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सरकारी खजाना खाली, कैसे बने गरीबों के आवास

locationहनुमानगढ़Published: Dec 15, 2019 11:24:52 am

Submitted by:

Purushottam Jha

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हनुमानगढ़. पूरा प्रदेश इन दिनों सर्दी की जकड़ में हैं। इस बीच जिन लोगों को सिर छिपाने को अपना घर तक नसीब नहीं है उनके हालात बद से बदत्तर हो रहे हैं। कच्चे आवास वाले परिवारों को पक्का आवास उपलब्ध करवाने के लिए केंद्र सरकार ने गत बरसों में जब पीएम आवास योजना चलाई तो गरीबों में इस बात की उम्मीद जगी कि अब उनको भी पक्की छत नसीब होगी।
 

सरकारी खजाना खाली, कैसे बने गरीबों के आवास

सरकारी खजाना खाली, कैसे बने गरीबों के आवास

सरकारी खजाना खाली, कैसे बने गरीबों के आवास
-पीएम आवास योजना के तहत प्रदेश में ३१५२४ परिवारों को पहली किश्त भी नहीं हुई नसीब
-वर्ष २०१९-२० में कुल ३६२९६६ परिवारों को आवास निर्माण करवाने का दावा, लेकिन राज्य सरकार को अभी तक फंड ही नहीं किया जारी
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हनुमानगढ़. पूरा प्रदेश इन दिनों सर्दी की जकड़ में हैं। इस बीच जिन लोगों को सिर छिपाने को अपना घर तक नसीब नहीं है उनके हालात बद से बदत्तर हो रहे हैं। कच्चे आवास वाले परिवारों को पक्का आवास उपलब्ध करवाने के लिए केंद्र सरकार ने गत बरसों में जब पीएम आवास योजना चलाई तो गरीबों में इस बात की उम्मीद जगी कि अब उनको भी पक्की छत नसीब होगी। लेकिन सरकारी तंत्र की कुछ अड़चनों के चलते प्रदेश में हजारों ऐसे परिवार हैं, जिनको वर्ष २०१९-२० में पीएम आवास योजना की पहली किश्त अभी तक नहीं मिल पाई है। इसके कारण वह आवास निर्माण शुरू ही नहीं करवा पाए हैं। प्रदेश की बात करें तो वर्ष २०१९-२० में कुल ३६२९६६ परिवारों को आवास निर्माण के लिए किश्त जारी करनी थी। लेकिन १३ दिसम्बर २०१९ तक ३३१४४२ परिवारों को ही आवास निर्माण के लिए पहली किश्त जारी की गई है। इस तरह ३१५२४ परिवार ऐसे हैं जिनको पहली किश्त अभी तक जारी नहीं हो पाई है। इस स्थिति में इन परिवारों के लिए पक्के आवास का सपना आज भी ‘सपना’ ही बना हुआ है। गरीबों के आवास पर सरकार कुंडली क्यों मारे बैठी है, इस बारे में अफसरों के बोल भी अलग-अलग सुनने को मिल रहे हैं। कुछ अधिकारी मरुधरा ग्रामीण बैंक का सीआईएफसी कोड बदलने तो कुछ अधिकारी फंड का अभाव होने से किश्त जारी करने में हो रही देरी का कारण बता रहे हैं। हनुमानगढ़ जिला परिषद सीईओ परशुराम धानका ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना में कई परिवारों को पहली किश्त जारी करने में दिक्कतें आ रही है। क्योंकि मरुधरा ग्रामीण बैंक के नए कोड जारी कर दिए गए हैं। जिला परिषद की टीम आवासहीन लोगों को आवास का लाभ दिलाने के प्रयास में जुटी हुई है। वहीं भादरा तहसील के बीडीओ दिलीप कुमार के अनुसार स्टेट फंड में पैसा नहीं आने के कारण लाभार्थियों को किश्त जमा करवाने में देरी हो रही है। इस संबंध में उच्चाधिकारियों को अवगत करवा दिया गया है।
तीनों में दिक्कत
पंचायतीराज विभाग के अधिकारियों के अनुसार गांवों में पीएम आवास योजना के तहत जो आवेदन आए हैं, उनमें कई परिवारों के बैंक खाते मरुधरा ग्रामीण बैंक में हैं। प्रदेश में इनकी संख्या हजारों में है। जबकि कुछ माह पहले ही मरुधरा ग्रामीण बैंक का सीएफसी कोड बदल दिया गया है। इसके कारण पहली, दूसरी और तीसरी किश्त जमा करवाने में दिक्कतें आ रही है। सरकार के पोर्टल पर जब डाटा अपलोड करते हैं तो कोड के चक्कर में सारा मामला बिगड़ जाता है। इस संबंध में मरुधरा ग्रामीण बैंक हनुमानगढ़ के रीजनल मैनेजर संजीव झालानी ने बताया कि पहले हमारी बैंक की सभी ७०० ब्रांचों का एक ही सीआईएफसी कोड होता था। लेकिन अब रिजर्व बैंक की ओर से स्वीकृति मिलने के बाद सभी ७०० ब्रांचों का अलग-अलग कोड जारी कर दिया गया है।
मिलते हैं एक लाख बीस हजार
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवासहीन लोगों को पक्के आवास का निर्माण करवाने के लिए कुल एक लाख बीस हजार रुपए का आर्थिक सहयोग सरकार की तरफ से दिया जाता है। इसमें पहली किश्त के तौर पर १५ हजार, दूसरी ४५ व तीसरी किश्त ६० हजार की दी जाती है। चरणबद्ध तरीके से जैसे-जैसे निर्माण पूरा होता है, वैसे ही संबंधित परिवार को भुगतान भी प्राप्त होता रहा है। लेकिन हनुमानगढ़ जिले में स्थिति यह है कि करीब ७०० परिवारों को तो चालू वर्ष में पहली किश्त तक जारी नहीं हुई है। इसके अलावा कुछ परिवार ऐसे हैं जो दूसरी और तीसरी किश्त के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने को मजबूर हो रहे हैं।
जिला वंचित
हनुमानगढ़ ०७४६
बाड़मेर ३५६०
बांसवाड़ा ४५००
डूंगरपुर २४२०
अजमेर २९८
अलवर ०८१
बारां ११४
भीलवाड़ा ८४४
बीकानेर ७९४
बंूदी ३१४
चितौडग़ढ़ २०५
चूरू ६३१
दौसा १३८
धौलपुर १७४
जयपुर ५७३
जैसलमेर ६६७
जालौर २१५१
झालावाड़ ५१९
झुंझुंनू ०२०
जोधपुर २९०८
करौली ५४३
कोटा ०६८
नागौर १२३२
पाली २१२३
प्रतापगढ़ ५६४
राजसमंद २२९
सवाईमाधोपुर १३८
सीकर २०१
सिरोही ४८५
श्रीगंगानगर २३४
टोंक १५२४
उदयपुर २४४२
(नोट: उक्त संख्या पीएम आवास योजना के तहत वर्ष २०१९-२० में स्वीकृत उन परिवारों की है, जिनको पहली किश्त अभी तक जारी नहीं हुई है।)
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