हनुमानगढ़ के आसपास तीस से चालीस किलोमीटर के दायरे में आग लगने पर दमकल की गाड़ी टाउन के नेहरू मेमोरियल स्कूल के सामने स्थित अग्निशमन कार्यालय से जाती है। कार्यालय के अलावा अन्य कहीं भी पानी भरने की व्यवस्था नहीं होने पर आग बुझाने के लिए एक साथ चारों गाडिय़ां भेजी जाती है। इनकी मदद से आग नहीं बुझने पर पुन: टाउन कार्यालय में आकर ही गाडिय़ों में पानी भरने की एक मात्र व्यवस्था है।
इसके लिए तत्कालीन जिला कलक्टर दिनेश चंद्र जैन ने नगर परिषद को टाउन-जंक्शन के अलावा आसपास के गांवों के वाटर वक्र्स में फायर हाइड्रैंट सिस्टम लगाने के निर्देश दिए थे ताकि आग लगने की घटना पर जल्द काबू पाया जा सके। इसके लिए नगर परिषद ने कागजी कार्रवाई तो की लेकिन जिला कलक्टर के तबादला होने पर इस कार्रवाई को बीच में छोड़ दिया। अब गर्मियां सिर पर है। ऐसे में खेतों में आग लगने की घटना गर्मियों में सबसे अधिक होती है। २०१८ के विधानसभा चुनाव से पहले शुरू हुई कागजी प्रक्रिया नगर परिषद अब तक पूरी नहीं कर पाई है।
नगर परिषद के पास दमकल की पांच गाडिय़ां हैं। इनमें से एक १५ हजार लीटर, पांच हजार लीटर, चार हजार लीटर, तीन हजार लीटर व पांच सौ लीटर कैमिकल की गाड़ी है।