भीम बेनीवाल जीप लेकर आए। जीप पोहड़का निवासी पप्पू मेघवाल चला रहा था। वे उसे जीप में बैठाकर पोहड़का की नर्सरी में ले गए। वहां भीम बेनीवाल व हरवीर जाट ने जीप से एक बोरी उतारी। उसमें कालीरावण की लाश थी। सबने मिलकर लाश को मिट्टी में दबा दिया।
दूसरे दिन शाम करीब चार बजे भीम बेनीवाल, वर्तमान पार्षद हरवीर जाट, जीतू मेघवाल व मांगीलाल तारग आए। आरोपितों ने लाश को निकाला तथा करीब दो-तीन किलोमीटर दूर ले जाकर जला दिया। कोर्ट के बाद एसडीएम कार्यालय में हत्या पिछले करीब ढाई साल में हत्या की दो ऐसी वारदातें हो चुकी हैं, जो बेखौफ होकर न्यायालय और एसडीएम कार्यालय परिसर में अंजाम दी गई हैं।
एक अगस्त 2016 को पेशी पर आए हत्या के आरोपितों पर एडीजे द्वितीय कोर्ट रूम के बिलकुल सामने फायर किए गए। इसमें हरीश सिंधी (40) पुत्र शीतलदास सिंधी निवासी सुरेशिया की मौत हो गई थी। इस प्रकरण को लेकर भी सियासत खूब गर्माई थी। अब फिर दिन-दहाड़े एसडीएम कार्यालय परिसर में सरेआम गोली मारकर हत्या की गई है।
अंदाजा लगाया जा सकता है कि अपराधियों में कानून का कितना डर है। 2001 में प्रेम कालीरावण की हत्या करने का आरोप। अप्रेल 2002 में लीलाधर सोनी की हत्या करने का आरोप। 2016 में रावतसर में आंदोलन के दौरान हनुमानगढ़ केन्द्रीय सहकारी बैंक अध्यक्ष महेन्द्र पूनिया को थप्पड़ मारने का मामला सामने आया। इस संबंध में मामला भी दर्ज कराया गया।
13 मई 2018 को प्रेम कालीरावण हत्या मामले में एसओजी ने किया गिरफ्तार। वर्ष 2006 में हरवीर सहारण का परिवार सक्रिय राजनीति में आया। उनकी माता शान्ति देवी कृषि उपज मंडी समिति की चैयरमेन बनी। 2008 में पत्नी नीलम सहारण चैयरमेन रही। वर्ष 2015 में नगर पालिका चुनाव में हरवीर सहारण ने निर्दलीय नागरिक मोर्चे का गठन किया। इसके 13 पार्षद जीते। 24 सितम्बर 2018 को रावतसर एसडीएम कार्यालय परिसर में गोली मारकर हत्या।
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