13वें वित्त आयोग से किया निर्माण
नगर परिषद को सितंबर 2015 में 13वें वित्त आयोग के तहत टाउन में बरसाती पानी के जलभराव की समस्या के समाधान के लिए राज्य सरकार ने पांच करोड़ के बजट की स्वीकृति दी थी। नगर परिषद के अधिकारियों ने टाउन क्षेत्र में योजना बनाने के लिए इस प्रक्रिया में एक वर्ष निकाल दिया था। 2017 में साढ़े चार करोड़ की लागत टाउन के टिब्बी मार्ग होते हुए छह नंबर चुंगी से लोहिया कॉलोनी, मेगा हाइवे के सूर्यनगर से लोहिया कॉलोनी, मुखर्जी कॉलोनी आदि क्षेत्र में निकासी की समाधान करने की योजना तैयार करते हुए बड़े नाले का निर्माण कराया था। नाले के निर्माण के दौरान टिब्बी मार्ग, छह नंबर चुंगी, अम्बेडकर कालोनी के नागरिकों ने अमानक सामग्री लगाने का आरोप लगाते हुए कई बार विरोध प्रदर्शन भी किया था। छह नंबर चुंगी पर नागरिकों की मांग पर नवनिर्मित नाले को तोड़कर दोबारा निर्माण कराया तो मामला शांत हो पाया था।
यह है स्थिति
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शनिवार सुबह सात से शाम छह बजे तक इस नाले से 35 बार जेंटिंग मशीन ने गंदा पानी का उठाव किया। जेटिंग मशीन एक बार में 2500 लीटर गंदे पानी का उठाव करती है। नाला पूरी तरह खाली होने के बावजूद गंदे पानी की निकासी शुरू नहीं हो सकी। बताया जा रहा है कि नाले को ढ़कने के लिए फिक्स फेरोकवर भी कई जगह अड़चन पैदा कर रहे हैं। इसके अलावा नाले के निर्माण के दौरान रखे गए चैंबरों को ढ़कने के लिए अधिकांश जगहों पर फेरोकवर तक नहीं लगाए गए थे। बाद में नगर परिषद खानापूर्ति करते हुए कई जगह फेरोकवर तो लगाए और कई स्थानों पर अभी भी खुले में पड़े हैं।
नगर परिषद को सितंबर 2015 में 13वें वित्त आयोग के तहत टाउन में बरसाती पानी के जलभराव की समस्या के समाधान के लिए राज्य सरकार ने पांच करोड़ के बजट की स्वीकृति दी थी। नगर परिषद के अधिकारियों ने टाउन क्षेत्र में योजना बनाने के लिए इस प्रक्रिया में एक वर्ष निकाल दिया था। 2017 में साढ़े चार करोड़ की लागत टाउन के टिब्बी मार्ग होते हुए छह नंबर चुंगी से लोहिया कॉलोनी, मेगा हाइवे के सूर्यनगर से लोहिया कॉलोनी, मुखर्जी कॉलोनी आदि क्षेत्र में निकासी की समाधान करने की योजना तैयार करते हुए बड़े नाले का निर्माण कराया था। नाले के निर्माण के दौरान टिब्बी मार्ग, छह नंबर चुंगी, अम्बेडकर कालोनी के नागरिकों ने अमानक सामग्री लगाने का आरोप लगाते हुए कई बार विरोध प्रदर्शन भी किया था। छह नंबर चुंगी पर नागरिकों की मांग पर नवनिर्मित नाले को तोड़कर दोबारा निर्माण कराया तो मामला शांत हो पाया था।
यह है स्थिति
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शनिवार सुबह सात से शाम छह बजे तक इस नाले से 35 बार जेंटिंग मशीन ने गंदा पानी का उठाव किया। जेटिंग मशीन एक बार में 2500 लीटर गंदे पानी का उठाव करती है। नाला पूरी तरह खाली होने के बावजूद गंदे पानी की निकासी शुरू नहीं हो सकी। बताया जा रहा है कि नाले को ढ़कने के लिए फिक्स फेरोकवर भी कई जगह अड़चन पैदा कर रहे हैं। इसके अलावा नाले के निर्माण के दौरान रखे गए चैंबरों को ढ़कने के लिए अधिकांश जगहों पर फेरोकवर तक नहीं लगाए गए थे। बाद में नगर परिषद खानापूर्ति करते हुए कई जगह फेरोकवर तो लगाए और कई स्थानों पर अभी भी खुले में पड़े हैं।
यहां भी फेल हुआ था सिस्टम
टाउन-जंक्शन मार्ग पर पीरखाना के सामने नगर परिषद ने गंदे पानी की निकासी का समाधान करने के लिए कई वर्ष पूर्व तीस लाख की लागत से नाले का निर्माण कराया था। उस वक्त नगर परिषद के तकनीकि विभाग के अधिकारी लेवल लेना नहीं भूल गए थे। निर्माण के बाद मालूम हो पाया था कि पानी की निकासी तो टाउन की तरफ होनी चाहिए, लेकिन जंक्शन की तरफ होगी। इसकी जांच करने की बजाए और निर्माण एजेंसी से दोबारा कराने की बजाए इस खामी पर लीपापोति करते हुए नगर परिषद ने फिर से बीस लाख रुपए खर्च कर लेवल का सुधार किया। हालात है कि वर्तमान में विजय सिनेमा के सामने निकासी जनरेटर पंप से की जाती है। इसके संचालन के लिए नगर परिषद एक माह में सैंकड़ों लीटर डीजल फूंकती है।
टाउन-जंक्शन मार्ग पर पीरखाना के सामने नगर परिषद ने गंदे पानी की निकासी का समाधान करने के लिए कई वर्ष पूर्व तीस लाख की लागत से नाले का निर्माण कराया था। उस वक्त नगर परिषद के तकनीकि विभाग के अधिकारी लेवल लेना नहीं भूल गए थे। निर्माण के बाद मालूम हो पाया था कि पानी की निकासी तो टाउन की तरफ होनी चाहिए, लेकिन जंक्शन की तरफ होगी। इसकी जांच करने की बजाए और निर्माण एजेंसी से दोबारा कराने की बजाए इस खामी पर लीपापोति करते हुए नगर परिषद ने फिर से बीस लाख रुपए खर्च कर लेवल का सुधार किया। हालात है कि वर्तमान में विजय सिनेमा के सामने निकासी जनरेटर पंप से की जाती है। इसके संचालन के लिए नगर परिषद एक माह में सैंकड़ों लीटर डीजल फूंकती है।