इस मौके पर प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन कलक्टर को सौंपा। जिसमें सिंचित क्षेत्र की कपास एव धान की फसल को बीमा योजना से बाहर करने की मांग की। साथ ही प्रतिनिधिमंडल ने संशोधित राष्ट्रीय फसल बीमा योजना 2015 में लागू होने से लेकर 2018 तक कि गई प्रीमियम वृद्धि को किसानों पर डाका बतलाया। समस्याओं का समाधान नहीं होने पर किसानों ने 20 अगस्त को जिला कलक्ट्रेट पर प्रदर्शन करने की चेतावनी दी।
खेती बचाओ-किसान बचाओ मोर्चा के प्रवक्ता ओम जांगू,भाखड़ा किसान संघर्ष समिति अध्यक्ष अशोक चौधरी, दयाराम, जसवंत नगराना, विजय पूनियां व कुलविंदर ढिल्लो आदि मौजूद रहे। प्रतिनिधि मंडल ने आरोप लगाया कि सरकार की वर्तमान व्यवस्था से किसान लूट रहे हैं और बीमा कंपनी वाले निहाल हो रहे हैं। किसान प्रतिनिधियों की सलाह के आधार पर ही उपज निर्धारित कर बीमा प्रीमियम निर्धारित करने की मांग की।
बीमा नहीं होने से किसान हताश
पल्लू, कस्बे के भारतीय स्टेट बैंक से जुड़े आसपास के दर्जनों गांवों के किसान फसल बीमा को लेकर बेहद परेशान हैं। बैकों की दो दिनों की छुट्टी के बाद सोमवार को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत फसल बीमा करवाने किसानों का सैलाब उमड़ पड़ा।यहां तक की बैंक की परिधि खचाखच भर जाने के बाद किसान बैंक के सामने चिलचिलाती धूप में भी डटकर अपनी बारी का इन्तजार करते रहे।
आखिर किसानों को हताश होकर घरों को लौटना पडा। यही हाल मगलवार को रहा। ई मित्र की दुकानों पर बेबसाइट नहीं खुलने के कारण किसानों को इधर से उधर दिन भर भटकते रहे। मगलवार को फसल बीमा करवाने की अन्तिम तिथि होने के कारण किसानों में खलबली मची रही।