उन्होंने बताया कि बांधों के जल ग्रहण क्षेत्रों में इस सप्ताह अच्छी बारिश हुई है। इससे बांधों में आवक बढ़ गई है। जो भविष्य में राजस्थान के किसानों को राहत देने वाली है। उन्होंने बताया कि २४ सितम्बर को पौंग बांध में दो लाख क्यूसेक से अधिक पानी की आवक हुई। इससे पौंग बांध का जल स्तर बढक़र १३८५ फीट हो गया। इसी तरह भाखड़ा में ४४००० क्यूसेक पानी की आवक हुई। इससे भाखड़ा बांध का लेवल बढक़र १६५४ हो गया है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार बारिश अभी और हो सकती है। इस स्थिति में बांधों में आगे भी अच्छी आवक हो सकती है।
इससे राजस्थान के किसानों को अक्टूबर में रबी बिजाई के लिए मांग के अनुसार सिंचाई पानी मिलने की संभावना है। हलांकि जल संसाधन विभाग के अधिकारी यह स्थिति स्पष्ट करने से बच रहे हैं कि अक्टूबर में कितना पानी चलेगा। मुख्य अभियंता जाखड़ ने बताया कि तीस सितम्बर से पहले हनुमानगढ़ में जल परामर्शदात्री समिति की बैठक बुलाकर जनप्रतिनिधियों की राय जानेंगे। उपलब्ध पानी को कैसे चलाना है, इस बारे में विस्तृत चर्चा के बाद ही रेग्यूलेशन की स्थिति स्पष्ट करेंगे।
उल्लेखनीय है कि वर्तमान में इंदिरागांधी नहर को तीन में एक समूह में चलाया जा रहा है। आवक इसी तरह से कुछ दिन और जारी रहने पर अक्टूबर माह में इंदिरागांधी नहर को चार में दो समूह में चलाया जा सकता है। इससे रबी बिजाई करने में किसानों को सिंचाई पानी की दिक्कत नहीं आएगी। कमजोर मानसून के चलते बांध अब तक खाली थी।
लेकिन जाते मानसून ने राजस्थान के लिए अच्छे संकेत दिए हैं। पौंग बांध में सर्वाधिक करीब 50 प्रतिशत शेयर राजस्थान का निर्धारित है। जबकि इंदिरागांधी नहर में पौंग बांध से ही ज्यादातर पानी की आपूर्ति होती है। इंदिरागांधी नहर से हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर, चूरू, बीकानेर, जैसलेमर, नागौर, बाड़मेर, झुंझुंनू, सीकर आदि जिलों को पानी उपलब्ध हो रहा है।