लखनऊ.सीएम अखिलेश यादव ने शनिवार को अपनी टीम में कुछ नए खिलाड़ी शामिल किए। इनमें सबसे ज्यादा चर्चा बलवंत सिंह रामू वालिया का है। खास बात यह है कि यूपी मंत्रिमंडल में जगह बनाने वाले बलवंत सिंह रामू वालिया का संबंध पंजाब से है। वे यूपी में न तो विधायक हैं और न ही एमएलसी। वे अकाली दल के नेता रहे हैं। सपा मुखिया मुलायम सिंह के काफी करीबी माने जाते हैं, जब वे केंद्र सरकार में रक्षा मंत्री में थे तो वालिया भी कैबिनेट मंत्री थे।
बलवंत सिंह उर्फ़ रामूवालिया का जन्म पंजाब में 15 मार्च 1942 को हुआ था।उनके पिता करनैल सिंह पारस एक मशहूर कवि थे। उन्होंने अखिल भारतीय सिख छात्रसंघ में शामिल होने के लिए 1963 में भारत का छात्र फेडरेशन के महासचिव के रूप में छात्र राजनीति से अपने राजनीतिक कैरियर शुरू किया।
वे साल 1968-72 तक अखिल भारतीय सिख छात्रसंघ के अध्यक्ष रहे। इसके बाद वे अकाली दल में शामिल हो गए। फरीदकोट और संगरुर से दो बार सांसद चुने गए। 1996 में बलवंत सिंह ने राज्यसभा का चुनाव लड़ने के लिए अकाली दल छोड़ दिया। उन्होंने लोक भलाई पार्टी के नाम से अपनी अलग पार्टी भी बनाई। हालांकि, नवंबर 2011 में अपनी पार्टी को अकाली दल में विलय करा दिया। उन्होंने 2012 में मोहाली से पंजाब विधानसभा के लिए चुनाव लड़ा और हार गए।
बलवंत सिंह वालिया का राजनीतिक सफर - ऑल इंडिया सिख स्टूडेंट्स फेडरेशन प्रेसिडेंट
- पंजाबी भलाई मंच प्रेसिडेंट -1968-72
- महासचिव एस ऍफ़ आई - 1963-1964
- प्रचार सचिव, शिरोमणि अकाली दल - 1975-77 और 1980-82
- महासचिव, शिरोमणि अकाली दल - 1985-1987
- नेता, अकाली दल समूह, 8वीं लोकसभा
- सीनेट पंजाबी विश्वविद्यालय, पटियाला के सदस्य - 1978-1980
- सिंडीकेट, पंजाबी विश्वविद्यालय पटियाला के सदस्य
- इंडियन एयरलाइंस के सदस्य - 1991-1993
- 6 और 8 वीं लोकसभा, बोर्ड के सदस्य
- लोक लेखा समिति के सदस्य 1987-1988
- सरकारी उपक्रमों के सदस्य - 1988-89
- कार्यमंत्रणा समिति के सदस्य - 1978-1979
- उद्योग मंत्रालय की सलाहकार समिति के सदस्य - 1985-89
- विदेश मंत्रालय के सदस्य
- श्रम और कल्याण सदस्य - 1978-79
- अकाली दल संसद के सदस्य
- समाज कल्याण मंत्री - 1996-98
- नवंबर में राज्यसभा के लिए निर्वाचित - 1996
- कैबिनेट मंत्री उत्तर प्रदेश 2015