अफसरों ने जांचे मंडी के हालात
हनुमानगढ़Published: May 10, 2019 11:20:56 am
https://www.patrika.com/hanumangarh-news/
शीघ्र गेहूं उठाव नहीं तो कार्रवाई के लिए रहो तैयार
शीघ्र गेहूं उठाव नहीं तो कार्रवाई के लिए रहो तैयार
हनुमानगढ़. मंडियों में पड़े गेहूं का उठाव नहीं होने पर गुरुवार को जिला कलक्टर ने नाराजगी जाहिर की। गेहूं के थैलों से भरी मंडियों के हालात देख जिला कलक्टर ने असंतोष जाहिर करते हुए एफसीई के अधिकारियों को लताड़ लगाते हुए गेहूं का उठाव जल्द करने व ४८ घंटे में भुगतान करने के निर्देश दिए हैं। जिला कलक्टर के निर्देश पर गुरूवार को एडीएम अशोक कुमार असीजा, डीएसओ अरविंद जाखड़, प्रवर्तन अधिकारी बाबूलाल जानू ने टाउन अनाज मंडी में निरीक्षण किया। इस दौरान भारतीय खाद्य निगम के अधिकारियों को गेहूं शीघ्र उठाने और भुगतान 48 घंटों में करने के निर्देश मौके पर ही दिए गए।
जिला रसद अधिकारी अरविंद जाखड़ ने बताया कि जिले में रबी विपणन वर्ष 2019-20 में गेहूं खरीद का कार्य 14 क्रय केन्द्रों के जरिए भारतीय खाद्य निगम की ओर से किया जा रहा है। रबी विपणन वर्ष 2019-20 में करीब 6 लाख एमटी गेहूं खरीद की संभावना है। जिसमें से 8 मई तक भारतीय खाद्य निगम के की ओर से समर्थन मुल्य पर 2,87,481.25 एमटी गेहूं की खरीद की जा चुकी है। जिसमें से 1,63,479 एमटी गेहूं का उठाव किया जा चुका है। शेष 1, 24, 002.25 एमटी गेहूं शीघ्र उठाव का निर्देश एफसीआई के अधिकारियों को जिला कलक्टर की ओर से दिया गया है। एफसीआई की ओर से 4,235 किसानों को 93,354.90 एमटी गेहूं का 17,109.49 लाख रूपए का भुगतान भी किया जा चुका है।
जलाने पर कार्रवाई
जिला कलक्टर जाकिर हुसैन ने निषेधाज्ञा जारी कर जिले में गेहूं व अन्य फसल के अवशेष या कचरा जलाने पर रोक लगाई है। जिला कलक्टर ने दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए पूरे हनुमानगढ़ जिला क्षेत्र में गेहूं व अन्य फसल के अवशेष या कचरा जलाने को प्रतिबंधित कर दिया है। जारी निषेधाज्ञा में जिला कलक्टर ने अधिकारियों को आदेश की पालना का निर्देश दिया है।
निषेधाज्ञा में लिखा गया है कि जिला हनुमानगढ़ में फसल रबी 2018 में गेहूं की कटाई हो चुकी है। गेहूं की फसल के अवशेष या कचरा को काश्तकारों की ओर से आग लगाए जाने के कारण न केवल धूएं से वायु प्रदूषण फैलता है बल्कि हरे पेड़ भी जल जाते हैं तथा अग्नि से संपत्ति, जान-माल की हानि होने की संभावना भी रहती है। आदेश की अवहेलना या उल्लंघन किए जाने पर भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत दंडित किया जाएगा। उक्त आदेश 30 मई 2019 तक प्रभावशील रहेंगे।