राज्य सरकार की ओर से केंद्र सरकार को भिजवाई गई अनुसंशा के अनुसार पहले बरस क्षेत्र में ०.५० लाख एमटी धान की सरकारी खरीद करने का निर्णय लिया गया है। यानी इस बार पांच लाख क्विंटल धान की सरकारी खरीद होगी। इसके लिए २८६० गांठ बारदाने की जरूरत पड़ेगी। खरीद को लेकर एफसीआई को नोडल एजेंसी नियुक्त किया गया है। वर्ष २०१८-१९ की बात करें तो हनुमानगढ़ मंडी क्षेत्र में ११२४६५ एमटी धान की आवक हुई थी। इसी तरह वर्ष २०१९-२० में ९५९८४ एमटी व वर्ष २०२०-२१ में ७४७३६ एमटी धान की आवक हुई थी।
हनुमानगढ़. संयुक्त किसान मोर्चा हनुमानगढ़ की ओर से धान की सरकारी खरीद शुरू करने की मांग को लेकर पिछली चार अक्टूबर से लगातार जिला कलक्ट्रेट कार्यालय पर महापड़ाव चल रहा है। पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत किसानों व मजदूरों द्वारा कृषि उपज मंडी समिति कार्यालय का घेराव कर धान की बोली रुकवाई गई। मंडी समिति के अधिकारियों को चेतावनी दी कि जब तक एफसीआइ के द्वारा धान की सरकारी खरीद शुरू नहीं की जाती तब तक मंडी समिति का बोली रजिस्टर बाहर धान की मंडी में बोली के लिए न जाने दें। क्योंकि व्यापारी एमएसपी से कम कीमत पर किसान का माल खरीदते हैं। इससे किसान को 300 से 400 रुपए प्रति क्विंटल नुकसान हो रहा है। किसान नेता ओम स्वामी ने कहा कि सरकार ने धान का एमएसपी तय किया हुआ है मंडी समिति का ऑफिस सरकारी है और जो मंडी समिति में अधिकारी बैठते हैं वह भी सरकारी हैं। उनका जो रजिस्टर है वह भी सरकारी है। उस रजिस्टर को ले जाने वाला व्यक्ति भी सरकारी है तो किसान की फसल का रेट सरकार द्वारा निर्धारित रेट से कम क्यों लिया जा रहा है। धान की बोली जब तक नहीं होगी जब तक सरकारी खरीद शुरू नहीं हो जाती। किसानों को भी समझाया जाएगा कि वह अपना धान मंडी में ना लेकर आए जब तक सरकारी खरीद शुरू नहीं हो जाती इसलिए उन्होंने सभी किसान भाइयों से भी अपील की है कि वह सरकारी खरीद शुरू होने तक अपना धान कृषि मंडी में नहीं लेकर आएं। आमिर खान, गुरनायब सिंह ,अलीशेर ,जसपाल सिंह , रामस्वरूप बागड़ी मौजूद थे