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हनुमानगढ़: ताकि शहर व गांवों में नहीं फैले धुआं, खेतों में पराली जलाने से रोकने को लेकर प्रशासन ने बनाया प्लान

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हनुमानगढ़: ताकि शहर व गांवों में नहीं फैले धुआं, खेतों में पराली जलाने से रोकने को लेकर प्रशासन ने बनाया प्लानहनुमानगढ़. जिले में इस बार धान की अच्छी फसल हुई है। जो किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूती प्रदान करेगी। लेकिन धान काटने के बाद इसकी पराली को खेतों में ही जलाने से शहर व गांवों में धुआं फैलने की समस्या भी आ सकती है।
 

हनुमानगढ़Sep 24, 2020 / 08:31 am

Purushottam Jha

हनुमानगढ़: ताकि शहर व गांवों में नहीं फैले धुआं, खेतों में पराली जलाने से रोकने को लेकर प्रशासन ने बनाया प्लान

हनुमानगढ़: ताकि शहर व गांवों में नहीं फैले धुआं, खेतों में पराली जलाने से रोकने को लेकर प्रशासन ने बनाया प्लान

हनुमानगढ़: ताकि शहर व गांवों में नहीं फैले धुआं, खेतों में पराली जलाने से रोकने को लेकर प्रशासन ने बनाया प्लान
हनुमानगढ़. जिले में इस बार धान की अच्छी फसल हुई है। जो किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूती प्रदान करेगी। लेकिन धान काटने के बाद इसकी पराली को खेतों में ही जलाने से शहर व गांवों में धुआं फैलने की समस्या भी आ सकती है। इस संभावित समस्या से निपटने को लेकर जिला प्रशासन ने कार्य योजना बना ली है।
फसल अवशेष प्रबंधन की कार्ययोजना के क्रियान्वयन को लेकर कलक्टर जाकिर हुसैन की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समन्वय एवं निगरानी समिति की बैठक भी हाल में संपन्न हो चुकी है। जिला कलक्टर ने अबकी बार खेतों मेें पराली जलाने वाले किसानों पर सख्त कार्रवाई करने की चेतावनी दी है। जिला कलक्टर ने कृषि अधिकारियों को निर्देश दिया है कि फील्ड स्टॉफ के माध्यम से ग्राम पंचायत स्तर पर कृषक गोष्ठियां आयोजित कर धान की पराली के प्रबंधन को लेकर कृषकों को तकनीकी जानकारी प्रदान की जाए।
जिससे कि धान की पराली जलाने से पर्यावरण तथा भूमि की उर्वरा शक्ति को होने वाले नुकसान के बारे में समुचित जानकारी किसानों को मिल सके। समझाइश के बाद भी नहीं मानने वाले किसानों पर नियमानुसार जुर्माना लगाने के निर्देश भी प्रशासन ने दिए हैं। इसके लिए जिले के समस्त खेतों की सेटेलाइट के जरिए निगरानी करवाने की योजना है। ताकि ऐसा करने वाले किसान को आसानी से पहचाना जा सके और पराली जलाने वाले कृषकों के विरुद्ध कार्रवाई कर उनसे जुर्माना वसूला जा सके।
देंगे अनुदानित कृषि यंत्र
कटाई के बाद फसल अवशेष को खेत में जलाने से रोकने को लेकर कार्ययोजना तैयार कर जयपुर के कृषि आयुक्तालय को भिजवा दी गई है। इस कार्ययोजना के अंतर्गत विभिन्न प्रकार के कृषि यंत्र, उपकरण जैसेे हैप्पीसीडर, सुपर सीडर, रोटावेटर, बैलर, चौपर, स्ट्रारीपर एवं मल्चर इत्यादि 75 प्रतिशत अनुदान पर उपलब्ध करवाने के प्रस्ताव भिजवाए गए हंै।
पराली के उपयोग पर चर्चा
जिला प्रशासन के साथ हुई समन्वय बैठक में संगरिया तहसील के रतनपुरा से आए संजोग सुगर्स एंड इको पावर बायोमास प्लांट के प्रतिनिधि को सुझाव दिया कि उनके प्लांट में प्रयोग किए जाने वाले लगभग चार लाख मैट्रिक टन धान की पराली की खरीद जहां तक संभव हो हनुमानगढ़ जिले के कृषकों से करें। इसके अलावा हनुमानगढ़ जंक्शन स्थित राईजो ऑग्रेनिक प्लांट इण्डस्ट्रीयल ऐरिया के प्रतिनिधि बलविंद्र यादव को भी सुझाव दिया कि आपके प्लांट में पशुआहार तैयार किया जा रहा है, जिसमें कृषकों से धान की पराली क्रय कर प्रोटीन युक्त पशुआहार तैयार करें। ताकि जिले में फसल अवशेष के रूप में उपलब्ध धान की पराली का सदुपयोग हो सके।
यह है जुर्माने का प्रावधान
खेतों में पराली जलाने पर किसानों से जुर्माना वसूल किया जाएगा। जुर्माने के तहत दो एकड़ (3.30 बीघा) क्षेत्रफल तक 2500 रुपए, दो एकड़ (3.20 बीघा) से अधिक पांच एकड़ (8 बीघा) से कम क्षेत्रफल तक 5000 रुपए तथा पांच एकड़ (8 बीघा) से अधिक क्षेत्रफल में फसल अवशेष जलाने पर 15000 रुपए तक पर्यावरण क्षतिपूर्ति के रूप में जुर्माना लगाए जाने का प्रावधान है।
…….फैक्ट फाइल….
-जिले में ३६००० हेक्टेयर में धान की बिजाई हुई।
-पराली जलाने की समस्या से निपटने को 75 प्रतिशत अनुदान पर कृषि यंत्र देने की प्लानिंग।
-खेत में पराली जलाने पर २५०० से १५००० रुपए तक जुर्माना वसूलने का प्रावधान।
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