पहले जमानत पर रिहा होकर फरार, अब कोर्ट ने अफीम तस्करी का दोषी करार देकर सुनाई सजा
हनुमानगढ़Published: Nov 29, 2018 08:56:30 pm
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पहले जमानत पर रिहा होकर फरार, अब कोर्ट ने अफीम तस्करी का दोषी करार देकर सुनाई सजा
पहले जमानत पर रिहा होकर फरार, अब कोर्ट ने अफीम तस्करी का दोषी करार देकर सुनाई सजा
– हनुमानगढ़ की एनडीपीएस कोर्ट का फैसला
– तीन साल कारावास व तीस हजार रुपए जुर्माना भी लगाया
– गोलूवाला पुलिस ने 2008 में जब्त की थी अफीम
हनुमानगढ़. विशिष्ट न्यायाधीश एनडीपीएस मसरूरआलम खान ने गुरुवार को अफीम तस्करी के मामले में एक जने को दोषी करार देते हुए तीन साल कठोर कारावास की सजा सुनाई। उस पर तीस हजार रुपए जुर्माना भी लगाया गया है। जुर्माना अदा नहीं करने की स्थिति में उसे अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। अभियोजन ने इस मामले में 10 गवाह तथा 28 दस्तावेज अदालत में पेश किए। राज्य सरकार की ओर से मामले की पैरवी विशिष्ट लोक अभियोजक जाकिरहुसैन कायमखानी ने की।
प्रकरण के अनुसार 17 दिसम्बर 2008 को गोलूवाला थाने के तत्कालीन थाना प्रभारी रणवीर सांई ने मुखबिर की सूचना पर चक चार एलकेएस रोही क्षेत्र में नाकाबंदी की। इस दौरान संदिग्ध नजर आ रहे एक जने की तलाशी ली तो उसके पास 500 ग्राम अफीम मिली। आरोपित की पहचान किशनाराम पुत्र कासबाजी बिश्नोई निवासी पुर, थाना सांचोर, जिला जालोर के रूप में हुई। अफीम जब्त कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया। उसके खिलाफ एनडीपीएस एक्ट में मामला दर्ज किया। पुलिस ने जांच कर चालान पेश किया। कोर्ट ने उसे दोषी करार देते हुए सजा सुनाई।
पहले भगौड़ा घोषित
अफीम तस्कर किशनाराम को पहले कोर्ट ने भगौड़ा घोषित कर दिया था। वह जमानत पर रिहा होकर फरार हो गया था। कोर्ट ने उसे भगौड़ा घोषित कर स्थाई वारंट जारी कर दिया। इसके बाद 28 सितम्बर 2015 को पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में जेल भिजवाया।