गेहूं की चमक मामले में राहत, पत्रिका ने जगाया तो जगी सरकार, 50 प्रतिशत तक चमकहीन गेहूं खरीदने को मिली मंजूरी
हनुमानगढ़Published: Apr 24, 2019 09:11:30 pm
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गेहूं की चमक मामले में राहत, पत्रिका ने जगाया तो जगी सरकार, 50 प्रतिशत तक चमकहीन गेहूं खरीदने को मिली मंजूरी
गेहूं की चमक मामले में राहत, पत्रिका ने जगाया तो जगी सरकार, 50 प्रतिशत तक चमकहीन गेहूं खरीदने को मिली मंजूरी
हनुमानगढ़. केन्द्र सरकार ने राज्य में किसानों से समर्थन मूल्य पर हो रही गेहूं खरीद के मापदंडों में छूट प्रदान करते हुए फिलहाल 50 प्रतिशत तक चमकहीन गेहूं खरीदने की अनुमति प्रदान कर दी है। बारिश एवं ओलावृष्टि प्रभावित जिलों में 25 अप्रेल से पुन: गेहूं खरीद शुरू हो जाएगी। यह जानकारी बुधवार को जयपुर में खाद्य सचिव मुग्धा सिंन्हा ने दी। उन्होंने बताया कि हाल ही में प्रदेश में बेमौसम बारिश एवं ओलावृष्टि से किसानों की गेहूं की उपज एवं फसल को नुकसान हुआ था, जिसके कारण गेहूं की चमक फीकी हो गई थी। उन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीद के निर्धारित मापदंडों के तहत चमकहीन गेहूं नहीं खरीदा जा सकता है। सिन्हा ने बताया कि किसानों की समस्या को देखते हुए फसल पर गुणात्मक एवं मात्रात्मक क्षति से भारत सरकार को अवगत कराया गया था और उसमें निर्धारित गुणवत्ता मापदंड में गेहूं की चमक को हटाने या अधिकतम रियायत प्रदान करने की अनुमति देने का आग्रह किया गया था। इस पर सरकार ने 50 प्रतिशत तक चमकहीन गेहूं की खरीद की अनुमति दे दी है। उन्होंने बताया कि भारत सरकार से 50 प्रतिशत से अधिक चमकहीन हुए गेहूं की खरीद की अनुमति के लिए भी प्रयास किए जा रहे हंै। सिन्हा ने बताया कि बेमौसम बारिश से मुख्य रूप से हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर, कोटा, बारां एवं बून्दी जिलों में गेहूं की फसल प्रभावित हुई थी। 15 मार्च से कोटा संभाग में तथा 1 अप्रेल से अन्य संभागों में किसानों से समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीद की जा रही है। प्रदेश में गेहूं की खरीद भारतीय खाद्य निगम एवं राजफैड द्वारा स्थापित किये गए केन्द्रों पर हो रही है। गौरतलब है कि हनुमानगढ़ में बेमौसम बारिश से गेहूं की चमक कम होने और एफसीआई की ओर से नहीं खरीदने को लेकर जिला कलक्टर जाकिर हुसैन ने पिछले तीन दिनों से किसानों की समस्या को पुरजोर तरीके से खाद्य सचिव मुग्धा सिन्हा के सामने रखा था। राजस्थान पत्रिका ने सबसे पहले किसानों की इस समस्या को ‘कुदरत के बाद अब सरकारी नियम बरपा रहा कहर’ शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया। इसके बाद प्रशासनिक अधिकारी भी जागे और चमक विहिन गेहूं की सरकारी खरीद करवाने को लेकर प्रयास शुरू किए। जिसका नतीजा है कि सरकार स्तर पर अब पचास प्रतिशत तक चमकहीन गेहूं की खरीद करने को लेकर अनुमति जारी की गई है। इससे किसानों को राहत मिली है।