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किसानों को मिलेगा पूरा पानी

locationहनुमानगढ़Published: Oct 02, 2018 11:44:36 am

Submitted by:

Rajaender pal nikka

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किसानों को मिलेगा पूरा पानी

तेरह मार्च तक का रेग्यूलेशन जारी

26 दिसम्बर तक चार में दो समूह तथा इसके बाद तीन में एक समूह में चलेगा पानी

हनुमानगढ़. इंदिरागांधी नहर का दो अक्टूबर से 13 मार्च तक का रेग्यूलेशन मंजूर हो गया है। सिंचित क्षेत्र आयुक्त ने जल परामर्शदात्री समिति की बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार तैयार रेग्यूलेशन पर मोहर लगा दी है। इसके अनुसार इंदिरागांधी नहर को दो अक्टूबर से 26 दिसम्बर तक चार में दो समूह में व 26 दिसम्बर से 13 मार्च तक इंदिरागांधी नहर को तीन में एक समूह में चलाया जाएगा।
इस तरह किसानों को रबी सीजन में सिंचाई के लिए पूरा पानी मिल सकेगा। उल्लेखनीय है कि 27 सितम्बर को जल परामर्शदात्री समिति की हुई बैठक में पहले विभाग इस तरह के रेग्यूलेशन मंजूर करने में असमर्थतता जता रहा था। लेकिन विधायकों ने एकजुट होकर इस रेग्यूलेशन की पैरवी की तो अफसर मान गए। इसके तहत एक अक्टूबर को उक्त रेग्यूलेशन जारी कर दिया गया। जल संसाधन विभाग उत्तर संभाग के मुख्य अभियंता केएल जाखड़ के अनुसार रावी व्यास नदियों के पानी में राजस्थान का हिस्सा 26 सितम्बर 2018 से 20 मई 2019 तक 15,36, 262 क्यूसेक डेज बनता है।
लेकिन ड्राइ सीजन में संभावित आवक को शामिल करते हुए विभाग ने जो रेग्यूलेशन का प्रस्ताव बनाया है, उसके अनुसार नहरों को चलाने पर 17, 25, 560 क्यूसेक पानी की आवश्यकता पड़ेगी। इस तरह कुल हिस्से की तुलना में 1, 89, 258 क्यूसेक डेज पानी की कमी रहेगी। हालांकि जिस तरह से जाते मानसून ने राहत दी है, उसी तरह यदि मावठ ने साथ दिया तो आगे पानी कमी नहीं रहेगी। इंदिरागांधी नहर से हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर व बीकानेर के अलावा करीब दस जिलों को जलापूर्ति हो रही है।
पानी की मात्रा
गुल्लाचिक्का 4620
खनौरी 4050
चांदपुर 4850
ओटू 12000
घग्घर साइफन 8450
नाली बेड 4700
(नोट-01 अक्टूबर 2018 को घग्घर नदी में प्रवाहित पानी की मात्रा को क्यूसेक में समझें।)

घग्घर नदी प्रवाह क्षेत्र में पानी की आवक बढ़ी
नदी क्षेत्र के पुलों के ऊपर से बह रहा है पानी,केली बनी रुकावट
डबलीराठान. घग्घर के प्रवाह क्षेत्र में पानी की आवक बढऩे से उप तहसील क्षेत्र के नदी किनारे बसे गांवों के आवागमन को बने पुलों (काजवे) के ऊपर से पानी बहना शुरू हो गया है। जिससे लोगों की चिंता बढऩे लगी है। नदी में पानी के साथ बहकर आई केली के कारण पुलों के पास रुकावट बनती जा रही है।
नदी में आया पानी किसानों के लिए लाभदायक है। चक जहाना से बहलोलनगर के मध्य पुल पर सोमवार को पानी का बहाव तेज हो जाने से दुपहिया वाहन चालकों ने खतरा भांप आवागमन बंद कर दिया है। डबली राठान से सहजीपुरा के मध्य मार्ग पर निर्मित पुल से भी पानी का प्रवाह जारी है।
सहजीपुरा के नदी किनारे के मुहाने किसान विजय पाल ने बताया कि पुल के समीप पानी निकासी के बहुत से पाइपों के आगे फंसी केली से पानी प्रवाह में रुकावट बनी हुई है। अगर केली को निकाल लिया जाता है तो पानी पुल के पाइपों से निकल जाने से पानी पुल के उपर से बहना बंद हो जाएगा। किसान संदीप , रामकुमार दूधवाल, दुकानदार बिट्टू आदि ने बताया कि छ: दशक बाद मार्ग पर बना पुल इलाके के लिए वरदान साबित हो रहा है। नदी के किनारे बांध के पास उसकी भूमि होने से धान की अंतिम सिंचाई इसी पानी से की जा रही है।
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