scriptलकड़ी की जगह स्टील व प्लास्टिक फर्नीचर अपनाने पर जोर,वन महोत्सव में पर्यावरण बचाने पर मंथन | Emphasis on adopting steel and plastic furniture instead of wood, chur | Patrika News

लकड़ी की जगह स्टील व प्लास्टिक फर्नीचर अपनाने पर जोर,वन महोत्सव में पर्यावरण बचाने पर मंथन

locationहनुमानगढ़Published: Aug 04, 2021 08:06:31 am

Submitted by:

Purushottam Jha

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हनुमानगढ़. जिला स्तरीय वन महोत्सव का आयोजन और घर-घर औषधि योजना का शुभारंभ जंक्शन के सेक्टर 12 स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल परिसर में हुआ। वन विभाग व जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजन हुआ। मुख्य अतिथि जिला कलक्टर नथमल डिडेल व जिला प्रमुख कविता मेघवाल रही।
 

लकड़ी की जगह स्टील व प्लास्टिक फर्नीचर अपनाने पर जोर,वन महोत्सव में पर्यावरण बचाने पर मंथन

लकड़ी की जगह स्टील व प्लास्टिक फर्नीचर अपनाने पर जोर,वन महोत्सव में पर्यावरण बचाने पर मंथन

लकड़ी की जगह स्टील व प्लास्टिक फर्नीचर अपनाने पर जोर,वन महोत्सव में पर्यावरण बचाने पर मंथन
हनुमानगढ़. जिला स्तरीय वन महोत्सव का आयोजन और घर-घर औषधि योजना का शुभारंभ जंक्शन के सेक्टर 12 स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल परिसर में हुआ। वन विभाग व जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजन हुआ। मुख्य अतिथि जिला कलक्टर नथमल डिडेल व जिला प्रमुख कविता मेघवाल रही। विशिष्ट अतिथि जिला पुलिस अधीक्षक प्रीति जैन, कांग्रेस नेता भूपेन्द्र चौधरी और पूर्व प्रधान दयाराम जाखड़ थे। कलक्टर नथमल डिडेल ने कहा कि सभी जनप्रतिनिधियों और विभागीय समन्वय से घर-घर औषधि योजना की मुहिम को जिले में जन आंदोलन बनाएंगे। उन्होंने कहा कि लोग तुरंत रिलीफ के चलते एलोपैथी की तरफ जा रहे हैं लेकिन जिला प्रशासन की पूरी कोशिश होगी कि प्रकृति में उपलब्ध तुलसी, गिलोय, अश्वगंधा और कालमेघ के पौधे घर-घर लोगों के दैनिक जीवन का हिस्सा बने। इन औषधीय पौधों के गुणों को लोग समझें और जीवन का जरूरी हिस्सा बनाएं। जिला पुलिस अधीक्षक प्रीति जैन ने कहा कि सरकार ने आने वाले समय की जरूरत को ध्यान में रखते हुए घर-घर औषधि योजना के जरिए एक अभिनव प्रयास को मूर्त रूप देने का कार्य किया है। उन्होने कहा कि एक बार जब लोगों को इन चारों औषधीय पौधों के गुणों का पता चल जाएगा तो वे खुद ही इन्हें अपने घर और आस-पास लगा लेंगे। जिला प्रमुख कविता मेघवाल ने कहा कि चारों औषधीय पौधों की महत्ता को देखते हुए सभी जनप्रतिनिधि भी लोगों को घर-घर ये पौधे लगाने के लिए लगातार प्रेरित करने का कार्य करेंगे। ताकि राज्य सरकार के निरोगी राजस्थान के संकल्प को जिले में साकार किया जा सके। कांग्रेस नेता भूपेन्द्र चौधरी ने कहा कि आज हमें पर्यावरण संरक्षण के लिए लकड़ी की जगह स्टील और प्लास्टिक के फर्नीचर को अपनाने की जरूरत है ताकि फर्नीचर के लिए पेड़ ना काटने पड़े। उन्होने बताया कि हमारे पड़ोसी देश भूटान में 75 फीसदी वन हैं। वहां कोई पेड़ नहीं काट सकता। पेड़ों का वहां बड़ा ध्यान रखा जाता है। उसी तरह हमारे यहां भी पौधे लगाए जाएं और उनकी पूरी रखवाली हो। उन्होने पेड़ों के महत्व बताते हुए कहा कि एक देश में तो पेड़ के अंदर से नेशनल हाइवे गुजरता है। वहीं सहारा डेजर्ट में एक बड़े पेड़ के लिए बाकायदा सिक्योरिटी गार्ड लगा रखे हैं ताकि कोई उसे काट ना सके। उपवन संरक्षक करण सिंह काजला ने कहा कि सरकार ने पहला सुख निरोगी काया के कथन को साकार करते हुए घर-घर औषधि योजना की शुरुआत की है। आयुष चिकित्सक डॉ. तीर्थ कुमार शर्मा ने घर-घर औषधि योजना के अंतर्गत वितरित किए जाने वाले चारों औषधीय पौधों के गुणों के बारे में जानकारी दी। पूर्व प्रधान दया राम जाखड़, पार्षद गुरदीप चहल, मनोज सैनी, एसई पीडब्ल्यूडी गुरनाम सिंह, एसई बिजली मांगीलाल बिश्नोई, पीआरओ सुरेश बिश्नोई, सीडीईओ तेजा सिंह गदराना,महिला एवं बाल विकास विभाग के उपनिदेशक प्रवेश सोलंकी, डीईओ माध्यमिक हंसराज, एसीएफ राजीव गुप्ता, एसीएफ नोहर दिलीप सिंह आदि मौजूद रहे।
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