जीवरक्षा संस्था प्रदेश महासचिव अनिल बिश्नोई ने बताया कि अज्ञात चार-पांच शिकारी रविवार रात पुराने सार्वजनिक जोहड़ में लम्बा चौड़ा जाल फैलाकर मछलियों को फांस रहे थे व उन्हें बोरियों में पैक कर रहे थे इसी बीच वन्यजीव प्रेमी महावीर गोदारा ने अज्ञात शिकारियों को ललकारा तो वे जाल में फंसी मछलियां तथा बोरियों वहीं छोड़ पेड़ों की ओट में छिप गए बाद में अन्य ग्रामीणों के आने पर शिकारी मौका देखकर फरार हो गए जिन्हें भागते हुए ग्रामीणों ने देखा।
ग्रामीणों ने घटना की जानकारी सरपंच भूपसिंह सिहाग को दी। सरपंच द्वारा दूरभाष पर गोलूवाला पुलिस को अवगत करवाने पर पुलिस अधिकारी रामपाल मौके पर पहुंचे तथा मृत मछलियों को बोरियों से निकलवा कर उनका अंतिम संस्कार करवाया। बोरियां, चप्पल आदि मिले सोमवार अलसुबह ग्रामीणों ने जोहड़ पर जाकर देखा तो उन्हें अज्ञात शिकारियों की तीन जोड़ी चप्पलें, रबड़ के जाल, साफा व खाली बोरियां आदि मिले। इस मौके पर पूर्व सरपंच भीमसैन सहारण, अधिवक्ता शेलेन्द्र बिश्नोई, जीवरक्षा संस्था प्रदेश महासचिव अनिल बिश्नोई सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे।