scriptसाढ़े चार करोड़ का निकासी सिस्टम ‘फुसÓ | Exhaustive system 'Fus' of 4.5 crore | Patrika News

साढ़े चार करोड़ का निकासी सिस्टम ‘फुसÓ

locationहनुमानगढ़Published: Mar 18, 2019 09:37:19 pm

Submitted by:

Anurag thareja

https://www.patrika.com/rajasthan-news/
 

साढ़े चार करोड़ का निकासी सिस्टम 'फुसÓ

साढ़े चार करोड़ का निकासी सिस्टम ‘फुसÓ


साढ़े चार करोड़ का निकासी सिस्टम ‘फुसÓ
– टिब्बी मार्ग के नाले की सफाई करने में अधिकारियों के फूले हांथ-पांव
– आयुक्त ने किया निरीक्षण, दबी जुबान में कर्मचारी बोले साहब दो वर्षों में दर्जन बार की शिकायत, जेईएन व एईएन को कहा नाले का लेवल सही नहीं, जांच करने की बजाए हमें ही देते सफाई के निर्देश
प्लस फोटो…. प्लस लोगो ग्राउंड रिपोर्ट
हनुमानगढ़. टाउन क्षेत्र में गंदे व बरसाती पानी निकासी की समस्या का समाधान का दावा करने वाली नगर परिषद की शनिवार को पोल सामने आ गई। यहां के टिब्बी मार्ग पर नगर परिषद के अधिकारी दिनभर साढ़े चार करोड़ की निकासी सिस्टम को सही करने के लिए माथापच्ची करते रहे। लेकिन हासिल कुछ नहीं हुआ। आखिरकार सफाई कर्मचारी व जेंटिंग मशीन की मदद से नाले की सफाई कर नगर परिषद ने अपनी ÓलाजÓ बचाई। जाम हुए नाले का स्थाई समाधान नहीं होने पर मौके पर पहुंचे आयुक्त को कर्मचारियों ने दबी जुबान में बताया कि ‘साहब जब से साढ़े चार करोड़ के नाले का निर्माण हुआ, तब से निकासी हो ही नहीं रही। अधिकारियों को पानी निकासी में आ रही समस्या व लेवल सही नहीं होने के बारे में दर्जनों बार सूचित कर चुके हैं। लेकिन हर बार सफाई कर्मचारियों की गलती बताकर पुन: साफ-सफाई करने के निर्देश हमें ही मिलते रहे। इतने में आसपास के नागरिकों ने भी आयुक्त से शिकायत की जब से नाले का निर्माण हुआ है, तब से निकासी अवरूद्ध है। इस पर आयुक्त ने नागरिकों को इसकी जांच कराने का आश्वासन भी दिया। गौरतलब है कि इसी नाले में दो रोज पहले एक वर्षीय मासूम के गिरने से दर्दनाक मौत हो गई थी। मामला बढऩे पर आयुक्त ने कर्मचारियों को नोटिस देते हुए नाले की साफ सफाई कर चैंबरों पर फेरो कवर लगाने के निर्देश दिए थे। इसके चलते शनिवार को जाम पड़े नाले को खुलवाने के लिए डेढ़ दर्जन सफाई कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई। इसके बावजूद जाम हुए नाले को खोल नहीं सके तो कर्मचारियों ने आयुक्त के सामने पूरे सिस्टम की हकीकत खुद ही बयां कर दी। बताया जा रहा है कि कई जगह से साढ़े चार करोड़ की लागत से नवनिर्मित नाले को कई जगह तोड़कर समस्या का समाधान करने का प्रयास किया जाएगा। निरीक्षण के दौरान कार्यवाहक स्वच्छता प्रभारी जगदीश सिराव, सफाई निरीक्षक प्रेमलता, राकेश कुमार, विनोद पिवाल आदि सफाई निरीक्षक मौजूद थे।
13वें वित्त आयोग से किया निर्माण
नगर परिषद को सितंबर 2015 में 13वें वित्त आयोग के तहत टाउन में बरसाती पानी के जलभराव की समस्या के समाधान के लिए राज्य सरकार ने पांच करोड़ के बजट की स्वीकृति दी थी। नगर परिषद के अधिकारियों ने टाउन क्षेत्र में योजना बनाने के लिए इस प्रक्रिया में एक वर्ष निकाल दिया था। 2017 में साढ़े चार करोड़ की लागत टाउन के टिब्बी मार्ग होते हुए छह नंबर चुंगी से लोहिया कॉलोनी, मेगा हाइवे के सूर्यनगर से लोहिया कॉलोनी, मुखर्जी कॉलोनी आदि क्षेत्र में निकासी की समाधान करने की योजना तैयार करते हुए बड़े नाले का निर्माण कराया था। नाले के निर्माण के दौरान टिब्बी मार्ग, छह नंबर चुंगी, अम्बेडकर कालोनी के नागरिकों ने अमानक सामग्री लगाने का आरोप लगाते हुए कई बार विरोध प्रदर्शन भी किया था। छह नंबर चुंगी पर नागरिकों की मांग पर नवनिर्मित नाले को तोड़कर दोबारा निर्माण कराया तो मामला शांत हो पाया था।
यह है स्थिति
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शनिवार सुबह सात से शाम छह बजे तक इस नाले से 35 बार जेंटिंग मशीन ने गंदा पानी का उठाव किया। जेटिंग मशीन एक बार में 2500 लीटर गंदे पानी का उठाव करती है। नाला पूरी तरह खाली होने के बावजूद गंदे पानी की निकासी शुरू नहीं हो सकी। बताया जा रहा है कि नाले को ढ़कने के लिए फिक्स फेरोकवर भी कई जगह अड़चन पैदा कर रहे हैं। इसके अलावा नाले के निर्माण के दौरान रखे गए चैंबरों को ढ़कने के लिए अधिकांश जगहों पर फेरोकवर तक नहीं लगाए गए थे। बाद में नगर परिषद खानापूर्ति करते हुए कई जगह फेरोकवर तो लगाए और कई स्थानों पर अभी भी खुले में पड़े हैं।
यहां भी फेल हुआ था सिस्टम
टाउन-जंक्शन मार्ग पर पीरखाना के सामने नगर परिषद ने गंदे पानी की निकासी का समाधान करने के लिए कई वर्ष पूर्व तीस लाख की लागत से नाले का निर्माण कराया था। उस वक्त नगर परिषद के तकनीकि विभाग के अधिकारी लेवल लेना नहीं भूल गए थे। निर्माण के बाद मालूम हो पाया था कि पानी की निकासी तो टाउन की तरफ होनी चाहिए, लेकिन जंक्शन की तरफ होगी। इसकी जांच करने की बजाए और निर्माण एजेंसी से दोबारा कराने की बजाए इस खामी पर लीपापोति करते हुए नगर परिषद ने फिर से बीस लाख रुपए खर्च कर लेवल का सुधार किया। हालात है कि वर्तमान में विजय सिनेमा के सामने निकासी जनरेटर पंप से की जाती है। इसके संचालन के लिए नगर परिषद एक माह में सैंकड़ों लीटर डीजल फूंकती है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो