इस दौरान पिता को आग से घिरा देख बचाने के लिए उसका 15 वर्षीय पुत्र कालू सह भी आग से घिरे बाड़े में प्रवेश कर गया। लू के तेज थपेड़ों के बीच सरकंडों से बना पशुबाड़ा लाक्षागृह की तरह भभक उठा। ऐसे में आग की लपटों से घिरे पिता-पुत्र पशुबाड़े से बाहर नहीं निकल पाए। आगजनी की इस घटना में पिता-पुत्र के साथ करीब डेढ़ दर्जन भेड़-बकरी व मूर्गे जलकर खाक हो गए। घटना के दौरान मृतक सरजीत सिंह की पत्नी व दूसरे पुत्र ने बचाव के प्रयास किए। परंतु आग की लपटों के बीच जलती जिंदगियों को बचाने के उनके प्रयास सफल नहीं हो पाए।
पेट्रोल से भरी बोतल लेकर पानी टंकी पर चढ़े, पुलिस करती रही समझाइश
घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस व प्रशासन के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे। इस दौरान विधायक अमित चाचाण, पूर्व विधायक अभिषेक मटोरिया, पंस प्रधान सोहन ढिल सहित अनेक जनप्रतिनिधियों ने मौके पर पहुंचकर घटना की जानकारी लेकर पीडि़त परिवार की सहायता के लिए चर्चा की।