scriptFarmers happy with the announcement of cancellation of agriculture law | कृषि कानून रद्द करने की घोषणा से किसानों में खुशी | Patrika News

कृषि कानून रद्द करने की घोषणा से किसानों में खुशी

locationहनुमानगढ़Published: Nov 19, 2021 08:42:29 pm

Submitted by:

Purushottam Jha

https://www.patrika.com/hanumangarh-news/ हनुमानगढ़. केंद्र सरकार की ओर से तीनों कृषि कानून को रद्द करने की घोषणा के बाद स्थानीय किसानों में खुशी का माहौल है। वहीं टोल नाकों पर सरकार के खिलाफ धरना लगाए किसान कानून रद्द होने तक आंदोलन जारी रखेंगे। गुरु पर्व के दिन पीएम की ओर से कृषि कानून रद्द करने की घोषणा के बाद शुक्रवार को किसानों ने ढ़ोल-नगाड़ों पर नाच-गाकर खुशियां मनाई। किसानों के संघर्ष की जीत का जश्न पूरे जिले में देखने को मिला। जंक्शन के भगत सिंह चौक पर आयोजित कार्यक्रम में संयुक्त किसा

कृषि कानून रद्द करने की घोषणा से किसानों में खुशी
कृषि कानून रद्द करने की घोषणा से किसानों में खुशी
कृषि कानून रद्द करने की घोषणा से किसानों में खुशी
-किसानों ने नाच-गाकर व मिठाइयां बांटकर किया खुशी का इजहार
हनुमानगढ़. केंद्र सरकार की ओर से तीनों कृषि कानून को रद्द करने की घोषणा के बाद स्थानीय किसानों में खुशी का माहौल है। वहीं टोल नाकों पर सरकार के खिलाफ धरना लगाए किसान कानून रद्द होने तक आंदोलन जारी रखेंगे। गुरु पर्व के दिन पीएम की ओर से कृषि कानून रद्द करने की घोषणा के बाद शुक्रवार को किसानों ने ढ़ोल-नगाड़ों पर नाच-गाकर खुशियां मनाई। किसानों के संघर्ष की जीत का जश्न पूरे जिले में देखने को मिला। जंक्शन के भगत सिंह चौक पर आयोजित कार्यक्रम में संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े किसानों ने मिठाईयां बांटी। इस मौके पर किसान नेता रेशम सिंह मानुका ने कहा कि किसानों के संघर्ष के आगे केंद्र सरकार झुकने को मजबूर हुई है। जो खेती व किसानी के लिए काफी अच्छा संदेश है।
तीनों कृषि कानून के रद्द होने पर आगे एमएसपी कानून बनने से किसानों को लाभ होगा। साथ ही आमजनता को भी महंगाई से निजात मिलेगी। यदि तीनों कृषि कानून लागू रहते तो पंंूजीपतियों के हाथ में पूरा कृषि क्षेत्र चला जाता। लेकिन अब किसानों के संघर्ष को सरकार ने समझकर कानून रद्द करने का निर्णय लिया है। इससे किसानों में खुशी का माहौल है। केंद्र सरकार के इस निर्णय से हनुमानगढ़ जैसे कृषि प्रधान जिले को भविष्य में लाभ होगा। क्योंकि तीनों कृषि कानून में एमएसपी की गारंटी का जिक्र नहीं है। इसके कारण किसान इसका विरोध कर रहे हैं।
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