scriptमियाद खत्म, पॉवर बरकरार | End of time, power intact | Patrika News

मियाद खत्म, पॉवर बरकरार

locationहनुमानगढ़Published: Sep 02, 2019 12:48:35 pm

Submitted by:

Purushottam Jha

https://www.patrika.com/hanumangarh-news/
हनुमानगढ़. भाखड़ा खंड प्रथम में निर्वाचित हुए जल उपयोक्ता संगम अध्यक्षों का कार्यकाल खत्म हुए डेढ़ वर्ष से अधिक का समय गुजर चुका है। मगर अफसरों की सुस्ती के चलते कई अध्यक्ष अब भी अपने पदों पर बने बैठे हैं। भाखड़ा खंड प्रथम के हालात ऐसे हैं कि करीब बीस बीके अध्यक्षों का कार्यकाल समाप्त हो चुका है।
 

डेम लबालब, दो गेट खुले

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मियाद खत्म, पॉवर बरकरार
-अफसरों की सुस्ती से अध्यक्षों की हो रही मौज
-पांच वर्ष के लिए चुने गए थे जल उपयोक्ता संगमों के अध्यक्ष, मगर साढ़े छह वर्ष बीतने के बाद भी विभाग ने नहीं करवाए दोबारा चुनाव
……..फोटो………
हनुमानगढ़. भाखड़ा खंड प्रथम में निर्वाचित हुए जल उपयोक्ता संगम अध्यक्षों का कार्यकाल खत्म हुए डेढ़ वर्ष से अधिक का समय गुजर चुका है। मगर अफसरों की सुस्ती के चलते कई अध्यक्ष अब भी अपने पदों पर बने बैठे हैं। भाखड़ा खंड प्रथम के हालात ऐसे हैं कि करीब बीस बीके अध्यक्षों का कार्यकाल समाप्त हो चुका है। नियमानुसार इनमें नए सिरे से चुनाव करवाने की प्रक्रिया पूर्ण होनी थी। लेकिन डेढ़ वर्ष बाद भी इन नहरों के चुनाव नहीं करवाए गए। जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के अनुसार भाखड़ा खंड प्रथम के सादुलशहर खंड में एचआरपी, डीएनजी, एसटीपी, बीकेडब्ल्यू सहित कल आठ बीके व संगरिया सब डिविजन की पीटीपी, एमपी, एलएलडब्ल्यू, एसडीपी, एलएलजी, आरटीपी, बीजीपी, एसएनजी आदि बारह बीके में अध्यक्षों के चुनाव हुए साढ़े छह वर्ष से अधिक का समय हो चुका है। इनमें चुनाव करवाने को लेकर कई बार किसान विभागीय अधिकारियों से मिल चुके हैं। मगर अभी तक चुनाव करवाने को लेकर कोई विशेष तैयारी शुरू नहीं की गई है। किसानों का आरोप है कि कार्यकाल समाप्त होने के बावजूद कुछ अध्यक्ष अपने पदों पर बने हुए हैं। इससे इनकी मनमर्जी बढऩे लगी है। बारी बांधने सहित अन्य कार्य में कुछ अध्यक्ष मनमर्जी कर रहे हैं। विभागीय अधिकारियों के पास ऐसी शिकायतें अक्सर आ रही है। बावजूद अफसर चुनाव करवाने की बजाय इसे टालने का प्रयास कर रहे हैं। इससे किसानों को परेशानी आ रही है। गौरतलब है कि करीब डेढ़ दशक पहले जायका योजना के तहत भाखड़ा की नहरों को पक्का किया गया था। इसके बाद पहली बार इनमें जल उपयोक्ता संगम अध्यक्षों का चुनाव करवाकर अध्यक्षों का निर्वाचन किया गया था। राजस्थान सिंचाई प्रबंधन में कृषकों की सहभागिता अधिनियम २००० के तहत हर पांच वर्ष बाद चुनाव करवाने होते हैं। इस संबंध में भाखड़ा खंड प्रथम के एक्सईएन रामाकिशन ने बताया कि जिन बीके अध्यक्षों का कार्यकाल समाप्त हो गया है, उनमें चुनाव करवाने को लेकर वोटर लिस्ट बनाने का काम जल्द शुरू करेंगे। खंड द्वितीय में नहरी चुनाव समाप्त होने के बाद खंड प्रथम की नहरों के चुनाव करवाने का प्रयास रहेगा। उन्होंने बताया कि स्टॉफ की कमी के चलते दोनों खंड में एक साथ चुनाव करवाना संभव नहीं हैं।
यहां अध्यक्ष बने ही नहीं
भाखड़ा खंड द्वितीय कार्यालय के अधीन नहरों को पक्का करने का काम काफी समय पहले पूरा हो चुका है। इसके तहत ३० बीके में चुनाव पहले करवाए जा चुके हैं। जबकि ४१ बीके मेें अभी तक चुनाव ही नहीं करवाए गए हैं। उक्त ४१ बीके में पहली बार चुनाव करवाने को लेकर विभाग स्तर पर तैयारी चल रही है। इसके तहत पहले चरण में १५ सितम्बर को सादुलब्रांच, सूरतगढ़ वितरिका, खुंजा माइनर, हनुमानगढ़ वितरिका, किशनुपरा वितरिका के चुनाव होंगे। इसी तरह दूसरे चरण में १८ को सिलवाला वितरिका, साबुआना, नगराना, खारा सब ब्रांच, तीसरे चरण में २१ को सूरतगढ़ वितरिका, चंदूरवाली वितरिका, चौथे चरण में २३ को सूरतगढ़ वितरिका, पीलीबंगा वितरिका, संघर माइनर, सरदारगढ़ माइनर के चुनाव प्रस्तावित किए गए हैं।
इतने किसान करेंगे चुनाव
भाखड़ा खंड द्वितीय में १५ सितम्बर से पहली बार होने जा रहे ४१ बीके अध्यक्षों के चुनाव में 70 से 80 हजार किसानों के शामिल होने की संभावना है। इस बार भूमि का मालिक पुरुष के होने पर उसकी पत्नी का नाम भी वोटर लिस्ट में जोडऩे का नियम लागू किया गया था। इसके तहत इस बार महिलाओं की सहभागिता भी चुनाव में खूब रहने के आसार हैं।
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