जल संसाधन विभाग के विश्राम गृह में हुई बैठक में अभियंताओं ने भाजपा जिलाध्यक्ष के बयान पर रोष जताया। अभियंताओं ने कहा कि वही अभियंताओं की टीम आज भी है, जिन्होंने डेढ़-दो वर्ष पहले तत्कालीन मंत्री के साथ रीलाइनिंग का कार्य किया था। अब समय बदलते ही अभियंताओं के खिलाफ इस तरह की बयानबाजी ठीक नहीं है। गौरतलब है कि एसीबी में मामर्ला दर्ज होने के बाद दो जनवरी २०२० को भाजपा की हुई प्रेसवार्ता को पूर्व जल संसाधन मंत्री डॉ.रामप्रताप भी संबोधित करने वाले थे। लेकिन ऐनवक्त पर पूर्व मंत्री ने प्रेसवार्ता से किनारा कर लिया था। प्रेसवार्ता को केवल भाजपा जिलाध्यक्ष व किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष ने ही संबोधित किया था।
मुख्य अभियंता से हुई वार्ता के दौरान रीलाइनिंग प्रोजेक्ट में तैनात किए गए अभियंताओं ने कई तरह के सवाल मुख्य अभियंता के समक्ष रखे। भाजपा जिलाध्यक्ष की ओर से रीलाइनिंग के दौरान निर्माण कार्य को जांचने को लेकर कार्यकर्ताओं की टीमें बनाने के बयान का उल्लेख कर कहा कि जब सारे नेता चेक करने आ जाएंगे तो काम कैसे होंगे। इस पर मुख्य अभियंता विनोद मित्तल ने कहा कि पारदर्शी तरीके से हम सारे काम कर रहे हैं। आगे भी अच्छा काम करेंगे। एसीबी मामले में कहा कि इस बारे में मुख्यालय को लगातार मैं अपडेट कर रहा हूं।
इंदिरागांधी मुख्य नहर में हुए रीलाइनिंग कार्य के सैम्पल की एफएसएल रिपोर्ट में कार्य को मापदंड के अनुसार नहीं मानते हुए जल संसाधन विभाग के विभिन्न अधिकारियों के खिलाफ एसीबी में एफआईआर दर्ज की गई है। एफआईआर को लेकर विभागीय अभियंताओं ने अपनी-अपनी टिप्पणी करते हुए इसकी प्रतिलिपी सोमवार को मुख्य अभियंता विनोद मित्तल को सौंपी। इसमें बताया है कि हमारे मापदंड में कोई खोट नहीं है। मुख्य अभियंता ने कहा कि कैमिकल और अन्य की गुणवत्ता को लेकर जिस तरह से कार्य को अमानक बताया गया है, इस बारे में मुख्यालय भी विचार कर रहा है। मैंने इस संबंध में मुख्यालय को ब्रीफनोट भेजा है। उन्होंने कहा कि नहरबंदी के दौरान निर्धारित समय में काम पूरे करने होते हैं, इसलिए स्टें्रथ टेस्टिंग ही अहम होता है। अभियंताओं ने एसीबी में दर्ज मामले का उल्लेख कर रिपोर्ट में बताया कि उक्त रीलाइनिंग कार्य के लिए एम-१५ ग्रेड मिक्स डिजाइन कंक्रीट का उपयोग किया गया है। इसमें लेबोरेट्री में सीमेंट, बजरी, ग्रिट तथा पानी की मात्रा बाय वेट निर्धारण एम-15 के लिए भारतीय मानकों के अनुसार किया गया है। अभियंताओं ने कहा कि मापदंडों के अनुसार कार्य करने के बावजूद एसीबी की ओर से अन्य तरीके से सीमेंट आदि की गणना कर कार्रवाई करना उचित नहीं है। ऐसी परिस्थिति में आगामी बंदी में काम करना संभव नहीं होगा।