गत वर्षों में आमसभा के दौरान हुए शोर-शराबे से सबक लेते हुए डेयरी प्रबंधन ने इस बार आमसभा का स्थान बदल दिया। इस बार प्लांट के पास ही हॉल में आमसभा करवाई। इससे पहले गेट पर पुलिस का पहरा बैठाया गया था। आमसभा स्थल पर डेयरी के सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए थे। जो प्रवेश पत्र दिखाने की स्थिति में ही आमसभा स्थल पर प्रवेश दे रहे थे। दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों के सचिव को आमसभा में शामिल नहीं करने पर कुछ सचिव बाहर ही बैठ गए। इस दौरान कुछ सचिवों ने आगे डेयरी को दूध नहीं देने की चेतावनी दी। कुछ सदस्यों की समझाइश पर सभी माने।
कुछ सदस्यों ने आरोप लगाया कि हनुमानगढ़ डेयरी के अफसर जयपुर के दबाव में वहां के घी की मार्केटिंग कर रहे हैं। इससे हनुमानगढ़-श्रीगंगानगर डेयरी की ओर से बनाए जाने वाले घी की गुणवत्ता और बाजार साख प्रभावित होने की आशंका जताई। सदस्यों ने आरोप लगाया कि संघ हित पर व्यक्तिगत हित हावी होने से सारी गड़बड़ी हो रही है। डेयरी की ओर से खरीदी जाने वाले दूध के रेट व बोनस राशि बढ़ाने की मांग सदस्यों ने चैयरमेन के समक्ष रखी। आसमभा समाप्त होने पर कुछ सदस्यों व समिति के सचिव ने नारेबाजी कर डेयरी में भ्रष्टाचार व्याप्त होने का आरोप लगाया। इसकी जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की।
दूध और घी के नकली कारोबार पर रोक लगाने के लिए सदस्यों ने समितियों को प्रति लीटर दी जाने वाली बोनस राशि में बढ़ोतरी करने का सुझाव दिया। सदस्य दीपचंद बेनीवाल ने दो की बजाय पांच रुपए प्रति लीटर बोनस देने का सुझाव दिया। इससे डेयरी में दूध संकलन की मात्रा बढऩे की संभावना जताई। सदस्यों का कहना था कि असली को प्रोत्साहन देकर को नकली को खत्म किया जा सकता है।
गंगमूल डेयरी हनुमानगढ़ का पंजीकरण ३० जनवरी १९८४ को हुआ था। शुरू में दस संघों का एक पथ बनाकर ३०० लीटर प्रतिदिन दूध संकलन शुरूा किया गया। अब श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ जिलों में ५७४ क्रियाशील पंजीकृत समितियों व ५२० संकलन केंद्रों के जरिए ८४७१४ लीटर दूध प्रतिदिन के हिसाब से संग्रहित किया जा रहा है।
-आमसभा में भाग लेने के लिए सुबह ११ बजे से अध्यक्ष पहुंचने लगे।
-१२.२८ बजे औपचारिक रूप से डेयरी की आमसभा शुरू हुई।
-१२.३० बजे डेयरी एमडी पवन कुमार गोयल ने अपना उद्बोधन दिया।
-डेयरी चैयरमेन जसवीर सहारण ने
-१.२७ बजे डेयरी के चैयरमेन जसवीर सहारण ने वार्षिक आमसभा के समापन की घोषणा की।