मानसरोवर लूट : दिनभर हाथ पांव मारती रही पुलिस, नहीं लगा आरोपियों का कोई सुराग जानकारी के अनुसार रविवार दोपहर स्टेशन से मालगाड़ी सूरतगढ़ की ओर चली लेकिन लखूवाली के पास अचानक इंजन के पीछे करीब 8-10 डिब्बों से जुड़ा हुक खुल गया। इससे 8-10 डिब्बों सहित इंजन आगे चला गया व शेष करीब 40 डिब्बे पीछे रह गए। बाद में गार्ड की मौजूदगी में डिब्बों को हुक से जोड़कर मालगाड़ी को रवाना किया गया।
अनजान बने रहे रेलवे अधिकारी
इस संबंध में स्टेशन मास्टर होरीलाल का कहना था कि वे दोपहर में ड्यूटी पर नहीं थे इसलिए घटना का पता नहीं चल सका। एएसएम दलीप कुमार ने बताया कि उन्हेें किसी व्यक्ति ने घटना की जानकारी दी थी कि लेकिन वे उस समय ड्यूटी पर आ रहे थे। उन्होंने स्टेशन पहुंचकर एएसएम सत्यजीत से जानकारी ली।
इस संबंध में स्टेशन मास्टर होरीलाल का कहना था कि वे दोपहर में ड्यूटी पर नहीं थे इसलिए घटना का पता नहीं चल सका। एएसएम दलीप कुमार ने बताया कि उन्हेें किसी व्यक्ति ने घटना की जानकारी दी थी कि लेकिन वे उस समय ड्यूटी पर आ रहे थे। उन्होंने स्टेशन पहुंचकर एएसएम सत्यजीत से जानकारी ली।
राजस्थान में इस महाविद्यालय के विद्यार्थियों को मिली सौगात, जल्द स्थापित होंगे डिजिटल क्लासरूम सत्यजीत ने लोको पायलट से वॉकी-टॉकी से सम्पर्क करने का प्रयास किया लेकिन सम्पर्क नहीं हो सका। इसके बाद चालक इंजन से डिब्बे जोड़कर सूरतगढ़ की ओर मालगाड़ी को ले गया। घटनास्थल के आसपास के खेतों के किसान व ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गई। गनीमत रही कि जान-माल का नुकसान नहीं हुआ।
सवारी गाड़ी का समय पिटा
इस दौरान दोपहर में सूरतगढ़ से बठिण्डा की ओर जाने वाली सवारी गाड़ी (54701) विलम्ब से स्टेशन पर पहुंची। विलम्ब के चलते सवारियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। गौरतलब है कि 14 सितंबर को हनुमानगढ़ के पास एक यात्रीगाड़ी का इंजन भी तीन बार डिब्बों से अलग हो गया था।
इस दौरान दोपहर में सूरतगढ़ से बठिण्डा की ओर जाने वाली सवारी गाड़ी (54701) विलम्ब से स्टेशन पर पहुंची। विलम्ब के चलते सवारियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। गौरतलब है कि 14 सितंबर को हनुमानगढ़ के पास एक यात्रीगाड़ी का इंजन भी तीन बार डिब्बों से अलग हो गया था।