मौके पर रस्से लेकर पहुंचे मसीतांवाली हैड के कांस्टेबल रणजीत व चौकी प्रभारी भागीरथ भूकर ने रस्से की सहायता से चित्रांश को तो बचा लिया लेकिन राकेश कुमार डूब गया। पुलिस ने कुछ ही देर बाद उसके शव को भी नहर से बाहर निकाल लिया। तथा उसके कपड़ों में मिले पहचान पत्र के आधार पर उसके परिजनों को सूचना दी। पुलिस ने बाद में शव को टिब्बी के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर पहुंचाया जहां पर उसका पोस्टमार्टम कर शव उसके परिजनों को सौंप दिया गया। इस मौके पर पुलिस उपअधीक्षक देवानंद, तलवाड़ा झील थाना प्रभारी चंद्रभान चौधरी, मसीतांवाली हैड चौकी प्रभारी भागीरथ भूकर आदि मौजूद थे।
बेटे को चिकित्सक से जांच कराने के बहाने लिया साथ
पुलिस के अनुसार राकेश कुमार सुबह करीब नौ बजे अपने घर पहुंचा तथा अपने छोटे बेटे चित्रांश को चिकित्सक को दिखाने के बहाने अपने साथ ले लिया तथा बस पर सवार होकर मसीतांवाली हैड पहुंचे। जहां पर उसने अपने बेटे को बाहों में लेकर नहर में छलांग लगा दी।
घर पर छोड़े तीन सुसाइड नोट, दिया आर्थिक तंगी का हवाला
इंदिरा गांधी मुख्य नहर में कूदा राकेश कुमार घर से रवाना होने से पूर्व अपनी पत्नी व माता-पिता के नाम तीन सुसाइड नोट लिखकर छोड़े थे। सुसाइड नोट में उसने आर्थिक तंगी का हवाला देते हुए नहर में कूदकर जान देने के बारे में लिखा था। साथ ही बेेटा भविष्य में परेशान नहीं हो जिसके चलते उसे साथ लेकर जाने की जानकारी दी।
तलवाड़ा झील थाना प्रभारी चंद्रभान चौधरी के अनुसार नहर पर पहुंचते ही उसने अपनी पत्नी को फोन कर संदूक में रखे सुसाइड नोट के बारे में जानकारी देकर फोन बंद कर दिया था जिसके बाद उसकी पत्नी ने अपने परिजनों को सुसाइड नोट से अवगत कराया तथा उसकी तलाश शुरू की। मृतक राकेश कुमार पहले कपड़ा प्रेस करने का काम करता था तथा दस दिन पूर्व ही लोन पर ई रिक्शा लेकर उसे चलाने का काम शुरू किया था।
कांस्टेबल ने जान पर खेलकर बचाई बालक की जान
राकेश कुमार के अपने पुत्र को साथ लेकर नहर में कूदने की जानकारी मिलते ही मसीतांवाली हैड चौकी पर तैनात कांस्टेबल रणजीत रस्सा लेकर मौके पर पहुंचा। तथा डूबते पिता पुत्र की तरफ रस्सा फेंका। जिसे पकड़कर चित्रांश तो बाहर आ गया लेकिन रणजीत का संतुलन बिगड़ गया तथा वह नहर में गिरते गिरते बचा। ग्रामीणों ने रणजीत को सहारा दिया। बाद में पुलिस व ग्रामीणों ने नहर में डूबे राकेश के शव को भी बाहर निकाल लिया। अगर मौके पर शव नही निकाला जाता तो उसे ढूढंने में काफी परेशानी होती।
नहीं पकड़ा रस्सा
चौकी प्रभारी भागीरथ भूकर के अनुसार पुलिस ने नहर में डूब रहे राकेश की ओर तीन बार रस्सा फेंका, लेकिन उसने उसे पकड़ा नहीं। वह अपने पुत्र को भी साथ ही डूबो देना चाहता था, लेकिन खुशकिस्मती से बालक बच गया।
एक माह में तीसरी घटना
शनिवार को राकेश कुमार के अपने पुत्र को साथ लेकर नहर में कूदने की एक महिने के दौरान तीसरी बड़ी घटना है। इससे पूर्व 16 दिसम्बर को झाम्बर निवासी डाकिया ओमप्रकाश व 2 जनवरी को सहजीपुरा निवासी संदीप जाट अपनी नाबालिग पुत्री के साथ नहर में कूदकर आत्महत्या कर चुके है।