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जिस मामले को दर्ज करने में देरी पर पेश किया अवहेलना का परिवाद, उसमें सात दिन में लगा दी एफआर

locationहनुमानगढ़Published: Jan 05, 2019 09:31:00 pm

Submitted by:

adrish khan

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जिस मामले को दर्ज करने में देरी पर पेश किया अवहेलना का परिवाद, उसमें सात दिन में लगा दी एफआर

– कॉलेज में फर्जीवाड़े मामले में सात दिन में लगाई एफआर
– कोर्ट के आदेश की अवहेलना का परिवाद पेश करने के बाद दर्ज किया था मामला
– एनएम लॉ कॉलेज में कथित वित्तीय गड़बड़ी का प्रकरण
हनुमानगढ़. एनएम लॉ कॉलेज के तत्कालीन प्राचार्य व उप प्राचार्य सहित कई जनों के खिलाफ साजिश रचकर वित्तीय फर्जीवाड़ा करने के मामले में पुलिस ने विशेष तत्परता दिखाते हुए एफआर लगा दी है। टाउन थाना पुलिस ने 25 दिसम्बर को मामला दर्ज किया और दो जनवरी को अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, हनुमानगढ़ में एफआर पेश कर दी। जरिए इस्तगासा दर्ज इस प्रकरण में महत्वपूर्ण बात यह है कि पुलिस ने जो शीघ्रता एफआर पेश करने में दिखाई है, वह उसने मामला दर्ज करने में नहीं दिखाई। इस कारण परिवादी पक्ष ने टाउन थाना प्रभारी तथा पैरोकार के खिलाफ कोर्ट की अवमानना संबंधी परिवाद 24 दिसम्बर को पेश किया। इसके अगले दिन ही पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया।
गौरतलब है कि 25 दिसम्बर को टाउन थाने में जरिए इस्तगासा दर्ज मामले में रीटा सोनी निवासी जंक्शन का आरोप है कि एनएम लॉ कॉलेज में एनएसएस के लिए मिलने वाली राशि, विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए मिलने वाली रकम सहित विभिन्न मदों से फर्जी बिल बनाकर भुगतान उठाया गया। तत्कालीन प्राचार्य व उप प्राचार्य ने सेवानिवृत्ति के बावजूद गलत ढंग से सेवा में बढ़ोतरी कर गलत ढंग से भुगतान उठाया। फर्जी बिल बनाकर पैसे उठाए। इस तरह की वित्तीय अनिमितताएं सामने आने के बावजूद इसकी अनदेखी की गई। फर्जीवाड़े में कॉलेज तथा राष्ट्रीय शिक्षण संस्था के कई पदाधिकारियों पर आरोप लगाए गए हैं। कॉलेज में फर्जीवाड़े का यह मामला इस साल के शुरू में उठा था। यद्यपि इस संबंध में तब कोई मामला वगैरह दर्ज नहीं कराया गया था।
पेश करना पड़ा परिवाद
अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, हनुमानगढ़ की ओर से इस संबंध में जरिए इस्तगासा मामला दर्ज कर टाउन पुलिस को जांच का आदेश दिया गया था। मगर पुलिस ने मामला दर्ज करने में देरी की तो परिवादी रीटा सोनी ने टाउन थाना प्रभारी तथा पैरोकार के खिलाफ कोर्ट के आदेश की अवहेलना को लेकर 24 दिसम्बर को अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, हनुमानगढ़ के समक्ष परिवाद पेश किया। इसमें आरोप लगाया कि एनएम लॉ कॉलेज व राष्ट्रीय शिक्षण संस्थान समिति के पदाधिकारियों व सदस्यों के फर्जीवाड़े से संबंधित परिवाद पर कोर्ट ने 156(3) के तहत टाउन पुलिस को एक दिसम्बर को जांच करने का आदेश दिया था। इसके बाद प्रकरण की पत्रावली 19 दिसम्बर को टाउन थाना पुलिस को भेजी गई। मगर इस संबंध में अब तक मामला दर्ज नहीं किया गया है। कोर्ट के आदेशों की जानबूझकर पालना नहीं कर आरोपितों को साक्ष्य नष्ट करने का अवसर देकर न्यायिक प्रक्रिया में लाभ दिया जा रहा है। पुलिस की अधिकारिक वेबसाइट के रिकॉर्ड के अनुसार टाउन थाना पुलिस ने 22 दिसम्बर को भेजी गई पत्रावली पर तो एफआईआर दर्ज कर रखी है। मगर इस मामले में 19 दिसम्बर को पत्रावली भिजवाने के बावजूद मामला दर्ज नहीं किया गया। टाउन थाने के पैरोकार या फिर थाना प्रभारी इसमें कोताही बरत कर आरोपितों को लाभ पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं। इसके अगले दिन ही 25 दिसम्बर को मामला दर्ज कर लिया गया।

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