2018-19 में 273 कंपोजिट व 26 शहरी क्षेत्र की अंग्रेजी मदिरा की दुकानों के आवेदन शुल्क 12 करोड़ 27 लाख, अंग्रेजी मदिरा की दुकानों की लाइसेंस फीस 4 करोड़ 16 लाख रुपए जमा हुए. आठ करोड़ रुपए कंपोजिट मदिरा की दुकानों की फीस जमा हुई थी। कुल राजस्व 198.32 करोड़ हुआ। इसमें 24.43 करोड़ में सीधे तौर पर हुआ और शेष 173.89 करोड़ का राजस्व 190 लाख लीटर शराब की ब्रिकी से हुई एक्साइज डयूटी से हुआ। जिले में अंग्रेजी मदिरा की दुकानें भादरा नगर पालिका क्षेत्र में तीन, नोहर में पांच, पीलीबंगा नगरपालिका क्षेत्र में तीन, संगरिया निकाय क्षेत्र में दो अंग्रेजी, टाउन में छह व जंक्शन क्षेत्र में सात अंग्रेजी मदिरा की दुकाने हैं।
17.74 लाख आबादी के हनुमानगढ़ जिले ने 2018-19 में 190 लाख लीटर कुल शराब गटकी, इसमें 15 लाख लीटर अंग्रजी शराब, 28 लाख लीटर बीयर व 146.5 लीटर देसी शराब एक वर्ष में खपत हुई है। इस वित्तीय वर्ष आबकारी ने देसी शराब की खपत पर बीस प्रतिशत कटौती दो कर दी, लेकिन 130 रुपए (एलपीएल) लंदन प्रूफ लीटर की जगह बढ़ोतरी करते हुए 160 एलपीएल कर दी है। यह बढ़ोतरी विशेष श्रेणी की पचास यूपी की देसी मदिरा पर हुई है।
मदिरा बेचकर 1155 करोड़ टैक्स नहीं बटोरा तो होगी कार्रवाई
दो जून 2019 को आबकारी आयुक्त ने 2019-20 के लिए आबकारी राजस्व लक्ष्य के निर्धारण कर आदेश जारी किए। इसमें 2367745 आबादी के जिला बीकानेर में 345 करोड़ का राजस्व, बीस लाख की आबादी के जिला चूरू में 230 करोड़, 17.74 लाख आबादी के जिला हनुमानगढ़ के लिए 250 करोड़ व 19.7 लाख की आबादी वाले श्रीगंगानगर जिले के लिए 330 करोड़ रुपए निधार्रित किया गया है। इस आदेश में साफ लिखा है यदि राजस्व लक्ष्यों को प्राप्त करने या राजस्व वसूली में किसी भी स्तर पर शिथिलता या कोताही बरती जाएगी तो संबंधित के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही होगी।
2019-20 वित्तीय वर्ष के लिए 17.74 लाख आबादी के हनुमानगढ़ जिले के लिए लक्ष्य 250 करोड़ है, जबकि बांसवाड़ा जिले की जनसंख्या 17.97 होने के बावजूद लक्ष्य 191 करोड़ निधार्रित किया गया है। जिला करौली की जनसंख्या 14.58 लाख है, लक्ष्य 115 करोड़ व 14 लाख की आबादी वाले झालावाड़ जिले के लिए 181 करोड़ का आबकारी राजस्व लक्ष्य दिया गया है।
2019-20 में जयपुर शहर के लिए 1400 करोड़ का राजस्व का निर्धारण किया गया है। इसका मतलब है हनुमानगढ़ की तर्ज पर 2018-19 में 173 करोड़ के राजस्व 190 लाख लीटर शराब की खपत से एकत्रित हुआ। इसी तरह जयपुर शहर की तुलना की जाए तो 2019-20 में 1400 करोड़ राजस्व बटौरने के लिए करीब 1200 से 1300 लाख लीटर शराब की खपत करनी होगी। 2018-19 में हनुमानगढ़ का कुल राजस्व 272 करोड़ लक्ष्य में से 198 करोड़ ही हो पाया था। इसमें 25 करोड़ रुपए आवेदन व लाइसेंस फीस व शेष राशि राजस्व शराब की खपत से हो पाया। 2019-20 में उदयपुर में 707 करोड़ का राजस्व, जोधपुर में 650 करोड़ का राजस्व व अजमेर में 545 करोड़ के राजस्व का लक्ष्य रखा गया है।
सन पांच वर्षों का लक्ष्य (करोड़ में) प्राप्त किया (करोड़)
2015-16 202 182.55
2016-17 214.77 171.86
2017-18 228.70 183.18
2018-19 272.68 198
इस बार खपत कम होगी
विभाग ने हनुमानगढ़ जिले में आबकारी राजस्व का लक्ष्य 250 करोड़ रखा है। गत वर्ष में यह लक्ष्य 272 करोड़ था। इस बार 50 यूपी देसी शराब की खपत पर बीस प्रतिशत की कटौती की है और 130 रुपए एलपीएल से 160 रुपए एलपीएल निर्धारित किया है। इससे शराब की खपत कम होगा और राजस्व पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा
सहदेव रत्नू, जिला आबकारी अधिकारी, हनुमानगढ़