हनुमानगढ़

अपने ‘बापूवाली पाठशाला’ में प्रायोगिक परीक्षा नहीं दे सकेगा बच्चा, करनी होगी दूसरी व्यवस्था

अदरीस खान @ हनुमानगढ़. ‘बापूवाली पाठशाला’ में अध्ययनरत बच्चे वहां प्रायोगिक परीक्षा नहीं दे सकेंगे। उनको निकट के किसी अन्य विद्यालय से ही इम्तिहान देना होगा।

हनुमानगढ़Apr 10, 2021 / 10:38 am

adrish khan

अपने ‘बापूवाली पाठशाला’ में प्रायोगिक परीक्षा नहीं दे सकेगा बच्चा, करनी होगी दूसरी व्यवस्था

अपने ‘बापूवाली पाठशाला’ में प्रायोगिक परीक्षा नहीं दे सकेगा बच्चा, करनी होगी दूसरी व्यवस्था
– पिता विषय अध्यापक तो पुत्र-पुत्री नहीं दे पाएंगे उसी विद्यालय से प्रायोगिक परीक्षा
– कोरोना संक्रमण के चलते इस बार बोर्ड कक्षाओं की प्रायोगिक परीक्षा के लिए बाहर से नहीं आएंगे परीक्षक
अदरीस खान @ हनुमानगढ़. ‘बापूवाली पाठशाला’ में अध्ययनरत बच्चे वहां प्रायोगिक परीक्षा नहीं दे सकेंगे। उनको निकट के किसी अन्य विद्यालय से ही इम्तिहान देना होगा। इसमें अगर किसी तरह की दिक्कत हो तो फिर अन्य विद्यालय के अध्यापक को परीक्षक नियुक्त कर प्रायोगिक परीक्षा करानी होगी। मतलब कि विद्यालय में पिता विषय अध्यापक होने पर बच्चों की प्रायोगिक परीक्षा को लेकर यह व्यवस्था करनी होगी। माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, राजस्थान, अजमेर ने उच्च माध्यमिक प्रायोगिक परीक्षा-2021 के संबंध में यह दिशा-निर्देश जारी किया है। क्योंकि प्रदेश के कई जिलों से इसको लेकर जानकारी मांगी गई थी।
दरअसल, कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के दृष्टिगत इस साल माशिबो ने बोर्ड कक्षाओं की प्रायोगिक परीक्षा लेने के लिए जिले से बाहर के परीक्षक भेजने की व्यवस्था समाप्त कर दी है। अब संबंधित विद्यालय के विषय अध्यापक ही प्रायोगिक परीक्षा ले सकेंगे। यदि किसी विद्यालय में पद रिक्त है तो नजदीक के अन्य विद्यालय के व्याख्याता या वरिष्ठ अध्यापक को यह जिम्मेदारी दी जा सकती है। इसके लिए उनको जिला शिक्षा अधिकारी से संपर्क कर अनुमति लेनी होगी। सामान्यत: बाहर से परीक्षक आते हैं। संक्रमण के इस माहौल में ट्रैवल हिस्ट्री के साथ सैकड़ों बच्चों की परीक्षा लेना समस्या का कारण नहीं बन जाए। इसलिए प्रायोगिक परीक्षा के लिए पूरे प्रदेश में इस साल परीक्षकों को एक से दूसरे जिले में नहीं भेजा जा रहा है।

तो फिर करनी होगी यह व्यवस्था
माशिबो अजमेर के उप निदेशक (गोपनीय) के आदेशानुसार किसी विषय अध्यापक का पुत्र-पुत्री उसी विद्यालय में अध्ययनरत है एवं प्रायोगिक परीक्षा में शामिल होते हैं तो उनकी प्रायोगिक परीक्षा निकट के किसी अन्य विद्यालय में करानी होगी। इसके लिए डीईओ की अनुमति लेनी होगी। यदि इसमें कोई परेशानी हो तो अन्य विद्यालयों के किसी विषय अध्यापक को डीईओ की अनुमति से परीक्षा के लिए नियुक्त किया जा सकता है। उसी तहसील एवं ब्लॉक के शिक्षक को ही परीक्षक नियुक्त करना होगा।

कृषि संकाय के लिए
कृषि विज्ञान विषय के कृषि व्याख्याता का पद रिक्त होने एवं कोई व्याख्याता नहीं होने पर डीईओ अपने विवेक से परीक्षक नियुक्त कर सकते हैं। इसके लिए गत वर्ष परीक्षा सम्पन्न कराने वाले अध्यापकों, व्याख्याता, सेवानिवृत्त विषय व्याख्याता तथा एमएससी/बीएससी (एग्रीकल्चर) योग्यताधारी को भी नियुक्त किया जा सकता है। यदि किसी विद्यालय में प्रायोगिक विषय की लैब नहीं है तथा विषय के परीक्षार्थी न्यून है तो उनकी प्रायोगिक परीक्षा डीईओ की अनुमति से नजदीक के विद्यालय में सम्पन्न कराई जा सकती है।

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