आराम के लिए जुड़े अपराध से
आरोपी नीरज दसवीं पास जबकि गौतम, सुशील 12वीं पास तथा पशुपतिनाथ एमपीएड व तौफिक बीए पास हैं। ये लोग पढ़ाई करने के बाद बेरोजगारी के चलते बैंकों से धोखाधड़ी कर हेराफेरी के धंधे में जुड़ गए। ऐशोआराम व मस्ती की जिंदगी जीने के आदी युवकों की चाल-ढाल व पहनावे से ऐसा नहीं लगता था कि ये किसी गिरोह के सदस्य हो सक ते हैं।
मामला दर्ज
यहां पंजाब नैशनल बैंक नई धान मंडी के शाखा प्रबंधक वैशाली नगर जयपुर निवासी अमित बीका पुत्र उम्मेदसिंह राजपूत ने थाना में इस आशय पेश की थी कि गुरुवार को बैंक की ग्राहक ममता एजेंसीज संगरिया के मालिक पंकज ग्रोवर ने 50 हजार रुपए का एक चैक बैंक में आरटीजीएस के लिए यॉरसेल्फ का दिया था। पंकज ने शाम पांच बजे बैंक को बताया कि इस चैक की रकम उनकी पार्टी के खाते में जमा नहीं हुई है। इस पर बैंक में ढूंढने पर भी चैक नहीं मिला। उन्होंने इसे किसी के द्वारा चोरी कर ले जाने का संदेह जताया। इस पर पुलिस ने धारा 380 भादंसं में मामला दर्ज कर लिया।
अनुसंधान शुरु
थाना प्रभारी सतवीर मीना ने अनुसंधान शुरु किया। पुलिस अधीक्षक तथा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जस्साराम बोस, डीएसपी नरपतचंद के निर्देशन में थाना की टीम गठित की गई। बाद अनुसंधान अन्र्तराज्जीय गिरोह के पांच सदस्य पुलिस की पकड़ में आए। आरोपियों के खिलाफ धारा 420, 467, 468,120-बी भादंसं और जोड़ दी गई। जिन्हें शनिवार को कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया जावेगा। पुलिस टीम में उप निरीक्षक रचना बिश्रोई, हवलदार शाहरसूल, किशोर सिंह मान, जगदीश व अवतारसिंह, कांस्टेबल राजेन्द्र, अविनाश, रामधन शामिल रहे। आरोपियों को पकडऩे में हवलदार शाह रसूल की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
17 बैंकों से रुपए निकाले
आरोपियों ने कड़ी पूछताछ के बाद 17 बैंकों में चैकों के जरिए 27लाख 37 हजार रुपए हेराफेरी करना कबूला है। जिनमें तीन साल पूर्व पंजाब नैशनल बैंक सीकर से 2 लाख रुपए, दो साल पहले पंजाब नैशनल बैंक पुष्कर से 1.5 लाख रुपए, पंजाब नैशनल बैंक लूनकरणसर से डेढ़ वर्ष पहले 1.5 लाख रुपए, बैंक ऑफ बड़ौदा दौसा में तीन साल पहले 75 हजार, ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स रावतसर में डेढ़ साल पहले 65 हजार, ओबीसी सरदारशहर में डेढ़ साल पहले 58 हजार, अढ़ाई साल पहले बैंक ऑफ बड़ौदा जयपुर से 75 हजार, चार साल पहले पंजाब नैशनल बैंक कोटा से एक लाख 10 हजार रुपए आदि की वारदातें उन्होंने स्वीकारी हैं।