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मंडी शुल्क वसूली में सख्ती के साथ सचिव की पॉवर बढ़ा सकती है सरकार

locationहनुमानगढ़Published: Dec 03, 2020 08:46:27 am

Submitted by:

Purushottam Jha

https://www.patrika.com/hanumangarh-news/
राज्य सरकार अब राजस्थान कृषि उपज विपणी अधिनियम 1961 में संशोधन करके किसानों व व्यापारियों के दिलों में अपनी सॉफ्ट इमेज बनाने के प्रयास में लगी है।
 

मंडी शुल्क वसूली में सख्ती के साथ सचिव की पॉवर बढ़ा सकती है सरकार

मंडी शुल्क वसूली में सख्ती के साथ सचिव की पॉवर बढ़ा सकती है सरकार

मंडी शुल्क वसूली में सख्ती के साथ सचिव की पॉवर बढ़ा सकती है सरकार
-राजस्थान सरकार ने कृषि विधेयक में संशोधन का प्रारूप किया तैयार
-डीम्ड मार्केट तैयार कर राज्य सरकार किसानों को फसल खरीद-फरोख्त का दे सकती है विकल्प
हनुमानगढ़. इन दिनों खेती व किसानी का मुद्दा फिर से चर्चा में है। केंद्र सरकार की ओर से लागू तीनों कृषि बिलों के विरोध में पंजाब के किसानों की ओर से दिल्ली कूच करने के बाद अब राजस्थान में भी हलचल शुरू हो गई है। ऐसे वक्त में राज्य सरकार अब राजस्थान कृषि उपज विपणी अधिनियम १९६१ में संशोधन करके किसानों व व्यापारियों के दिलों में अपनी सॉफ्ट इमेज बनाने के प्रयास में लगी है। हाल ही में राज्य सरकार ने राजस्थान कृषि उपज विपणी अधिनियम में संशोधन के प्रस्ताव का मसौदा तैयार कर लिया है। इस पर विचार-विमर्श के बाद जल्द संशोधन का प्रस्ताव केबिनेट की बैठक में रखने की तैयारी है। संशोधन का जो प्रस्ताव तैयार किया गया है उसमें सीज व सर्च की शक्तियां मंडी समिति सचिव या राजपत्रित अधिकारियों को देने, मंडी शुल्क चोरी करने पर सजा तीन माह से बढ़ाकर छह महीने करने के साथ ही न्यूनतम बीस हजार रुपए का जुर्माना लगाने, डीम्ड मार्केट तैयार करने, वेयर हाउस, कोल्ड स्टोरेज को गौण मंडी यार्ड का दर्जा देने, फसल खरीद-फरोख्त की शिकायत एसडीएम व कलक्टर के साथ ही मंडी समिति सचिव, डायरेक्टर को करने सहित अन्य बदलावों का जिक्र किया गया है। बताया जा रहा है कि राजस्थान कृषि उपज विपणी अधिनियम ३८ राष्ट्रपति से अनुमोदित है।
बोर्ड गठन प्रक्रिया भी बदलने के आसार
राजस्थान कृषि संबंधी विधेयक के प्रस्तावित संसोधन मसौदे के तहत मार्केट कमेटियों के गठन प्रक्रिया में भी बदलाव संभव है। इसमें मार्केट कमेटियों का गठन राज्य सरकार की ओर से नोमिनेटेड तरीके से हो सकता है। अभी मार्केट कमेटियों का पहला बोर्ड नोमिनेटेड व इसके बाद का बोर्ड निर्वाचित होता है। राज्य सरकार अब नोमिनेटेड बोर्ड को निरंतर प्रोत्साहन देने पर विचार कर रही है।
मंडी शुल्क पर नजर
राज्य सरकार की ओर से कृषि संबंधी विधेयक में संशोधन का जो प्रस्ताव तैयार किया गया है, उसमें डीम्ड मार्केट में अधिकतम दो रुपए प्रति सैंकड़ा की दर तक मंडी शुल्क व यूजर चार्जेज लगाने का सुझाव दिया गया है। अभी फसल वाइज शुल्क निर्धारित है। नए संशोधन प्रस्ताव के तहत मुख्य मंडी यार्ड के बाहर प्रत्यक्ष विपणन संग्रहण केंद्र स्थापित करने का सुझाव दिया गया है। जिससे मंडी शुल्क वसूली में दिक्कत नहीं आए।
…..फैक्ट फाइल…..
-हनुमानगढ़ जिले में रबी सीजन में पांच लाख हेक्टेयर से अधिक में फसलों की बिजाई होती है।
-अकेले गेहूं की फसल एफसीआई की ओर से खरीदने पर हनुमानगढ़ व श्रीगंगानगर जिले के किसानों को २५०० करोड़ रुपए का भुगतान होता है।
-गेहूं उत्पादन में हनुमानगढ़ व श्रीगंगानगर जिला पूरे प्रदेश में अव्वल है।
-कृषि विपणन खंड हनुमानगढ़ कार्यालय को वर्ष २०१९-२० में कुल ६७७७.४७ लाख रुपए का मंडी शुल्क प्राप्त हुआ।

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