पन्द्रह घंटे से अधिक अवधि का रहेगा हर रमजान
हनुमानगढ़Published: May 06, 2019 11:56:24 am
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पन्द्रह घंटे से अधिक अवधि का रहेगा हर रमजान
पन्द्रह घंटे से ज्यादा अवधि के रहेंगे रोजे
– चांद दिखा तो कल से शुरू हो जाएगा माहे रमजान
– आज मस्जिदों में होगी नमाजे तराबिह
हनुमानगढ़. इस बार माहे रमजान में पन्द्रह घंटे से ज्यादा अवधि के रोजे रहेंगे। आखरी रोजे तक यह अवधि सवा पन्द्रह घंट से भी अधिक हो जाएगी। इतनी लम्बी अवधि के रोजे तीस-पैंतीस वर्षों बाद ही आते हैं। जब रमजान का महीना जेठ-आषाढ़ में हो तो दिन लंबे होने के कारण रोजे का समय ज्यादा रहता है। चांद दिखने पर मंगलवार से रमजान का महीना शुरू हो जाएगा। यद्यपि रविवार शाम को भी मग्रिब की नमाज के बाद अकीदतमंद रमजान का चांद देखते नजर आए। मगर कहीं चांद नहीं दिखा तथा चांद दिखने की खबर भी नहीं आई। ऐसे में सोमवार को रोजे नहीं रखे जाएंगे।
जानकारी के अनुसार मंगलवार तड़के तकरीबन चार बजकर तेरह मिनट पर सहरी का वक्त खत्म होगा, मतलब रोजा शुरू हो जाएगा। इसके बाद शाम को करीब सवा सात बजे बाद रोजा खोला जाएगा। इस तरह करीब पन्द्रह घंटे से अधिक अवधि का रोजा रहेगा। टाउन सब्जी मंडी स्थित जामा मस्जिद के इमाम मोहम्मद अली ने बताया कि पहले रोजे का इफ्तार मंगलवार शाम सात बजकर सोलह मिनट पर होगा। जबकि खत्म सहरी का वक्त मंगलवार तड़के चार बजकर तेरह मिनट रहेगा।
क्या है महत्व
रमजान के तीस रोजों को इबादत के दृष्टिकोण से तीन हिस्सों में बांटा गया है। इसमें से पहला हिस्सा रहमत का माना जाता है। रोजा केवल खाने-पीने की पाबंदी भर नहीं है बल्कि जिस्म के हर अंग का रोजा होता है। जुबान से किसी के लिए गलत शब्द मत निकालो। बुरी बात या किसी की चुगली मत करो। यह जुबान का रोजा होता है। इसी तरह बुरी चीज देखने से बचोगे तो आंखों का रोजा रहेगा। रोजा रखने के बाद ही इंसान गरीबों की भूख-प्यास को शिद्दत से महसूस कर सकता है। इसलिए रोजों में ज्यादा से ज्यादा जकात, खैरात, सदका आदि गरीबों व मिस्किनों को देना चाहिए।