मुहिम से प्रयास शुरू
जिले में कन्याओं के लिए एक भी सरकारी कॉलेज नहीं होने को मुद्दा बनाते हुए पत्रिका ने अभियान चलाकर निरंतर समाचार छापे। जिला बनने को दो दशक से भी ज्यादा समय बीतने के बावजूद एक भी सरकारी कन्या कॉलेज नहीं होने की समस्या को प्रमुखता से उठाया। जन प्रतिनिधियों की भूमिका भी जनता के सामने रखी। मीरा कॉलेज के सरकारीकरण और फिर उसे पिछली सरकार के निरस्त करने तथा मौजूदा सरकार के रवैये को लेकर समाचार छापे। इससे नई बनी कांग्रेस सरकार, इसके विधायकों तथा पार्टी पदाधिकारियों पर दबाव बना। इसका परिणाम यह रहा कि कांग्रेस विधायकों, कांग्रेस जिलाध्यक्ष आदि ने जिला प्रभारी मंत्री व शिक्षा मंत्री गोविन्द डोटासरा के समक्ष सरकारी कन्या कॉलेज की मांग को मुखरता से उठाया। नागरिक संगठन भी पत्रिका के अभियान से जागे तथा निरंतर विरोध प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपे तथा मुख्यमंत्री को पत्र लिखे। आखिरकार जनता की समस्या पर संवेदनशीलता दिखाते हुए राज्य सरकार ने इस बरस एक ही बल्कि दो-दो कन्या कॉलेज की सौगात दी।